वाराणसी: लोहता क्षेत्र स्थित भिटारी गांव की अनुसूचित जाति बस्ती में सोमवार को पति ने पत्नी की हत्या कर शव को घर में गड्ढा खोद कर दफना दिया. सूचना पाकर पहुंची लोहता थाने की पुलिस ने शव को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. पुलिस वारदात की वजह महिला के पति का शक्की मिजाज, घरेलू कलह और उसके तंत्र-मंत्र से जुड़े काम को मानकर जांच कर रही है. वहीं, आरोपी पति की तलाश में पुलिस की टीमें लगाई गई हैं.
लोहता थाना अंतर्गत भिटारी में राजेंद्र प्रसाद दस वर्ष से मकान बनवाकर खिलौने बनाने का काम करता था. इसके साथ ही वह तांत्रिक का काम भी करता था. इससे पहले वह शिवपुरवा क्षेत्र में रहता था. राजेंद्र का सबसे छोटा बेटा अमर सोमवार की शाम मजदूरी करके घर पहुंचा. मां आशा देवी (46) के न दिखने पर उसने अपने पिता राजेंद्र प्रसाद से उसके(मां) के संबंध में पूछा. जहां राजेंद्र ने अमर को बताया कि उसकी मां आभूषण व्यवसायी की दुकान पर जाने की बात कह कर निकली थी. कुछ देर बाद अमर ने घर के पीछे के एक कमरे में बोरे से ढकी हुई जमीन और अगल-बगल मिट्टी गिरी हुई देखी. संदेह होने पर उसने आसपास के लोगों से फावड़ा लेकर बोरा हटा कर खुदाई शुरू की तो उसकी मां आशा देवी का जगह-जगह से चोटिल शव दिखा.इसी बीच राजेंद्र साइकिल लेकर घर से भाग निकला. अमर भाग कर लोहता थाने पहुंचा तो कुछ देर बाद पुलिस आई और शव को बाहर निकाला.
शव गलाने के लिए छिड़का था नमक
परिजनों ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद और आशा देवी के तीन पुत्र कमलेश, रामविलास व अमर और एक बेटी है. बेटी का विवाह दो वर्ष पूर्व हो गया था. तीनों बेटे मजदूरी करते हैं. पड़ोसियों के अनुसार तांत्रिक राजेंद्र गुस्सैल किस्म का था और आए दिन आशा को बुरी तरह से पीटता था. उसके गुस्सैल स्वभाव के कारण ही पड़ोसियों से भी उसकी नहीं बनती थी. उधर, पुलिस ने बताया कि राजेंद्र ने आशा का शव गलाने के लिए उस पर नमक छिड़क दिया था. पुलिस वारदात को अंजाम देने में प्रयुक्त धारदार हथियार की तलाश कर रही है. सीओ सदर राकेश मिश्रा ने बताया कि हत्यारोपी पति राजेंद्र के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई है.
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