वाराणसी : वाराणसी में वीआईपी मूवमेंट की वजह से बेजुबानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचंड जीत हासिल कर जब सत्ता में आए तो उन्होंने वाराणसी का दौरा किया. उनके दौरे से पहले 125 से ज्यादा छुट्टा जानवरों को पकड़कर कांजी हाउस भेज दिया गया. इनमें से आज भी 50 से ज्यादा जानवर कांजी हाउस में बंद पड़े हैं और खून सुखा देने वाली गर्मी में खुले आसमान के नीचे भूखे प्यासे तड़प रहे हैं. यानी बनारस में तेजी से होने वाले वीआईपी मूवमेंट की वजह से बेजुबान जानवरों की जान पर आफत बन आई है.
जिंदगी और मौत से जूझ रहे बेजुबान
सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि बनारस के इस कांजी हाउस में मौजूद गाय और सांड बदहाली की स्थिति में हैं. इनको खिलाने के लिए सिर्फ भूसा मौजूद है. इसकी वजह से सूखा भूसा ही नांद में डाल दिया जाता है और यह खाकर वह पौष्टिक आहार भी नहीं पा पाते. इतना ही नहीं 45 डिग्री से ऊपर तापमान में इनको खुले आसमान के नीचे रखा गया है, जिसकी वजह से कई जानवर बीमार पड़ गए और जिंदगी-मौत से लड़ रहे हैं.
यह भी जानें
- सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि बदहाली की इस स्थिति में कांजी हाउस में मौजूद जानवरों की मौत भी लगातार हो रही है.
- कांजी हाउस के इंचार्ज का कहना है कि 6 महीने के अंदर लगभग 10 जानवरों की मौत कांजी हाउस में हो चुकी है, जिनमें से चार गाय और 6 सांड हैं.
- सबसे अहम यह है कि पकड़े जाने वाली गायों को यहां पर जितने दिन रखा जाता है, उतने दिन 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से गायों के मालिक से उनके खाने के लिए रुपये लिए जाते हैं.
- इसके अलावा गायों को छोड़ने के लिए 1000 रुपये जुर्माना अलग वसूला जाता है.
- इसके बाद भी खाने के लिए सिर्फ भूसा दिया जा रहा है.
निश्चित है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गायों को बचाने की कवायद कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में वीआईपी दौरों की वजह से इन गायों और सांडों पर संकट आ गया है. ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि जब इनको पकड़कर कांजी हाउस भेजा जा रहा है तो इनके लिए उचित व्यवस्थाएं क्यों नहीं की जा रही हैं. यहां पर इन्हें क्यों भूखा और खुले आसमान के नीचे तपती धूप में रखा जा रहा है.