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नैक मूल्यांकन कराने के दौरान तोहफा लिया या दिया तो होगी सख्त कार्रवाई : डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे - NAC INSPECTION

नैक कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने नैक के निरीक्षण में लापरवाही करने वालों और कराने वालों की दी कड़ी चेतावनी.

डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे
डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे (Photo Credit ; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 3, 2025, 7:35 PM IST

कानपुर : उच्च शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा जो ग्रेडिंग के लिए निरीक्षण किया जाता है अब उसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इंस्टिट्यूट जांच करने वालों को तोहफे देगा और जो लोग तोहफा लेंगे उन दोनों ही लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. सोमवार को यह बातें नैक की कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहीं. डॉ. सहस्त्रबुद्धे आईआईटी कानपुर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने आए थे.

नैक मूल्यांकन की नई व्यवस्था की जानकारी देते नैक कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे. (Video Credit ; ETV Bharat)

ऑनलाइन होगा नैक का निरीक्षण, कमेटी के सदस्य करेंगे मॉनिटरिंग

अभी तक डिग्री कॉलेजों व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक के निरीक्षण के दौरान उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित अफसर व शिक्षकों की टीम मौजूद रहती थी, पर अब आने वाले समय में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की ओर से कॉलेजों में नैक की कवायद ऑनलाइन ही होगी. हालांकि नैक कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि हम ऑनलाइन शिक्षा के दौरान पूरी गतिविधि की मॉनिटरिंग करेंगे. हम यह तक देखेंगे कि जो टीम के सदस्य पहुंचे हैं वह कौन सा सवाल पूछ रहे हैं और कॉलेज में मौजूद जिम्मेदारों द्वारा किस तरीके का जवाब दिया जा रहा है? उन्होंने कहा इस काम में किसी तरीके की ढिलाई नहीं बरती जाएगी. अगर हम किसी कॉलेज को नैक से ग्रेडिंग दे रहे हैं तो निश्चित तौर पर जब उसके सभी मानक पूरे होंगे तो उसी तरीके की ग्रेडिंग मिलेगी.




जरूरी नहीं कि नैक से कराएं ग्रेडिंग

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल सहस्त्रबुद्धे ने साफ तौर पर कहा सभी कॉलेजों को नैक से मूल्यांकन करना अनिवार्य नहीं है. लेकिन अगर कोई कॉलेज संचालक या कॉलेज के अन्य जिम्मेदार या जानना चाहते हैं, उनके कॉलेज में किस तरीके की कमियां है और उन्हें किस तरह दूर किया जा सकता है? तो इसके लिए वह नैक से अपनी ग्रेडिंग करा सकते हैं. नैक से ग्रेडिंग के बाद निश्चित तौर पर कॉलेजों में शिक्षा का एक बेहतर माहौल बनता है. उन्होंने दोहराया नैक को लेकर किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ संस्था द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई ही होगी.

यह भी पढ़ें : नैक मूल्यांकन से बढ़ा गोरखपुर विश्वविद्यालय का क्रेज, 4 देशों और 21 राज्यों से प्रवेश के लिए आए आवेदन - कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह

यह भी पढ़ें : National PG College Lucknow का नैक ग्रेड बढ़कर 'ए' हुआ, काॅलेज जताई थी आपत्ति - ऑटोनॉमस डिग्री कॉलेज लखनऊ

कानपुर : उच्च शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा जो ग्रेडिंग के लिए निरीक्षण किया जाता है अब उसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इंस्टिट्यूट जांच करने वालों को तोहफे देगा और जो लोग तोहफा लेंगे उन दोनों ही लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. सोमवार को यह बातें नैक की कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहीं. डॉ. सहस्त्रबुद्धे आईआईटी कानपुर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने आए थे.

नैक मूल्यांकन की नई व्यवस्था की जानकारी देते नैक कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे. (Video Credit ; ETV Bharat)

ऑनलाइन होगा नैक का निरीक्षण, कमेटी के सदस्य करेंगे मॉनिटरिंग

अभी तक डिग्री कॉलेजों व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक के निरीक्षण के दौरान उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित अफसर व शिक्षकों की टीम मौजूद रहती थी, पर अब आने वाले समय में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की ओर से कॉलेजों में नैक की कवायद ऑनलाइन ही होगी. हालांकि नैक कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि हम ऑनलाइन शिक्षा के दौरान पूरी गतिविधि की मॉनिटरिंग करेंगे. हम यह तक देखेंगे कि जो टीम के सदस्य पहुंचे हैं वह कौन सा सवाल पूछ रहे हैं और कॉलेज में मौजूद जिम्मेदारों द्वारा किस तरीके का जवाब दिया जा रहा है? उन्होंने कहा इस काम में किसी तरीके की ढिलाई नहीं बरती जाएगी. अगर हम किसी कॉलेज को नैक से ग्रेडिंग दे रहे हैं तो निश्चित तौर पर जब उसके सभी मानक पूरे होंगे तो उसी तरीके की ग्रेडिंग मिलेगी.




जरूरी नहीं कि नैक से कराएं ग्रेडिंग

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के कार्यकारी कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल सहस्त्रबुद्धे ने साफ तौर पर कहा सभी कॉलेजों को नैक से मूल्यांकन करना अनिवार्य नहीं है. लेकिन अगर कोई कॉलेज संचालक या कॉलेज के अन्य जिम्मेदार या जानना चाहते हैं, उनके कॉलेज में किस तरीके की कमियां है और उन्हें किस तरह दूर किया जा सकता है? तो इसके लिए वह नैक से अपनी ग्रेडिंग करा सकते हैं. नैक से ग्रेडिंग के बाद निश्चित तौर पर कॉलेजों में शिक्षा का एक बेहतर माहौल बनता है. उन्होंने दोहराया नैक को लेकर किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ संस्था द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई ही होगी.

यह भी पढ़ें : नैक मूल्यांकन से बढ़ा गोरखपुर विश्वविद्यालय का क्रेज, 4 देशों और 21 राज्यों से प्रवेश के लिए आए आवेदन - कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह

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