वाराणसी: विधानसभा चुनाव 2022 (assembly election 2022) बेहद नजदीक है और विधानसभा चुनावों से पहले अब हर पार्टी तैयारियों का बिगुल फूंक चुकी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार हर किसी की निगाहें बड़ी राजनैतिक पार्टियों की जहां छोटे राजनीतिक दलों पर ज्यादा टिकी हुई हैं, क्योंकि हर बड़ी पार्टी बीजेपी को मात देने के लिए छोटी पार्टियों से गठबंधन करने की तैयारी में हैं. यही वजह है कि छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियां अब काफी एक्टिव नजर आ रही हैं और इन पार्टियों को एकजुट करने का काम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शुरू भी कर दिया है.
संयुक्त मोर्चा बनाकर छोटे-छोटे राजनैतिक दलों को एक जगह पर जुटाते हुए बड़े राजनीतिक दलों से डील करने का काम ओमप्रकाश राजभर कर रहे हैं. उनकी बात समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से भी हो रही है, तो बहुजन समाजवादी पार्टी (Bahujan Samajwadi Party) की मायावती (mayawati) भी उनके संपर्क में हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि लंबे वक्त से बीजेपी का दामन छोड़कर खुद की जमीन तलाश रहे ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की क्या वास्तव में जमीन मजबूत हो गई है और इस चुनाव में वह किंग मेकर की भूमिका में नजर आ सकते हैं.
इन्हीं सवालों का जवाब ईटीवी भारत ने ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के साथ हुई बातचीत में तलाशने की कोशिश की. क्या कहा ओपी राजभर ने आप भी सुनें...
अगर 100 सीटों का समझौता नहीं हुआ के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम लोग अपना काम कर रहे हैं. खाली अखिलेश जी नहीं है, मायावती जी को भी हमारी जरूरत है. मायावती जी अकेली सरकार नहीं बना सकती. आज के तारीख में देश की सरकार उत्तर प्रदेश में बीजेपी भी सरकार नहीं बना सकती है. वह भी कभी संजय निषाद को कभी अनुप्रिया पटेल को कभी अन्य छोटे जल दलों के नेताओं से संपर्क करेंगे. क्षेत्रीय दलों से मिले बिना कोई भी राजनीतिक दल इस बार यूपी में सरकार नहीं बना सकता.
इतने प्रयासों के बाद क्या आपकी जमीन मजबूत हुई है
ओमप्रकाश राजभर से जब यह पूछा गया कि क्या अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से आप मुलाकात कर रहे हैं. कोई दल आप को तवज्जो दे रहा है कि सिर्फ मुलाकात हो रही है. ओपी राजभर ने कहा कि किस दल की हिम्मत है कि उत्तर प्रदेश में अकेले सरकार बना ले. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और बीजेपी जब तक हम नहीं जाएंगे, तब तक किसी की सरकार नहीं बनेगी.
ओपी राजभर इस बार किस रूप में होंगे इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं किंग मेकर भी बन सकता हूं और सरकार भी बना सकता हूं, जो स्थिति बनेगी वह उस समय देखा जाएगा. अखिलेश यादव से कहां बात हुई, क्या बात हुई? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी बात अभी किसी से नहीं हुई है.
स्वतंत्र देव और केशव मौर्य की नहीं कोई हैसियत
ओपी राजभर ने कहा कि स्वतंत्र देव पटेल से मुलाकात मेरी शिष्टाचार भेंट थी. मैं इतना जानता हूं कि स्वतंत्र देव पटेल की औकात नहीं है. केशव मौर्य की औकात नहीं है समझौता करने की. बीजेपी के सारे नेता सोफा पर बैठते हैं और स्वतंत्र देव पटेल को प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठा देते हैं. केशव मौर्य को स्टूल पर बैठा दिया जाता है. इन लोगों की यही औकात है. इन लोगों की कूवत नहीं है समझौता करने की. समझौता दिल्ली में होगा.
अनुप्रिया पटेल को अपने साथ ले लिया. क्या स्वतंत्र देव या केशव मौर्या का उसमें कोई हाथ है. संजय निषाद से बातचीत चल रही है, इन लोगों का उसमें कोई हाथ नहीं है. दिल्ली से ही सब कुछ हो रहा है. इसलिए सब खेल दिल्ली से हो रहे हैं, हम दिल्ली तो जाने वाले नहीं हैं. इसलिए हम खेल शुरू नहीं कर सकते. अभी हम अपना खेल कर रहे हैं.
हमारे मोर्चे में सीट बंटवारे पर नहीं कोई संशय
उनसे जब पूछा गया कि खेल के पत्ते कब खोलेंगे, तो ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि 27 अक्टूबर को हम पत्ता खोलने वाले हैं. उस दिन पार्टी का स्थापना दिवस है और हम उसी दिन अपने पत्ते खोलेंगे. ओवैसी के साथ गठबंधन के सवाल और सीट बंटवारे को लेकर पूछे गए सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सीट का हमारे भी कोई झगड़ा नहीं है. 403 सीट है यूपी में सीट का झगड़ा, किसी पार्टी के बीच नहीं है.
सभी पार्टियां कम सीट लेकर चुनाव लड़ना चाह रही हैं. हमारे मोर्चे में जितने भी लोग हैं, वह कम सीट पर चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. जिसको जितना मिलेगा, उतने सीट पर चुनाव लड़ने को लोग तैयार हैं. लोगों ने कहा कि अगर हमें एक सीट भी मिलेगी, तो हम चुनाव लड़ने को तैयार हैं, इसलिए कोई झगड़ा है ही नहीं.
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