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काशी के घाटों पर जमा हुई मिट्टी, हटाने में जुटा नगर निगम प्रशासन - काशी में गंगा में बाढ़

वाराणसी में घाटों पर जमा मिट्टी को हटाने में नगर निगम प्रशासन जुटा हुआ है. सबसे ज्यादा मिट्टी अस्सी घाट पर जमा हुई है. यहां केवल एक मोटर इंजन लगाकर मिट्टी को हटाया जा रहा है. लोगों का कहना है कि कम से कम 10 इंजन लगाकर घाट को साफ किया जाए तभी जल्दी साफ हो पाएगा.

घाटों पर जमा सिल्ट को साफ करता नगर निगम कर्मी.
घाटों पर जमा सिल्ट को साफ करता नगर निगम कर्मी.
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Published : Aug 21, 2021, 9:44 AM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी में आई बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई थी. बाढ़ से काशी के कई इलाके जलमग्न हो गए थे. हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी पहुंचे थे. वहीं अब एक तरफ जहां बाढ़ का पानी लगातार घट रहा है तो दूसरी तरफ लोगों की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. घरों, गलियों और सड़क पर कीचड़ जमा हो गया है, जिसकी सफाई में लोग दिन-रात लगे हुए हैं.

लोगों के घरों की बात छोड़िये काशी के 84 घाटों पर मिट्टी जमा हो गई है, जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को काफी समस्या हो रही है. बाढ़ का पानी घटने से गंगा घाट से काफी दूर जा चुकी हैं. ऐसे में पूरे घाट पर मिट्टी जमा हो गई है. लोगों को कमर भर मिट्टी में से होकर गंगा के पास जाकर पूजा-अर्चना करनी पड़ रही है. हालांकि अब नगर निगम और जिला प्रशासन ने घाटों की सुध लेना शुरू कर दिया है. अस्सी घाट से लेकर तमाम घाटों पर मोटर लगाकर मिट्टी को साफ करने का कार्य शुरू हो चुका है.

काशी में घाटों पर जमा हुई सिल्ट.

विश्व की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली काशी का अर्धचंद्राकार जिसे देखने के लिए लोग देश ही नहीं बल्कि विदेश से आते हैं. ऐसे में गंगा में आई बाढ़ की वजह से नाव का संचालन भी पूर्ण रूप से बंद है. बाढ़ का पानी घटने की वजह से घाटों पर सिल्ट जमा हो गई है, जिससे लोग घाट भी नहीं घूम पा रहे हैं. मां गंगा के तट पर बसे काशी में राजघाट से लेकर रविदास घाट तक कुल 84 घाटों की श्रंखला है. दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, केदार घाट, तुलसी घाट, अस्सी घाट, प्रयाग घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, हनुमान घाट, जानकी घाट, नारद घाट आदि प्रमुख घाटों पर अब नगर निगम और गंगा आरती कराने वाली संस्था द्वारा मोटर लगाकर मिट्टी को साफ किया जा रहा है. इसके साथ ही अन्य घाटों को भी साफ किया जाएगा.

घाटों पर जमा सिल्ट को साफ करता नगर निगम कर्मी.
घाटों पर जमा सिल्ट को साफ करता नगर निगम कर्मी.

इसे भी पढ़ें:- यूपी बोर्ड 2021: हाईस्कूल-इंटरमीडिएट में फेल हुए छात्र भी दे सकेंगे परीक्षा

नाविक अजय साहनी ने बताया कि इस समय गंगा में पानी बहुत तेजी से घट रहा है. बाढ़ के समय घाटों पर मिट्टी ज्यादा जमा हो गई थी. अगर जल्द ही मिट्टी को घाट से नहीं हटाया गया तो वह सूख जाएगी और फिर उसे हटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. अस्सी घाट की बात करें तो यहां नगर निगम ने केवल एक इंजन लगाया है. इससे घाट साफ नहीं हो पाएगा. कम से कम 10 इंजन लगाकर घाट को साफ किया जाए. तभी जल्दी साफ हो पाएगा, क्योंकि सबसे ज्यादा मिट्टी इसी घाट पर जमा हुई है. अस्सी से लेकर बरोड़ा घाट तक मिट्टी का टीला बना हुआ है. अजय साहनी ने बताया कि वह लोग खुद ही अपने वोट तक नहीं जा सकते हैं. कमर से ज्यादा कीचड़ में उतरना पड़ता है. जितनी जल्दी मिट्टी को साफ किया जाएगा, हम लोग के लिए भी अच्छा होगा.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी में आई बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई थी. बाढ़ से काशी के कई इलाके जलमग्न हो गए थे. हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी पहुंचे थे. वहीं अब एक तरफ जहां बाढ़ का पानी लगातार घट रहा है तो दूसरी तरफ लोगों की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. घरों, गलियों और सड़क पर कीचड़ जमा हो गया है, जिसकी सफाई में लोग दिन-रात लगे हुए हैं.

लोगों के घरों की बात छोड़िये काशी के 84 घाटों पर मिट्टी जमा हो गई है, जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों को काफी समस्या हो रही है. बाढ़ का पानी घटने से गंगा घाट से काफी दूर जा चुकी हैं. ऐसे में पूरे घाट पर मिट्टी जमा हो गई है. लोगों को कमर भर मिट्टी में से होकर गंगा के पास जाकर पूजा-अर्चना करनी पड़ रही है. हालांकि अब नगर निगम और जिला प्रशासन ने घाटों की सुध लेना शुरू कर दिया है. अस्सी घाट से लेकर तमाम घाटों पर मोटर लगाकर मिट्टी को साफ करने का कार्य शुरू हो चुका है.

काशी में घाटों पर जमा हुई सिल्ट.

विश्व की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली काशी का अर्धचंद्राकार जिसे देखने के लिए लोग देश ही नहीं बल्कि विदेश से आते हैं. ऐसे में गंगा में आई बाढ़ की वजह से नाव का संचालन भी पूर्ण रूप से बंद है. बाढ़ का पानी घटने की वजह से घाटों पर सिल्ट जमा हो गई है, जिससे लोग घाट भी नहीं घूम पा रहे हैं. मां गंगा के तट पर बसे काशी में राजघाट से लेकर रविदास घाट तक कुल 84 घाटों की श्रंखला है. दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, केदार घाट, तुलसी घाट, अस्सी घाट, प्रयाग घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, हनुमान घाट, जानकी घाट, नारद घाट आदि प्रमुख घाटों पर अब नगर निगम और गंगा आरती कराने वाली संस्था द्वारा मोटर लगाकर मिट्टी को साफ किया जा रहा है. इसके साथ ही अन्य घाटों को भी साफ किया जाएगा.

घाटों पर जमा सिल्ट को साफ करता नगर निगम कर्मी.
घाटों पर जमा सिल्ट को साफ करता नगर निगम कर्मी.

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नाविक अजय साहनी ने बताया कि इस समय गंगा में पानी बहुत तेजी से घट रहा है. बाढ़ के समय घाटों पर मिट्टी ज्यादा जमा हो गई थी. अगर जल्द ही मिट्टी को घाट से नहीं हटाया गया तो वह सूख जाएगी और फिर उसे हटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. अस्सी घाट की बात करें तो यहां नगर निगम ने केवल एक इंजन लगाया है. इससे घाट साफ नहीं हो पाएगा. कम से कम 10 इंजन लगाकर घाट को साफ किया जाए. तभी जल्दी साफ हो पाएगा, क्योंकि सबसे ज्यादा मिट्टी इसी घाट पर जमा हुई है. अस्सी से लेकर बरोड़ा घाट तक मिट्टी का टीला बना हुआ है. अजय साहनी ने बताया कि वह लोग खुद ही अपने वोट तक नहीं जा सकते हैं. कमर से ज्यादा कीचड़ में उतरना पड़ता है. जितनी जल्दी मिट्टी को साफ किया जाएगा, हम लोग के लिए भी अच्छा होगा.

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