#Positive Bharat Podcast: सबसे कम उम्र की नोबल विजेता के साहस की कहानी... - मलाला यूसुफजई

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Published : Oct 9, 2021, 10:07 AM IST

Updated : Oct 9, 2021, 11:50 AM IST

मलाला यूसुफजई का जन्म 12 जुलाई, 1997 को मिंगोरा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्वात घाटी का सबसे बड़ा शहर है. मलाला के परिवार में उनके पिता जियाउद्दीन, माता तोर पेकाई यूसुफजई और दो छोटे भाई हैं. मलाला को लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए और तालिबान के खिलाफ बोलने के लिए तेहरीक-ए-तालिबान ने नौ अक्टूबर, 2012 में गोली मार दी थी. इसके बाद से मलाला लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ाई की अंतरराष्ट्रीय प्रतीक बन गईं. मलाला ने महज 11 साल की उम्र में नेशनल प्रेस के सामने एक जबरदस्त भाषण दिया. जिसका शीर्षक था 'हाउ डेयर द तालिबान टेक अवे माय बेसिक राइट टू एडुकेशन' जिसके बाद मलाला तालिबान की आंखों में चुभने लगीं. मलाला ने 2009 में गुल मकई नाम से एक डायरी लिखना शुरू किया. जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के बंद समाज से लेकर तालिबान के आतंक की पूरी कहानी लिखी. लेकिन उनके पिता ने दिसंबर 2009 में अपनी बेटी की पहचान उजागर कर दी, जिसके बाद वो दुनिया की नजरों में आईं और तालिबान की दुश्मन बन गईं. साल 2012 में मलाला स्कूल से घर लौट रही थीं तभी उनपर तालिबानी चरमपंथियों ने हमला कर दिया. दहशतगर्दों ने उनके सिर पर गोली मारी थी. वह चाहते थे कि महिलाओं के हक के लिए उठी आवाज हमेशा-हमेशा के लिए खामोश हो जाए, लेकिन मलाला का हौसला इससे भी नहीं टूटा. तालिबान के हमले के बावजूद मलाला पहले से ज्यादा मजबूत इरादों के साथ लौटीं और लड़कियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाना जारी रखा. सबसे कम उम्र में शांति का नोबल पाने वाली मलाला आतंकवादियों के बच्चों को भी शिक्षा देने की पक्षधर हैं, ताकि वह शिक्षा और शांति के महत्व को जानें और कट्टरता से दूर रहें. मलाला के इस साहस के लिए 2014 में विश्व के सर्वोच्च सम्मान नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यही नहीं लड़कियों की शिक्षा के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाली साहसी मलाला यूसुफजई की बहादुरी के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा मलाला के 16वें जन्मदिन पर 12 जुलाई को मलाला दिवस घोषित किया गया. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने लड़कियों की शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करने के लिए मलाला को 2017 में संयुक्त राष्ट्र मैसेंजर ऑफ पीस के रूप में नामित किया.
Last Updated : Oct 9, 2021, 11:50 AM IST

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