वाराणसी: वाल्मीकि जयंती के अवसर पर शिव मंदिर में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ राज्य मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने किया. इस अवसर पर मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने लोगों को बधाई देते हुए कहा कि महाकाव्य रामायण के रचयिता की जयन्ती श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनायी जाती है. महर्षि वाल्मीकि ने आदिकाव्य रामायण की रचना कर लोगों को सत्य एवं कर्तव्य परायणता पर चलने का मार्ग दिखाया. भगवान श्रीराम की गाथा को देश-दुनिया में पहुंचाने का श्रेय महर्षि वाल्मीकि को जाता है.
उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जीवन हम सभी को त्याग, मर्यादाओं के पालन और कर्तव्य परायणता की सीख देता है. भगवान श्री राम से हमें सदैव धर्म का अनुसरण करते हुए जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है. उनके द्वारा दी गई शिक्षा और आदर्शों को अपनाकर प्रगतिशील एवं समरसतायुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है.
इस दौरान मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती के पावन दिवस को भव्य रूप से मनाए जाने का निर्णय लिया है. वाल्मीकि रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों व राष्ट्र मूल्यों के व्यापक प्रचार प्रसार व जनमानस को जोड़ने के लिए अनेकों स्थानों पर वाल्मीकि रामायण का पाठ कराया गया. इसके अतिरिक्त मार्कण्डेय महादेव, कैथी, शूल टंकेश्वर, नकटेश्वरी भवानी, ज्वर हरेश्वर महादेव, नरसिंह मठ,संकुलधारा मठ में भी पर्यटन विभाग द्वारा वाल्मीकि रामायण का पाठ कराया गया.
वाल्मीकि जयंती: वाराणसी में मंत्री नीलकंठ तिवारी ने किया अखंड रामायण पाठ का शुभारंभ - मंत्री नीलकंठ तिवारी
यूपी के वाराणसी जिले में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर प्रदेश के धर्मार्थ राज्य मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने पूजा अर्चना भी की.
वाराणसी: वाल्मीकि जयंती के अवसर पर शिव मंदिर में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ राज्य मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने किया. इस अवसर पर मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने लोगों को बधाई देते हुए कहा कि महाकाव्य रामायण के रचयिता की जयन्ती श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनायी जाती है. महर्षि वाल्मीकि ने आदिकाव्य रामायण की रचना कर लोगों को सत्य एवं कर्तव्य परायणता पर चलने का मार्ग दिखाया. भगवान श्रीराम की गाथा को देश-दुनिया में पहुंचाने का श्रेय महर्षि वाल्मीकि को जाता है.
उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जीवन हम सभी को त्याग, मर्यादाओं के पालन और कर्तव्य परायणता की सीख देता है. भगवान श्री राम से हमें सदैव धर्म का अनुसरण करते हुए जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है. उनके द्वारा दी गई शिक्षा और आदर्शों को अपनाकर प्रगतिशील एवं समरसतायुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है.
इस दौरान मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती के पावन दिवस को भव्य रूप से मनाए जाने का निर्णय लिया है. वाल्मीकि रामायण में निहित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों व राष्ट्र मूल्यों के व्यापक प्रचार प्रसार व जनमानस को जोड़ने के लिए अनेकों स्थानों पर वाल्मीकि रामायण का पाठ कराया गया. इसके अतिरिक्त मार्कण्डेय महादेव, कैथी, शूल टंकेश्वर, नकटेश्वरी भवानी, ज्वर हरेश्वर महादेव, नरसिंह मठ,संकुलधारा मठ में भी पर्यटन विभाग द्वारा वाल्मीकि रामायण का पाठ कराया गया.