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एक तरफ शब-ए-बारात की दुआ तो दूसरी ओर होली के रंग, कुछ ऐसी बिखेरी काशी ने छटा

वाराणसी में एक साथ मना शब ए बारात और होली त्योहार. शाही जामा मस्जिद के इमाम-ए-जुमा मौलाना ने पूरे देश में अमन और चैन के लिए दुआ मांगी. शुक्रवार को होली और शब-ए-बारात एक साथ पड़ गया था.

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कुछ ऐसी बिखेरी काशी ने छटा
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Published : Mar 19, 2022, 3:12 PM IST

वाराणसी. शुक्रवार के दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शब-ए-बारात मनाया. इस दौरान लोगों ने अपने पूर्वजों को याद किया और बुजुर्गों की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़कर दुआएं मांगी. वाराणसी में घर व मस्जिदों में सारी रात इबादत का सिलसिला जारी रहा. वहीं, शाही जामा मस्जिद के इमाम-ए-जुमा मौलाना ने पूरे देश में अमन और चैन के लिए दुआ मांगी.

कुछ ऐसी बिखेरी काशी ने छटा

यह भी पढ़ें- शब-ए-बरात के अवसर पर करें यह काम, जानिए क्यूं खास है यह दिन


शुक्रवार को होली और शब-ए-बारात एक साथ पड़ गया था. इस दौरान वाराणसी में एक बार फिर गंगा जमुनी तहजीब मिसाल देखने को मिली. दोनों समुदाय के लोग सकुशल अपने-अपने पर्व को मनाते नजर आए. सुबह से लोग होली की मस्ती में थे. वहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दोपहर में जुमे की नमाज अदा किया. शाम होते ही लोग कब्रिस्तानों व मजारों पर पहुंचकर फातिहा पढ़ी. इस त्योहार में लोग अपने घरों में आज के दिन तरह-तरह के हलवे बनाते हैं. गरीबों में खाना भी बांटते हैं और नमाज अदा करते हैं.

शब-ए-बारात को लेकर शाही जामा मस्जिद के इमाम ए जुमा मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने त्योहार का अर्थ समझाया. उन्होंने कहा कि शब-ए-बरात का मतलब होता है गुनाहों से, गलत कामों से छूटकारे के लिए अल्लाह के सामने दुआ करना. उन्होंने बताया कि शब-ए-बरात आज से नहीं बल्कि रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इरशाद फरमाने के बाद जो इसकी फजीलतें बयान की गई है.

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वाराणसी. शुक्रवार के दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शब-ए-बारात मनाया. इस दौरान लोगों ने अपने पूर्वजों को याद किया और बुजुर्गों की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़कर दुआएं मांगी. वाराणसी में घर व मस्जिदों में सारी रात इबादत का सिलसिला जारी रहा. वहीं, शाही जामा मस्जिद के इमाम-ए-जुमा मौलाना ने पूरे देश में अमन और चैन के लिए दुआ मांगी.

कुछ ऐसी बिखेरी काशी ने छटा

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शुक्रवार को होली और शब-ए-बारात एक साथ पड़ गया था. इस दौरान वाराणसी में एक बार फिर गंगा जमुनी तहजीब मिसाल देखने को मिली. दोनों समुदाय के लोग सकुशल अपने-अपने पर्व को मनाते नजर आए. सुबह से लोग होली की मस्ती में थे. वहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दोपहर में जुमे की नमाज अदा किया. शाम होते ही लोग कब्रिस्तानों व मजारों पर पहुंचकर फातिहा पढ़ी. इस त्योहार में लोग अपने घरों में आज के दिन तरह-तरह के हलवे बनाते हैं. गरीबों में खाना भी बांटते हैं और नमाज अदा करते हैं.

शब-ए-बारात को लेकर शाही जामा मस्जिद के इमाम ए जुमा मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने त्योहार का अर्थ समझाया. उन्होंने कहा कि शब-ए-बरात का मतलब होता है गुनाहों से, गलत कामों से छूटकारे के लिए अल्लाह के सामने दुआ करना. उन्होंने बताया कि शब-ए-बरात आज से नहीं बल्कि रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इरशाद फरमाने के बाद जो इसकी फजीलतें बयान की गई है.

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