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वाराणसी: संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह का पांचवा दिन, कलाकरों ने लगाई हाजिरी - संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह का पांचवा दिन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पांचवें दिन भी संकट मोचन दरबार में भक्तों और कलाकरों ने हाजिरी लगाई है. कोरोना वायरस के चलते प्रस्तुति लोगों को दिखाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम का उपयोग किया जा रहा है. इसी कड़ी में संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह की पांचवीं निशा का आयोजन किया गया.

संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह
संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह का आयोजन.
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Published : Apr 17, 2020, 6:37 PM IST

वाराणसी: मां गंगा के तट पर बसी विश्व की प्राचीनतम शहर काशी में इन दिनों संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह की पांचवीं निशा का शुभारंभ कथक नृत्य की प्रस्तुति के माध्यम से किया गया. भोपाल से रायपुर घराने की प्रतिनिधि कलाकार वी अनुराधा सिंह ने किया. घराने की पारम्परिक रचनाओं की प्रस्तुति दी.


संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह
तत्पश्चात् कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुंबई से तबला वादन की प्रस्तुति हेतु डिजिटल माध्यम से अनुराधा पाल जुड़ीं, जिन्होंने वाराणसी और पंजाब घराने के परम्परागत रचनाओं की प्रस्तुति की. कार्यक्रम की तीसरी प्रस्तुति हेतु डिजिटल माध्यम से चेन्नई से विख्यात कर्नाटक शैली की गायिका विदुषी बॉम्बे जयश्री रामनाथ जुड़ी. बॉम्बे जयश्री के साथ उनके सुपुत्र अमृत रामनाथ ने भी हनुमत दरबार में स्वरांजली की.

संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह
संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह का आयोजन.
इस वर्ष डिजिटल के माध्यम से ही जुड़े कलाकारडिजिटल के माध्यम से ही जुड़ कर कलाकारों नेअगली प्रस्तुति दी, जिसमें सरस्वती वीणा वादन भी हुई. बेंगलुरु से विख्यात साधिका विदुषी जयंती कुमरेश अपनी-अपनी प्रस्तुति हेतु जुड़ीं रही. कार्यक्रम की अगली कड़ी में बेंगलुरु से विख्यात कुचिपुड़ी नृत्य विधा की साधिका विद्या अंगारा सिन्हा जुड़ी. उन्होंने कर्नाटक शैली के गायन पर कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति किया. पांचवीं निशा की अगली प्रस्तुति सितार वादन की रही. दिल्ली से महताब अली नियाजी अपनी प्रस्तुति हेतु जुड़े. खुर्रम अली नियाजी ने तबला वादन के माध्यम से उनको सहयोग प्रदान किया. अगली कड़ी में मुंबई से विदुषी कंकना बनर्जी डिजिटल के माध्यम से जुड़ीं. विगत 40 वर्षों से नियमित हनुमत दरबार में हाजिरी लगाने आ रहीं कंकना इस वर्ष डिजिटल माध्यम से ही जुड़ी.कैमरा के माध्यम से दिखाई गई भक्तों को आरती इस क्रम में प्रतिदिन की शयन आरती भक्तों को कैमरा के माध्यम से दिखाई जा रही है, शुक्रवार को भी वहीं हुआ. तत्पश्चात् सूफियाना घराने के प्रतिनिधि कलाकार अभय रुस्तम सोपोरी नई दिल्ली से संतूर की प्रस्तुति हेतु साथ जुड़े. राग श्रीकौंस की अवतारणा किया. आलाप, जोड़ और झाला की अप्रतिम प्रस्तुति के माध्यम से हनुमत चरणों में आराधना किया.

हम डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विश्व प्रसिद्ध संकट मोचन संगीत समारोह देख पा रहे हैं. यह बहुत ही अच्छा है और हमारे साथ विश्व के कोने-कोने से लोग जुड़े हैं. कलाकार अपनी हाजिरी लगा पा रहे है. संकट मोचन भगवान से यही प्रार्थना है कि कोरोना वायरस जल्दी ही खत्म हो.
सुमेधा मिश्रा, दर्शक सदस्य परिवार

वाराणसी: मां गंगा के तट पर बसी विश्व की प्राचीनतम शहर काशी में इन दिनों संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह की पांचवीं निशा का शुभारंभ कथक नृत्य की प्रस्तुति के माध्यम से किया गया. भोपाल से रायपुर घराने की प्रतिनिधि कलाकार वी अनुराधा सिंह ने किया. घराने की पारम्परिक रचनाओं की प्रस्तुति दी.


संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह
तत्पश्चात् कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुंबई से तबला वादन की प्रस्तुति हेतु डिजिटल माध्यम से अनुराधा पाल जुड़ीं, जिन्होंने वाराणसी और पंजाब घराने के परम्परागत रचनाओं की प्रस्तुति की. कार्यक्रम की तीसरी प्रस्तुति हेतु डिजिटल माध्यम से चेन्नई से विख्यात कर्नाटक शैली की गायिका विदुषी बॉम्बे जयश्री रामनाथ जुड़ी. बॉम्बे जयश्री के साथ उनके सुपुत्र अमृत रामनाथ ने भी हनुमत दरबार में स्वरांजली की.

संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह
संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह का आयोजन.
इस वर्ष डिजिटल के माध्यम से ही जुड़े कलाकारडिजिटल के माध्यम से ही जुड़ कर कलाकारों नेअगली प्रस्तुति दी, जिसमें सरस्वती वीणा वादन भी हुई. बेंगलुरु से विख्यात साधिका विदुषी जयंती कुमरेश अपनी-अपनी प्रस्तुति हेतु जुड़ीं रही. कार्यक्रम की अगली कड़ी में बेंगलुरु से विख्यात कुचिपुड़ी नृत्य विधा की साधिका विद्या अंगारा सिन्हा जुड़ी. उन्होंने कर्नाटक शैली के गायन पर कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति किया. पांचवीं निशा की अगली प्रस्तुति सितार वादन की रही. दिल्ली से महताब अली नियाजी अपनी प्रस्तुति हेतु जुड़े. खुर्रम अली नियाजी ने तबला वादन के माध्यम से उनको सहयोग प्रदान किया. अगली कड़ी में मुंबई से विदुषी कंकना बनर्जी डिजिटल के माध्यम से जुड़ीं. विगत 40 वर्षों से नियमित हनुमत दरबार में हाजिरी लगाने आ रहीं कंकना इस वर्ष डिजिटल माध्यम से ही जुड़ी.कैमरा के माध्यम से दिखाई गई भक्तों को आरती इस क्रम में प्रतिदिन की शयन आरती भक्तों को कैमरा के माध्यम से दिखाई जा रही है, शुक्रवार को भी वहीं हुआ. तत्पश्चात् सूफियाना घराने के प्रतिनिधि कलाकार अभय रुस्तम सोपोरी नई दिल्ली से संतूर की प्रस्तुति हेतु साथ जुड़े. राग श्रीकौंस की अवतारणा किया. आलाप, जोड़ और झाला की अप्रतिम प्रस्तुति के माध्यम से हनुमत चरणों में आराधना किया.

हम डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विश्व प्रसिद्ध संकट मोचन संगीत समारोह देख पा रहे हैं. यह बहुत ही अच्छा है और हमारे साथ विश्व के कोने-कोने से लोग जुड़े हैं. कलाकार अपनी हाजिरी लगा पा रहे है. संकट मोचन भगवान से यही प्रार्थना है कि कोरोना वायरस जल्दी ही खत्म हो.
सुमेधा मिश्रा, दर्शक सदस्य परिवार

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