गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कतकी मेला, ये है खास
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लखनऊ : गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल कतकी मेला (Katki Mela in Lucknow) खास तौर पर महिलाओं की खरीदारी के लिए था. ये मेला पहले गोमती नदी पर बने डालीगंज के पुल पर होता था. इस मेले में घर की सजावट और घर में इस्तेमाल होने वाली हर छोटी-बड़ी चीज आपको मिल जाएगी. नवाबों के शहर लखनऊ के ऐतिहासिक ‘कतकी मेले’ में जो पूरे एक महीने तक चलता है. कहते हैं कि इस मेले की शुरुआत अवध के नवाबों के समय में हुई थी. लखनऊ के सबसे पुराने मेलों में से एक कतकी मेला गोमती नदी के किनारे लगा हुआ है. कहा जाता है कि अवध के नवाबों ने छोटे दुकानदार और मिट्टी का बर्तन बनाकर बेचने वालों को एक जगह सामान बेचने के लिए जगह दी. कार्तिक माह में एक महीने तक एक जगह मेला लगाने के लिए व्यवस्था की. हिंदू मुस्लिम सभी दुकानदार इसमें थे. इसी से इस मेले की परंपरा शुरू हुई. मेले के बारे में कई रोचक बातें भी हैं. कहा जाता है कि ये मेला खास तौर पर महिलाओं की खरीदारी के लिए था, इसलिए ये मेला आधी रात तक चलता था. तब महिलाएं समूह में आकर इस मेले में रात में घर के सामान की खरीदारी करती थीं और सुबह पुरुषों के जागने से पहले ही लौट जाती थीं. आज भी मेले का रंग दोपहर बाद से चढ़ता है और शाम को इसमें सबसे ज़्यादा रौनक दिखाई पड़ती है. अभी भी मेले में घरेलू इस्तेमाल की चीजें ज़्यादा खरीदी जाती हैं. अलग अलग जिलों से आने वाले दुकानदार बताते हैं कि महीना भर चलने वाले इस मेले में कमाई का अच्छा मौका मिल जाता है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:35 PM IST