वाराणसी: धर्म नगरी काशी सियासत के एक नए केंद्र के रूप में उभरती हुई नजर आ रही है. इसकी एक तस्वीर मंगलवार रात ओमप्रकाश राजभर के बेटे के रिसेप्शन में नजर आई. यहां आशीर्वाद और शुभकामनाओं के बीच 2024 के सियासी समीकरण की एक नई रूपरेखा दिखाई दी. वहीं, पक्ष और विपक्ष के नेताओं की जुटान ने ओपी राजभर की राजनीतिक शक्ति का भी एहसास कराया.
बता दें कि मंगलवार को सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर की शादी का रिसेप्शन था. रिसेप्शन में बीजेपी से लेकर के समाजवादी पार्टी, आरएलडी के तमाम दिग्गज नेताओं का जमावड़ा ओमप्रकाश राजभर के घर लगा. इसने राजनीतिक दलों के गठबंधन की अटकलों को हवा दे दी है.
पक्ष और विपक्ष के नेता पहुंचे
बताते चलें कि शादी समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, स्वतंत्र देव सिंह संग अन्य विधायक व सांसद पहुंचे और वर-वधू को आशीर्वाद दिया. कार्यक्रम में बीजेपी नेताओं की जुटान ने 2024 के चुनाव में राजभर को बीजेपी के खेमे में होने का संकेत दिया. लेकिन, यह तस्वीर और भी ज्यादा रोचक तब हो गई, जब पक्ष के साथ विपक्ष के नेता जयंत चौधरी, रामगोविंद चौधरी और ओम प्रकाश सिंह समारोह में पहुंचे. पक्ष विपक्ष के नेताओं की जुटान ने इस शादी को न सिर्फ सियासी शादी बना दिया, बल्कि 2024 के चुनाव में ओमप्रकाश राजभर को एक मजबूत बारगेनर के रूप में भी प्रस्तुत किया.
पीएम मोदी ने भी दिया था शुभकामना संदेश
राजनीतिक पंडितों की मानें तो उनका कहना है कि बीजेपी नेताओं की जुटान 2024 में राजभर के बीजेपी में जाने के संकेत को मजबूत कर रहा है. क्योंकि, समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद न सिर्फ ओमप्रकाश राजभर का रवैया नरम हुआ है, बल्कि बीजेपी की ओर उनकी नरमी भी साफ देखी जा रही है. ऐसे में यह सियासी गठजोड़ 2024 में महत्वपूर्ण होगा. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाकायदा एक पत्र के माध्यम से वर-वधु को वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दी थीं और इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने नए विवाहित जोड़े को नए जीवन की ढेर सारी शुभकामनाएं दीं.
यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2024 में इस रणनीति के तहत अखिलेश यादव की उतरने की है तैयारी!