वाराणसी: बीएचयू में बीते कई दिनों से छात्र मुस्लिम शिक्षक फिरोज खान के संस्कृत पढ़ाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में बीएचयू छात्रों के आंदोलन को पूर्व छात्रों ने समर्थन किया है. पूर्व छात्रों का कहना हे कि हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए संस्कृत विद्या धर्म संकाय की स्थापना हुई थी, उसकी कहीं न कहीं अवहेलना हुई है.
15 दिनों से चला रहा छात्रों का प्रदर्शन
बीएचयू परिसर में लगभग 15 दिनों से छात्रों का प्रदर्शन चल रहा है. इसको पहले ही संत समाज ने समर्थन दिया था. अब धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व छात्रों ने भी इस आंदोलन में हिस्सेदारी करते हुए अपना समर्थन दिया है. माना जा रहा है कि इससे विश्वविद्यालय की मुश्किलें और बढ़ेगी.
छात्र नहीं करेंगे स्वीकार
मामले पर पूर्व छात्रों का कहना है किसी भी परिस्थिति में विश्वविद्यालय के इस कार्य को छात्र स्वीकार नहीं कर सकते और न ही पूर्व के छात्र इसे स्वीकार करते हैं. छात्रों का कहना है कि जल्द से जल्द बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रशासन को कुछ कड़े कदम उठाने पड़ेंगे. जिससे व्यवस्था पहले की तरह हो सके.
महामना मालवीय जी के द्वारा जो संस्कृत विद्या धर्म संकाय की स्थापना जिन मूल्यों के लिए हुई थी, हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए, सनातन धर्म की रक्षा के लिए, उसकी कहीं न कहीं अवहेलना हुई है. धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व छात्र सामंजस्य और तालमेल बैठाने की भी बात कर रहे हैं. मगर वर्तमान स्थिति यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन किसी भी तरीके से छात्रों से बात करने से इनकार कर रहा है.
- मनीष कुमार मिश्रा, पूर्व छात्र धर्म विज्ञान संकाय
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