नवरात्र का पहला दिन : बड़ी काली माता के मंदिर में उमड़े श्रद्धालु, भक्तों ने किया कीर्तन भजन
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लखनऊ : बुधवार से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो गई है. नवरात्र के आरंभ में प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा उपासना की जाती है. प्रथम दिन कलश या घट की स्थापना होती है. मां शैलपुत्री की शक्तियां अनन्त हैं.
पुराने चौक में स्थित बड़ी काली माता के मंदिर में बुधवार को काफी भीड़ रही. सुबह चार बजे से ही मंदिर में भक्तों का आना शुरू हो गया था. मंदिर के स्वामी हंसानंद ने बताया कि हिंदू धर्म के अनुसार आज से नव वर्ष की शुरुआत हो चुकी है. मंदिर में इस समय जनकल्याण के लिए महापूजा हो रही है. ऐसा माना जाता है कि बड़ी काली मां के मंदिर में जो रोजाना आकर पूजा पाठ करता है उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है. नवरात्र के पहले दिन मंदिर में काफी भीड़ रही. भक्तों ने पूजापाठ के साथ भजन कीर्तन भी किया.
प्राचीन मंदिर का इतिहास : प्राचीन बड़ी काली मंदिर लखनऊ का एक ऐसा मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि जब मुगलों द्वारा मंदिरों को तोड़ा जा रहा था तब लखनऊ के काली मंदिर में भी मुगल हमला करने वाले थे. जिसके बाद मंदिर के पुजारी ने मां काली की मूर्ति को एक कुएं में डाल दिया था, जिससे कि मुगल मूर्ति को खंडित ना कर सकें. उसके बाद उन्ही पुजारी के सपने में आया कि वह मूर्ति कुएं से निकाली जाए. जब लोगों द्वारा मूर्ति को निकाला गया तो उसका स्वरूप ही अलग मिला.
निकली भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की मूर्ति : यह सुनकर आपको काफी आश्चर्य भी होगा, लेकिन मान्यता यही है कि जिस कुएं में मां काली की मूर्ति को छिपाया गया था जब उस कुएं से मूर्ति निकाली गई तो काली माता की मूर्ति की जगह विष्णु और लक्ष्मी जी की मूर्ति निकली. जिसके बाद मंदिर में उसी मूर्ति की पूजा अर्चना होने लगी. मंदिर के पुजारी की मानें तो इस मंदिर में विष्णु लक्ष्मी जी की मूर्ति को भी मां काली की ही मूर्ति मानकर पूजा जाता है.
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