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बनारस की शिल्पी बहनों ने गलवान में तैनात जवानों को भेजी राखी

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Published : Jul 28, 2020, 6:07 PM IST

रक्षाबंधन के मौके पर बनारस की शिल्पी बहनों ने सैनिक भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधने के लिए विशेष तौर पर राखियों की तैयारी की है. यह राखियां जीआई टैग पा चुके लकड़ी के खिलौना बनाने वाले कारीगरों ने बनाई हैं.

shilpi sisters of varanasi
यह राखियां लकड़ी के खिलौना बनाने वाले कारीगरों ने बनाई हैं

वाराणसी: चीन की नापाक हरकतों का जवाब दे रहे गलवान घाटी में तैनात हमारे सैनिक भाइयों के जीवन की रक्षा के लिए हर कोई दिन-रात प्रार्थना कर रहा है. इस बार रक्षाबंधन के मौके पर बनारस की शिल्पी बहनों ने वहां तैनात सैनिक भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधने के लिए विशेष तौर पर राखियों की तैयारी की है.

rakhi for soldiers and pm modi
जीआई क्राफ्ट की राखी गलवान घाटी में तैनात जवानों के लिए भेजी गई है

यह राखियां जीआई टैग पा चुके लकड़ी के खिलौना बनाने वाले कारीगरों ने बनाई हैं. महिला कारीगरों के हाथ की तैयार लकड़ी की यह राखियां सोमवार को गलवान घाटी के लिए भेज दी गई हैं. काशी से जीआई क्राफ्ट की राखी गलवान घाटी में तैनात वीर सपूतों और पीएम मोदी को शिल्पकार बहनों ने भेजा है. इस राखी का पैकेट शिल्पी बहनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय के माध्यम से भेजा है.

जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया इस कोविड के संक्रमण में आत्मनिर्भर भारत के घोषणा के बाद ही इसकी पृष्ठभूमि बनानी शुरू कर दी गई थी. लगभग 15 दिन पहले इस जीआई राखी की पहली खेप नेशनल मेरिट अवॉर्डी रामेश्वर सिंह के द्वारा व्यापार के लिए नई दिल्ली भेज दिया गया था. तत्काल डिमांड आने के बाद इसे और तेजी से तैयार किया गया.

rakhi for soldiers and pm modi
इस राखी का पैकेट शिल्पी बहनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय के माध्यम से भेजा है

वाराणसी संसदीय कार्यालय में महिला शिल्पियों ने प्रधानमंत्री जी को एक आग्रह पत्र भेजते हुए इन राखियों को उनको स्वीकार करने और गलवान घाटी में तैनात भारत माता के वीर सपूतों को भेजने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री को संबोधित राखी को सोमवार को वाराणसी संसदीय कार्यालय में महिला शिल्पियों ने सौंपा है.

वाराणसी: चीन की नापाक हरकतों का जवाब दे रहे गलवान घाटी में तैनात हमारे सैनिक भाइयों के जीवन की रक्षा के लिए हर कोई दिन-रात प्रार्थना कर रहा है. इस बार रक्षाबंधन के मौके पर बनारस की शिल्पी बहनों ने वहां तैनात सैनिक भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधने के लिए विशेष तौर पर राखियों की तैयारी की है.

rakhi for soldiers and pm modi
जीआई क्राफ्ट की राखी गलवान घाटी में तैनात जवानों के लिए भेजी गई है

यह राखियां जीआई टैग पा चुके लकड़ी के खिलौना बनाने वाले कारीगरों ने बनाई हैं. महिला कारीगरों के हाथ की तैयार लकड़ी की यह राखियां सोमवार को गलवान घाटी के लिए भेज दी गई हैं. काशी से जीआई क्राफ्ट की राखी गलवान घाटी में तैनात वीर सपूतों और पीएम मोदी को शिल्पकार बहनों ने भेजा है. इस राखी का पैकेट शिल्पी बहनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय के माध्यम से भेजा है.

जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया इस कोविड के संक्रमण में आत्मनिर्भर भारत के घोषणा के बाद ही इसकी पृष्ठभूमि बनानी शुरू कर दी गई थी. लगभग 15 दिन पहले इस जीआई राखी की पहली खेप नेशनल मेरिट अवॉर्डी रामेश्वर सिंह के द्वारा व्यापार के लिए नई दिल्ली भेज दिया गया था. तत्काल डिमांड आने के बाद इसे और तेजी से तैयार किया गया.

rakhi for soldiers and pm modi
इस राखी का पैकेट शिल्पी बहनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय के माध्यम से भेजा है

वाराणसी संसदीय कार्यालय में महिला शिल्पियों ने प्रधानमंत्री जी को एक आग्रह पत्र भेजते हुए इन राखियों को उनको स्वीकार करने और गलवान घाटी में तैनात भारत माता के वीर सपूतों को भेजने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री को संबोधित राखी को सोमवार को वाराणसी संसदीय कार्यालय में महिला शिल्पियों ने सौंपा है.

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