कानपुर: दस साल पुरानी कानपुर फर्टिलाइजर केमिकल्स लिमिटेड (केएफसीएल) में जल्द उत्पादन शुरू होने की उम्मीद जग गई है. पिछले माह 18 दिसंबर को गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने गैस की सप्लाई बंद कर दी थी. इसके पीछे 305 करोड़ रुपये का बकाया है. इसके बाद से ही यहां यूरिया का उत्पादन पूरी तरह से ठप है. अब मंगलवार को केएफसीएल और गेल के प्रबंधन ने इस मुद्दे पर बात की है. इसके बाद से बताया जा रहा है कि अगले एक हफ्ते के अंदर के अंदर केएफसीएल को गैस की सप्लाई चालू कर दी जाएगी और उत्पादन शुरू हो जाएगा.
एक माह पहले बंद हो गई थी सप्लाई: करीब एक माह पहले गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) की ओर से जब कानपुर फर्टिलाइजर केमिकल्स लिमिटेड (केएफसीएल) को गैस देना बंद कर दिया गया था तो उसी दिन 18 दिसंबर से केएफसीएल में यूरिया का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया था. जबकि केएफसीएल पिछले 10 सालों में गेल को 17 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है. मौजूदा समय में केवल केएफसीएल को 305 करोड़ रुपये और देने हैं, लेकिन गेल ने गैस सप्लाई पर रोक लगा रखी है. केएफसीएल के जीएम अवनीश रॉय ने ईटीवी भारत संवाददाता को बताया कि मंगलवार को केएफसीएल और गेल प्रबंधन ने इस अहम मामले पर चर्चा की है. उम्मीद है, बहुत जल्द कोई सार्थक फैसला लिया जाएगा.
साल 2014 में पनकी स्थित प्लांट में बननी शुरु हुई थी चांद छाप यूरिया: शहर के पनकी थाना क्षेत्र स्थित पनकी में कानपुर फर्टिलाइजर केमिकल्स लिमिटेड (केएफसीएल) के अंदर चांद छाप यूरिया का उत्पादन साल 2014 में शुरू हुआ था. दिसंबर 2024 तक उत्पादन बेहतर ढंग से होता रहा. इसकी बानगी है, यहां एक दिन में 2100 टन यूरिया तैयार की जाती रही है. हालांकि, 18 दिसंबर से उत्पादन बंद हो गया. केएफसीएल के जीएम अवनीश राय ने बताया कि कानपुर में बनने वाली यूरिया दिल्ली, बिहार व उप्र के किसानों तक पहुंचती है. हालांकि, किस राज्य में कितनी यूरिया जाएगी यह केंद्र सरकार तय करती है.
श्रमिकों को दिसंबर तक वेतन का भुगतान हो गया: केएफसीएल के जीएम अवनीश रॉय ने बताया कि केएफसीएल प्रबंधन की ओर से श्रमिकों को दिसंबर का वेतन जारी किया जा चुका है. संविदा व स्थायी कर्मियों की संख्या मिलाकर कुल 2000 कर्मचारी मौजूदा समय में केएफसीएल में कार्यरत हैं. अवनीश ने यह भी बताया कि केंद्र से समय-समय पर केएफसीएल को जो सब्सिडी मिलती है, उसमें 700 करोड़ रुपये मिलने हैं. जबकि हाल ही में केएफसीएल की ओर से गेल को दो चरणों में कुल 345 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है.
उत्पादन शुरू कराने की कोशिशें जारी: भाजपा सांसद रमेश अवस्थी का इस बारे में कहना है कि वे केंद्र की ओर से केएफसीएल को सब्सि़डी दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे. गेल के अफसरों से भी वार्ता करेंगे. कानपुर की पहचान कानपुर फर्टिलाइजर को कहीं से बंद नहीं होने देंगे. बहुत जल्द यहां फिर से यूरिया का उत्पादन शुरू होगा. इस मामले में दिल्ली पहुंचकर संबंधित विभागीय मंत्री से भी बात करेंगे. वहीं उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव का कहना है कि केएफसीएल प्रबंधन से प्लांट संचालित करने को लेकर लगातार वार्ता कर रहे हैं. मंगलवार को जानकारी मिली है कि गेल व केएफसीएल के आला अफसरों ने आपसी चर्चा की है. उम्मीद है, इसी हफ्ते से यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा. जबकि सेक्रेटरी, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस असित कुमार सिंह ने कहा कि ये मसला पीएम मोदी तक ले जाया गया है.
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