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लखनऊ निगम का ऑपरेशन क्लीन बांग्लादेशी, मेयर सुषमा खर्कवाल बोली- इन्हें शहर से निकालेंगे, हमारे लोगों का छीन रहे रोजगार - LUCKNOW MAYOR STRICT BANGLADESHIS

बांग्लादेशियों पर भड़की लखनऊ मेयर; बोली- ये दिन में करते सफाई रात में करते चोरी; पहचान के लिए निगम ने बनाई तीन सदस्यीय कमेटी

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लखनऊ मेयर सुषमा खर्कवाल ने ली अधिकारियों की बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 5:44 PM IST

लखनऊ: अगर ये कहें कि अवैध बांग्लादेशियों के बोझ तले लखनऊ नगर निगम क्षेत्र दबा हुआ है. जिससे शहर का दम घुट रहा है तो गलत नहीं होगा. ऐसा नगर निगम की एक सर्वे रिपोर्ट कह रही है जिसके मुताबिक राजधानी में करीब दो लाख बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, जो चौराहों पर भीख मांगते हैं, गाड़ियों में स्क्रैच मारते हैं और स्थानीय लोगों का रोजगार छीन रहे हैं. इन अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालने को लेकर लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने सख्त तेवर दिखाए हैं. उन्होंने कहा कि इनको शहर से निकालकर लेंगे दम.

7335 अवैध झुग्गियों की पहचान
मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा है कि, नगर निगम सीमा में एक सर्वे कराया गया था, जिसमें 7335 अवैध झुग्गियों की पहचान की गई है, जिसमें बांग्लादेशी रहते हैं. इन्हें तोड़ने के लिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

मेयर ने कहा कि, शहर में अवैध रूप से प्रवासियों के आने से लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हो रहा है. शहर के 110 वार्ड में मौजूद 7335 झुग्गियों में रहने वाले 30 हजार से अधिक लोग कूड़ा उठाने के कारोबार से जुड़े हैं. मेयर ने कहा कि, शहर में दो लाख बांग्लादेशी रह रहे हैं, जिनके पटरियों के किनारे के पते पर इनके आधार कार्ड बने हैं. इसकी पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है.

दिन में सफाई और रात में करते चोरी
सुषमा खर्कवाल ने कहा कि शहर में जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. ये पहले झाडू लगाने का काम करते थे, लेकिन अब ये सब्जी बेच रहे हैं. कुछ तो ऐसे हैं जो दिन में साफ-सफाई और रात में चोरी करते हैं. नगर निगम इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन और मंत्री को भेज रही है.

बांग्लादेशियों की पहचान के लिए कमेटी का गठन

राजधानी में बांग्लादेशियों की पहचान के लिए नगर निगम ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी जोन सात में जाकर वहां बनी झुग्गियों में पड़ताल करेगी. कमेटी के सदस्य इन झुग्गियों पर जाकर वहां बसे लोगों की जानकारी जुटाएंगे. जैसे वो कब से रह रहे हैं ?, उन्हें किसने बसाया है ? , वह जमीन किसकी है?. ये सभी जानकारी जुटाई जाएगी. इसके साथ ही नगर निगम ने पुलिस को सर्वे से मिली जानकारी को साझा की है ताकि उनके पहचान पत्रों की जांच की जा सके.

यह भी पढ़ें : बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की कहानी; भारत आए बांग्देशियों ने बताया दर्द, बोले-वहां हो रहा जानवर से भी बदतर व्यवहार

लखनऊ: अगर ये कहें कि अवैध बांग्लादेशियों के बोझ तले लखनऊ नगर निगम क्षेत्र दबा हुआ है. जिससे शहर का दम घुट रहा है तो गलत नहीं होगा. ऐसा नगर निगम की एक सर्वे रिपोर्ट कह रही है जिसके मुताबिक राजधानी में करीब दो लाख बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं, जो चौराहों पर भीख मांगते हैं, गाड़ियों में स्क्रैच मारते हैं और स्थानीय लोगों का रोजगार छीन रहे हैं. इन अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालने को लेकर लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने सख्त तेवर दिखाए हैं. उन्होंने कहा कि इनको शहर से निकालकर लेंगे दम.

7335 अवैध झुग्गियों की पहचान
मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा है कि, नगर निगम सीमा में एक सर्वे कराया गया था, जिसमें 7335 अवैध झुग्गियों की पहचान की गई है, जिसमें बांग्लादेशी रहते हैं. इन्हें तोड़ने के लिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

मेयर ने कहा कि, शहर में अवैध रूप से प्रवासियों के आने से लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हो रहा है. शहर के 110 वार्ड में मौजूद 7335 झुग्गियों में रहने वाले 30 हजार से अधिक लोग कूड़ा उठाने के कारोबार से जुड़े हैं. मेयर ने कहा कि, शहर में दो लाख बांग्लादेशी रह रहे हैं, जिनके पटरियों के किनारे के पते पर इनके आधार कार्ड बने हैं. इसकी पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है.

दिन में सफाई और रात में करते चोरी
सुषमा खर्कवाल ने कहा कि शहर में जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. ये पहले झाडू लगाने का काम करते थे, लेकिन अब ये सब्जी बेच रहे हैं. कुछ तो ऐसे हैं जो दिन में साफ-सफाई और रात में चोरी करते हैं. नगर निगम इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन और मंत्री को भेज रही है.

बांग्लादेशियों की पहचान के लिए कमेटी का गठन

राजधानी में बांग्लादेशियों की पहचान के लिए नगर निगम ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी जोन सात में जाकर वहां बनी झुग्गियों में पड़ताल करेगी. कमेटी के सदस्य इन झुग्गियों पर जाकर वहां बसे लोगों की जानकारी जुटाएंगे. जैसे वो कब से रह रहे हैं ?, उन्हें किसने बसाया है ? , वह जमीन किसकी है?. ये सभी जानकारी जुटाई जाएगी. इसके साथ ही नगर निगम ने पुलिस को सर्वे से मिली जानकारी को साझा की है ताकि उनके पहचान पत्रों की जांच की जा सके.

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