ETV Bharat / state

बिना हमारे तो नहीं बनेगी यूपी में किसी दल की सरकार: ओमप्रकाश राजभर - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) को लेकर प्रदेश में राजनीति लगातार गर्माती जा रही है. सभी पार्टियां जातिवाद का कार्ड खेल रही हैं. इसी बीच सुभासपा (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने कहा कि बिना हमारे यूपी में किसी दल की सरकार की नहीं बनेगी.

Omprakash Rajbhar
Omprakash Rajbhar
author img

By

Published : Aug 26, 2021, 11:43 AM IST

Updated : Aug 26, 2021, 5:27 PM IST

वाराणसी: विधानसभा चुनाव 2022 (assembly election 2022) बेहद नजदीक है और विधानसभा चुनावों से पहले अब हर पार्टी तैयारियों का बिगुल फूंक चुकी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार हर किसी की निगाहें बड़ी राजनैतिक पार्टियों की जहां छोटे राजनीतिक दलों पर ज्यादा टिकी हुई हैं, क्योंकि हर बड़ी पार्टी बीजेपी को मात देने के लिए छोटी पार्टियों से गठबंधन करने की तैयारी में हैं. यही वजह है कि छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियां अब काफी एक्टिव नजर आ रही हैं और इन पार्टियों को एकजुट करने का काम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शुरू भी कर दिया है.

संयुक्त मोर्चा बनाकर छोटे-छोटे राजनैतिक दलों को एक जगह पर जुटाते हुए बड़े राजनीतिक दलों से डील करने का काम ओमप्रकाश राजभर कर रहे हैं. उनकी बात समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से भी हो रही है, तो बहुजन समाजवादी पार्टी (Bahujan Samajwadi Party) की मायावती (mayawati) भी उनके संपर्क में हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि लंबे वक्त से बीजेपी का दामन छोड़कर खुद की जमीन तलाश रहे ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की क्या वास्तव में जमीन मजबूत हो गई है और इस चुनाव में वह किंग मेकर की भूमिका में नजर आ सकते हैं.

इन्हीं सवालों का जवाब ईटीवी भारत ने ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के साथ हुई बातचीत में तलाशने की कोशिश की. क्या कहा ओपी राजभर ने आप भी सुनें...

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से खास बातचीत.
तीखे सवालों पर तीखी प्रतिक्रिया
सुभासपा (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के साथ हुई बातचीत के अंश कुछ तीखे जरूर हैं, लेकिन जवाब भी उसी तीखे अंदाज में मिले. ओमप्रकाश राजभर से बड़े दलों के साथ गठबंधन के प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं के बयान को आप अगर सुनेंगे तो बड़े नेता खुद कह रहे हैं कि हम छोटे दलों से समझौता करेंगे.
बड़े दलों से नहीं, इसका मतलब यह साफ है कि बड़े दलों के पास वोट नहीं है. छोटे दलों के पास ही वोट है. बनारस की अगर अकेले बात करें तो यहां पर प्रजापति पाल समाज निषाद समाज चौहान समाज पटेल और राजभर यह अलग-अलग जातियों के सभी बड़े नेता जो अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हैं, वह हमारे साथ जुड़ गए हैं. बनारस में अकेले अगर 4,00000 वोट इन छोटी-छोटी जातियों एक विधानसभा में है, तो 2,00000 वोट तो हमारे पक्ष में हैं, तो यह साफ करता है कि इतने छोटे-छोटे दलों की अलग-अलग जातियों से जुड़े वोट हमारे पास हैं, तो हम मजबूत हैं. इसलिए हर छोटी राजनीतिक पार्टी को बड़ी राजनीतिक पार्टी अपने साथ रखना चाह रही है.
यह जरूरी नहीं, बल्कि उनकी मजबूरी है, क्योंकि 15 सितंबर को एक कार्यक्रम हम एक कार्यक्रम करने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश का यह वोट 43 परसेंट है और सरकार बन रही है. 38 परसेंट तक इसलिए भागीदारी संकल्प मोर्चा बाबू सिंह कुशवाहा, कृष्णा पटेल, ओमप्रकाश राजभर समेत अन्य छोटे छोटे दलों के बड़े नेता एक साथ हैं और बड़ी ताकत के रूप में उभर रहे हैं.


ओवैसी का नहीं लिया नाम लेकिन...
ओवैसी का नाम अपने संगठन में न लिए जाने के सवाल पर उन्होंने नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि वह हमारे मोर्चे में हमारे साथ हैं. ओमप्रकाश राजभर से जब यह पूछा गया कि क्या आपने अलग-अलग जातियों के जो वोट बैंक के अपने साथ होने की बात कही? क्या वह सभी वोट आपको मिल जाएगा? तो उनका कहना था कि नहीं मैं यह नहीं कहता कि सभी वोट मुझे मिलेगा, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब इन छोटी छोटी जातियों के नेताओं ने वोट लेकर अपनी सरकार बना ली, लेकिन उनको पूछा भी नहीं.


अब जब अलग-अलग जाति के लोग अपनी-अपनी पार्टियों को वोट दे रहे हैं, तो फिर प्रजापति अपनी पार्टी को वोट देगा. राजभर अपनी पार्टी को वोट देगा, तो अलग-अलग जाति के लोग किसी दूसरी पार्टी को वोट न देकर अपनी-अपनी जातिगत पार्टियों को वोट देंगे.


कैसे करेंगे बड़े दलों संग सीटों का बंटवारा
वहीं सीटों के बंटवारे के सवाल पर राजभर ने कहा कि कांग्रेस को अखिलेश यादव ने सवा सौ सीटें दी थी. लड़ने के लिए और आज के तारीख में हमारा मोर्चा यूपी में सबसे मजबूत है. हम सवा सौ सीट नहीं मांग रहे हैं. हमें सिर्फ 100 सीट दे दें, हम उन पर लड़ेंगे.


अगर 100 सीटों का समझौता नहीं हुआ के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम लोग अपना काम कर रहे हैं. खाली अखिलेश जी नहीं है, मायावती जी को भी हमारी जरूरत है. मायावती जी अकेली सरकार नहीं बना सकती. आज के तारीख में देश की सरकार उत्तर प्रदेश में बीजेपी भी सरकार नहीं बना सकती है. वह भी कभी संजय निषाद को कभी अनुप्रिया पटेल को कभी अन्य छोटे जल दलों के नेताओं से संपर्क करेंगे. क्षेत्रीय दलों से मिले बिना कोई भी राजनीतिक दल इस बार यूपी में सरकार नहीं बना सकता.



इतने प्रयासों के बाद क्या आपकी जमीन मजबूत हुई है
ओमप्रकाश राजभर से जब यह पूछा गया कि क्या अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से आप मुलाकात कर रहे हैं. कोई दल आप को तवज्जो दे रहा है कि सिर्फ मुलाकात हो रही है. ओपी राजभर ने कहा कि किस दल की हिम्मत है कि उत्तर प्रदेश में अकेले सरकार बना ले. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और बीजेपी जब तक हम नहीं जाएंगे, तब तक किसी की सरकार नहीं बनेगी.


ओपी राजभर इस बार किस रूप में होंगे इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं किंग मेकर भी बन सकता हूं और सरकार भी बना सकता हूं, जो स्थिति बनेगी वह उस समय देखा जाएगा. अखिलेश यादव से कहां बात हुई, क्या बात हुई? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी बात अभी किसी से नहीं हुई है.


स्वतंत्र देव और केशव मौर्य की नहीं कोई हैसियत
ओपी राजभर ने कहा कि स्वतंत्र देव पटेल से मुलाकात मेरी शिष्टाचार भेंट थी. मैं इतना जानता हूं कि स्वतंत्र देव पटेल की औकात नहीं है. केशव मौर्य की औकात नहीं है समझौता करने की. बीजेपी के सारे नेता सोफा पर बैठते हैं और स्वतंत्र देव पटेल को प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठा देते हैं. केशव मौर्य को स्टूल पर बैठा दिया जाता है. इन लोगों की यही औकात है. इन लोगों की कूवत नहीं है समझौता करने की. समझौता दिल्ली में होगा.


अनुप्रिया पटेल को अपने साथ ले लिया. क्या स्वतंत्र देव या केशव मौर्या का उसमें कोई हाथ है. संजय निषाद से बातचीत चल रही है, इन लोगों का उसमें कोई हाथ नहीं है. दिल्ली से ही सब कुछ हो रहा है. इसलिए सब खेल दिल्ली से हो रहे हैं, हम दिल्ली तो जाने वाले नहीं हैं. इसलिए हम खेल शुरू नहीं कर सकते. अभी हम अपना खेल कर रहे हैं.


हमारे मोर्चे में सीट बंटवारे पर नहीं कोई संशय
उनसे जब पूछा गया कि खेल के पत्ते कब खोलेंगे, तो ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि 27 अक्टूबर को हम पत्ता खोलने वाले हैं. उस दिन पार्टी का स्थापना दिवस है और हम उसी दिन अपने पत्ते खोलेंगे. ओवैसी के साथ गठबंधन के सवाल और सीट बंटवारे को लेकर पूछे गए सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सीट का हमारे भी कोई झगड़ा नहीं है. 403 सीट है यूपी में सीट का झगड़ा, किसी पार्टी के बीच नहीं है.


सभी पार्टियां कम सीट लेकर चुनाव लड़ना चाह रही हैं. हमारे मोर्चे में जितने भी लोग हैं, वह कम सीट पर चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. जिसको जितना मिलेगा, उतने सीट पर चुनाव लड़ने को लोग तैयार हैं. लोगों ने कहा कि अगर हमें एक सीट भी मिलेगी, तो हम चुनाव लड़ने को तैयार हैं, इसलिए कोई झगड़ा है ही नहीं.

इसे भी पढ़ें- सपा नेता को 7 साल की सजा, थाने में घुसकर की थी मारपीट

वाराणसी: विधानसभा चुनाव 2022 (assembly election 2022) बेहद नजदीक है और विधानसभा चुनावों से पहले अब हर पार्टी तैयारियों का बिगुल फूंक चुकी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार हर किसी की निगाहें बड़ी राजनैतिक पार्टियों की जहां छोटे राजनीतिक दलों पर ज्यादा टिकी हुई हैं, क्योंकि हर बड़ी पार्टी बीजेपी को मात देने के लिए छोटी पार्टियों से गठबंधन करने की तैयारी में हैं. यही वजह है कि छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियां अब काफी एक्टिव नजर आ रही हैं और इन पार्टियों को एकजुट करने का काम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शुरू भी कर दिया है.

संयुक्त मोर्चा बनाकर छोटे-छोटे राजनैतिक दलों को एक जगह पर जुटाते हुए बड़े राजनीतिक दलों से डील करने का काम ओमप्रकाश राजभर कर रहे हैं. उनकी बात समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से भी हो रही है, तो बहुजन समाजवादी पार्टी (Bahujan Samajwadi Party) की मायावती (mayawati) भी उनके संपर्क में हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि लंबे वक्त से बीजेपी का दामन छोड़कर खुद की जमीन तलाश रहे ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की क्या वास्तव में जमीन मजबूत हो गई है और इस चुनाव में वह किंग मेकर की भूमिका में नजर आ सकते हैं.

इन्हीं सवालों का जवाब ईटीवी भारत ने ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के साथ हुई बातचीत में तलाशने की कोशिश की. क्या कहा ओपी राजभर ने आप भी सुनें...

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से खास बातचीत.
तीखे सवालों पर तीखी प्रतिक्रिया
सुभासपा (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के साथ हुई बातचीत के अंश कुछ तीखे जरूर हैं, लेकिन जवाब भी उसी तीखे अंदाज में मिले. ओमप्रकाश राजभर से बड़े दलों के साथ गठबंधन के प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं के बयान को आप अगर सुनेंगे तो बड़े नेता खुद कह रहे हैं कि हम छोटे दलों से समझौता करेंगे.
बड़े दलों से नहीं, इसका मतलब यह साफ है कि बड़े दलों के पास वोट नहीं है. छोटे दलों के पास ही वोट है. बनारस की अगर अकेले बात करें तो यहां पर प्रजापति पाल समाज निषाद समाज चौहान समाज पटेल और राजभर यह अलग-अलग जातियों के सभी बड़े नेता जो अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हैं, वह हमारे साथ जुड़ गए हैं. बनारस में अकेले अगर 4,00000 वोट इन छोटी-छोटी जातियों एक विधानसभा में है, तो 2,00000 वोट तो हमारे पक्ष में हैं, तो यह साफ करता है कि इतने छोटे-छोटे दलों की अलग-अलग जातियों से जुड़े वोट हमारे पास हैं, तो हम मजबूत हैं. इसलिए हर छोटी राजनीतिक पार्टी को बड़ी राजनीतिक पार्टी अपने साथ रखना चाह रही है.
यह जरूरी नहीं, बल्कि उनकी मजबूरी है, क्योंकि 15 सितंबर को एक कार्यक्रम हम एक कार्यक्रम करने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश का यह वोट 43 परसेंट है और सरकार बन रही है. 38 परसेंट तक इसलिए भागीदारी संकल्प मोर्चा बाबू सिंह कुशवाहा, कृष्णा पटेल, ओमप्रकाश राजभर समेत अन्य छोटे छोटे दलों के बड़े नेता एक साथ हैं और बड़ी ताकत के रूप में उभर रहे हैं.


ओवैसी का नहीं लिया नाम लेकिन...
ओवैसी का नाम अपने संगठन में न लिए जाने के सवाल पर उन्होंने नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि वह हमारे मोर्चे में हमारे साथ हैं. ओमप्रकाश राजभर से जब यह पूछा गया कि क्या आपने अलग-अलग जातियों के जो वोट बैंक के अपने साथ होने की बात कही? क्या वह सभी वोट आपको मिल जाएगा? तो उनका कहना था कि नहीं मैं यह नहीं कहता कि सभी वोट मुझे मिलेगा, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब इन छोटी छोटी जातियों के नेताओं ने वोट लेकर अपनी सरकार बना ली, लेकिन उनको पूछा भी नहीं.


अब जब अलग-अलग जाति के लोग अपनी-अपनी पार्टियों को वोट दे रहे हैं, तो फिर प्रजापति अपनी पार्टी को वोट देगा. राजभर अपनी पार्टी को वोट देगा, तो अलग-अलग जाति के लोग किसी दूसरी पार्टी को वोट न देकर अपनी-अपनी जातिगत पार्टियों को वोट देंगे.


कैसे करेंगे बड़े दलों संग सीटों का बंटवारा
वहीं सीटों के बंटवारे के सवाल पर राजभर ने कहा कि कांग्रेस को अखिलेश यादव ने सवा सौ सीटें दी थी. लड़ने के लिए और आज के तारीख में हमारा मोर्चा यूपी में सबसे मजबूत है. हम सवा सौ सीट नहीं मांग रहे हैं. हमें सिर्फ 100 सीट दे दें, हम उन पर लड़ेंगे.


अगर 100 सीटों का समझौता नहीं हुआ के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम लोग अपना काम कर रहे हैं. खाली अखिलेश जी नहीं है, मायावती जी को भी हमारी जरूरत है. मायावती जी अकेली सरकार नहीं बना सकती. आज के तारीख में देश की सरकार उत्तर प्रदेश में बीजेपी भी सरकार नहीं बना सकती है. वह भी कभी संजय निषाद को कभी अनुप्रिया पटेल को कभी अन्य छोटे जल दलों के नेताओं से संपर्क करेंगे. क्षेत्रीय दलों से मिले बिना कोई भी राजनीतिक दल इस बार यूपी में सरकार नहीं बना सकता.



इतने प्रयासों के बाद क्या आपकी जमीन मजबूत हुई है
ओमप्रकाश राजभर से जब यह पूछा गया कि क्या अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से आप मुलाकात कर रहे हैं. कोई दल आप को तवज्जो दे रहा है कि सिर्फ मुलाकात हो रही है. ओपी राजभर ने कहा कि किस दल की हिम्मत है कि उत्तर प्रदेश में अकेले सरकार बना ले. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और बीजेपी जब तक हम नहीं जाएंगे, तब तक किसी की सरकार नहीं बनेगी.


ओपी राजभर इस बार किस रूप में होंगे इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं किंग मेकर भी बन सकता हूं और सरकार भी बना सकता हूं, जो स्थिति बनेगी वह उस समय देखा जाएगा. अखिलेश यादव से कहां बात हुई, क्या बात हुई? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी बात अभी किसी से नहीं हुई है.


स्वतंत्र देव और केशव मौर्य की नहीं कोई हैसियत
ओपी राजभर ने कहा कि स्वतंत्र देव पटेल से मुलाकात मेरी शिष्टाचार भेंट थी. मैं इतना जानता हूं कि स्वतंत्र देव पटेल की औकात नहीं है. केशव मौर्य की औकात नहीं है समझौता करने की. बीजेपी के सारे नेता सोफा पर बैठते हैं और स्वतंत्र देव पटेल को प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठा देते हैं. केशव मौर्य को स्टूल पर बैठा दिया जाता है. इन लोगों की यही औकात है. इन लोगों की कूवत नहीं है समझौता करने की. समझौता दिल्ली में होगा.


अनुप्रिया पटेल को अपने साथ ले लिया. क्या स्वतंत्र देव या केशव मौर्या का उसमें कोई हाथ है. संजय निषाद से बातचीत चल रही है, इन लोगों का उसमें कोई हाथ नहीं है. दिल्ली से ही सब कुछ हो रहा है. इसलिए सब खेल दिल्ली से हो रहे हैं, हम दिल्ली तो जाने वाले नहीं हैं. इसलिए हम खेल शुरू नहीं कर सकते. अभी हम अपना खेल कर रहे हैं.


हमारे मोर्चे में सीट बंटवारे पर नहीं कोई संशय
उनसे जब पूछा गया कि खेल के पत्ते कब खोलेंगे, तो ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि 27 अक्टूबर को हम पत्ता खोलने वाले हैं. उस दिन पार्टी का स्थापना दिवस है और हम उसी दिन अपने पत्ते खोलेंगे. ओवैसी के साथ गठबंधन के सवाल और सीट बंटवारे को लेकर पूछे गए सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सीट का हमारे भी कोई झगड़ा नहीं है. 403 सीट है यूपी में सीट का झगड़ा, किसी पार्टी के बीच नहीं है.


सभी पार्टियां कम सीट लेकर चुनाव लड़ना चाह रही हैं. हमारे मोर्चे में जितने भी लोग हैं, वह कम सीट पर चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. जिसको जितना मिलेगा, उतने सीट पर चुनाव लड़ने को लोग तैयार हैं. लोगों ने कहा कि अगर हमें एक सीट भी मिलेगी, तो हम चुनाव लड़ने को तैयार हैं, इसलिए कोई झगड़ा है ही नहीं.

इसे भी पढ़ें- सपा नेता को 7 साल की सजा, थाने में घुसकर की थी मारपीट

Last Updated : Aug 26, 2021, 5:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.