वाराणसी: 2020 में लगे पहले सूर्यग्रहण को लेकर जहां लोगों में कौतूहल का माहौल था. वहीं कई लोग डरे-सहमे हुए भी थे. लोगों ने ग्रहण काल में भगवान की पूजा-अर्चना की और उनसे कष्टों को दूर करने की प्रार्थना भी की. वहीं ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों के कपाट खोल दिए गए. इसके बाद फिर लोगों ने घर पर ही स्नान-ध्यान कर पूजा-पाठ किया. अमूमन ग्रहण खत्म होने के बाद लोग घाटों पर स्नान-ध्यान करके दान करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए लोगों ने घरों में ही स्नान-दान किया.
गृहिणी संगीता यादव ने बताया कि वह हर बार ग्रहण के पूर्व और बाद में गंगा घाट पर स्नान करने जाती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने घर पर ही स्नान करके भगवान की आराधना की. उन्होंने बताया कि छत पर बाल्टी में पानी लेकर गंगाजल से स्नान करके पूजा-अर्चना की.
उन्होंने बताया कि महामारी का दौर चल रहा है. ऐसे में सभी को घरों में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए. वहीं घाटों पर भी सन्नाटा छाया हुआ है. प्रशासन की तरफ से भी चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे, जिससे कोई घाट पर स्नान कर न सके.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो ग्रहण के बाद रोगाणुओं का प्रभाव बढ़ जाता है. सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणों से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसलिए सूर्य ग्रहण के बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए स्नान करना जरूरी होता है.
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