19 निजी अस्पतालों में छापेमारी को लेकर डिप्टी सीएम बोले, होगी कार्रवाई

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लगातार उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर हैं. यही कारण है कि ड्यूटी में लापरवाही करने वाले डॉक्टरों समेत कर्मचारियों पर आए दिन गाज गिरती रहती है. सवाल यह है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों पर तो कार्रवाई होती है, लेकिन मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले निजी अस्पतालों पर कार्रवाई आखिर कब होगी? उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहुत से ऐसे निजी अस्पताल हैं, जिनमें तमाम खामियां होने के बावजूद संचालन धड़ल्ले से हो रहा है. फिलहाल, मंगलवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में मॉकड्रिल की शुरुआत हुई. इसकी शुरुआत खुद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बलरामपुर जिला चिकित्सालय से की. इस दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि बिल्कुल कार्रवाई करेंगे.



बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक 19 अस्पतालों में छापेमारी की जा चुकी है. छापेमारी में कहीं डॉक्टर नहीं मिले तो कहीं आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. इसके अलावा कई जगहों पर छात्रों द्वारा इलाज किया जा रहा था. यहां तक कि बिना विशेषज्ञ के आईसीयू और एनआईसीयू संचालित होते मिले. स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे अस्पतालों को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा, लेकिन इक्का-दुक्का अस्पताल संचालकों ने ही जवाब दिया है. सूत्रों का कहना है कि 'कुछ अस्पतालों के आगे स्वास्थ्य विभाग की टीम भी बेबस नजर आ रही है.'


इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि 'आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. छापेमारी के दौरान दी गई नोटिस का जिन अस्पतालों की ओर से जवाब नहीं आया है उनके संचालन पर जल्द रोक लगाई जाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि आगे भी अन्य निजी अस्पतालों पर कार्रवाई होगी, ताकि शहर में ऐसे अस्पताल न रहें जो मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं.'

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