वाराणसी: जुलाई के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आना है. देव दीपावली पर 30 नवंबर 2020 को पीएम मोदी का बनारस में आगमन हुआ था और अब लगभग 8 महीने बाद पीएम मोदी एक बार फिर से अपने संसदीय क्षेत्र में आने वाले हैं. इसे लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बनारस में उन योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया है, जिनका प्रधानमंत्री मोदी के हाथों उद्घाटन होना है. इस क्रम में लगभग 39 परियोजनाओं के लिस्ट पीएमओ को भेजी गई है. जिसमें से कुछ योजनाएं तो पूरी हो गई हैं लेकिन कुछ अभी अधूरी हैं. जिसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है, लेकिन इन सबके बीच अब ईटीवी भारत आपको यह बताने जा रहा है कि पीएम मोदी जिन परियोजनाओं का उद्घाटन कर सकते हैं उनकी हकीकत क्या है.
क्या सच में यह योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं या अभी काम अटका हुआ है. इस क्रम में आज हम आपको रमना स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में बताने जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी पीएम मोदी के हाथों किए जाने वाली संभावित परियोजनाओं की लिस्ट में होना है, लेकिन हकीकत तो यह है कि अब तक इस प्रोजेक्ट पर 10% से ज्यादा काम बचा हुआ है.
2017 में पीएम ने किया था शिलान्यास
दरअसल रमना में 50 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित था. जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में शिलान्यास के बाद की थी 2017 में पीएम मोदी के हाथों इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ और 2019 नवंबर तक इस प्रोजेक्ट को पूरा हो जाना था लेकिन 2019 के बाद 2020 बीता और 2021 के भी 6 महीने बीतने के बाद भी यह प्लांट अब तक पूरी तरह से क्रियान्वित नहीं हो पाया है.
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सीएम भी जता चुके हैं नाराजगी
शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दो दिन पहले बनारस दौरे पर इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पूरी तरह से क्रियान्वित न होने पर नाराजगी जताई थी. ईटीवी भारत ने जब इस प्लांट की हकीकत जानी तो हम भी दंग रह गए, क्योंकि पीएम मोदी के हाथों जिन 39 परियोजनाओं का लोकार्पण किया जाना है उसमें यह प्लांट भी शामिल है, लेकिन प्लांट पर अब भी 10% से ज्यादा काम बाकी है. खुद जल निगम के महाप्रबंधक का मानना है कि काम अभी पूरा नहीं हुआ है कार्यदाई संस्था के ढीले रवैए की वजह से काम फंसा हुआ है.
बहुत काम है बाकी
सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट होने के बाद भी इस एरिया में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से अब तक बनाई जाने वाली नहर का काम शुरू ही नहीं हो पाया है, जबकि यहां तक आने के लिए अब तक रोड भी नहीं बन सकी है. इतना ही नहीं जिस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को शुरू किया गया है. उसका सीवर भी अब तक कनेक्ट नहीं किया जा सका है. कुल मिलाकर फिनिशिंग का पूरा काम बाकी है और जो मशीनें लगाई गई हैं जिसका संचालन किया जा रहा है वह भी पूरी तरह से क्रियान्वित नहीं हो पा रहा है. जिसकी वजह से यह ट्रीटमेंट प्लांट अब भी पूर्ण रूप से नहीं चल पा रहा है.
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अस्सी नाले को किया डायवर्ट
बता दें कि अस्सी नाले को डाइवर्ट करके इस 50 एमएलडी के ट्रीटमेंट प्लांट में जोड़ा गया है ताकि गंगा में सीधे गिर रहे नाले के पानी को पूरी तरह से साफ करके गंगा में भेजा जाए ताकि गंगा प्रदूषित न हो. इस बारे में टेक्निकल जानकारों का कहना है एसटीपी का इस्तेमाल सीवर के पानी में मौजूद बीओडी और अन्य खतरनाक केमिकल्स का बढ़ा हुआ स्तर घटा कर उसे साफ पानी बनाकर गंगा में भेजने के लिए किया जाता है, क्योंकि जब सीवर का पानी सीधे गंगा में जाता है तो 250 से ज्यादा बीओडी उस पानी की होती है जो जहरीली मानी जाती है. इस ट्रीटमेंट प्लांट में इस के स्तर को मानक के अनुरूप 10 तक लाया जाता है और इसे सीधे पानी में भेजा जाता है. जिससे गंगा प्रदूषित नहीं होती है.
अभी है असमंजस की स्थिति
फिलहाल, अधिकारियों का कहना है कि अब तक इस प्लांट के पूरी तरह से फाइनल न होने की वजह से असमंजस की स्थिति है कि इससे उद्घाटन की लिस्ट में रखा जाएगा या नहीं, लेकिन कोशिश की जा रही है इस महीने तक इस काम को पूरा कर लिया जाए ताकि प्रोजेक्ट कंप्लीट होने के बाद ही इसका उद्घाटन करवाया जा सके.