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BHU: छात्रावास आवंटन के बदले नियम, ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव, सौंपा मांग पत्र

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की ABVP इकाई ने डीएसडब्ल्यू कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर घेराव किया. ABVP ने विश्वविद्यालय प्रशासन के छात्रावास आवंटन के नियम बदलने का विरोध करते हुए पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा.

ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव, सौंपा मांग पत्र
ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव, सौंपा मांग पत्र
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 9:51 PM IST

ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव, सौंपा मांग पत्र

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की अखिल भारतीय विद्यापीठ परिषद (ABVP) इकाई ने डीएसडब्ल्यू कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर घेराव किया. इस दौरान छात्रावास, टैबलेट वितरण एवं अन्य समस्याओं से संबंधित पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया. ABVP ने विश्वविद्यालय प्रशासन के उस फैसले का विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि विद्यार्थियों को छात्रावास अब पिछले वर्ष की मेरिट के आधार पर होंगे, न कि प्रवेश की मेरिट के आधार पर. संगठन के सदस्यों का कहना है कि इस फैसले के बाद बीच सत्र में बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित हो रहे हैं.

समस्याओं से संबंधित पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा
समस्याओं से संबंधित पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा
विरोध प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों का कहना है कि छात्रावास न मिलने की स्थिति में बीच सत्र में ही उनके लिए बड़ी समस्या खड़ी हो रही है. छात्रावासों में पर्याप्त धन के बावजूद मूलभूत सुविधाओं की कमी, स्वच्छता की कमी के साथ ही हाल ही में छात्रावास आवंटन प्रक्रिया के नियम में किए गए बदलाव के कारण विद्यार्थियों के एक बड़े समूह को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को अभी तक छात्रावास नहीं मिल सका है. उत्तर प्रदेश सरकार की टैबलेट वितरण योजना में विश्वविद्यालय उदासीन बना हुआ है.
ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव
ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव
छात्रावास आवंटन के फैसले पर दोबारा हो विचार: इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्र विरोधी निर्णय ले रहा है. विश्वविद्यालय के छात्रावासों में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है. स्वच्छता की कमी के कारण अनेकों छात्रावास में डेंगू फैल रहा है. इसी के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन ने अचानक बीच सत्र में पिछले सत्र के मेरिट के आधार पर छात्रावास आवंटन का नियम ला दिया है, जो पहले प्रवेश की ही मेरिट पर प्रति वर्ष होता था. इस फैसले से बीच सत्र में बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं.विद्यार्थी आंदोलन करने को होंगे बाध्य: भय प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की स्मार्टफोन एवं टैबलेट वितरण योजना में हो रही देरी को लेकर भी विरोध किया है. संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द से जल्द इसे पूरा कराए जाने की मांग की है. छात्रावास संबंधित मांगों के जल्द पूर्ण न होने की स्थिति में विद्यार्थी व्यापक आंदोलन को बाध्य होंगे जो विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्रावास में होगा. अभय प्रताप का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन तुगलक की तरह फैसले ले रहा है. वहीं, इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रावास एवं विद्यार्थियों की समस्याओं पर आंख और कान बंद कर के बैठा है. 'क्या छात्रावास कराए जाएंगे खाली?': AVBP के कार्यकर्ता पुनीत मिश्र ने कहा कि मैत्री जलपान गृह की दुर्दशा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन आज तक सजग नहीं हुआ है, जबकि लंबे समय से एबीवीपी इसके लिए आवाज उठा रही है. छात्रावास आवंटन का नियम अचानक बदल दिया जा रहा है, जबकि बहुत से विषयों के नए सत्र की कक्षाएं शुरू हो गई हैं. क्या उन विद्यार्थियों से छात्रावास अब खाली कराया जाएगा? विश्वविद्यालय प्रशासन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहा. जिससे विद्यार्थी समुदाय में असंतोष व्याप्त है. इन सभी मांगों के संदर्भ में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डीएसडब्लू को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें 5 मांगें की गई हैं.इन पांच मांगों को लेकर एबीवीपी ने सौंपा ज्ञापन: विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में स्वच्छता, वाईफाई एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए छात्रावास संरक्षको को निर्देशित किया जाए. छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया में किए गए बदलाव को वापस लिया जाए. नए विद्यार्थियों को जल्द से जल्द छात्रावास आवंटित किए जाएं. टैबलेट एवं स्मार्टफोन वितरण योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाए. सभी विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाना चाहिए. कुछ छात्रावासों में निर्माण कार्य के बाद वाईफाई बंद है. इनमें तत्काल वाईफाई को बहाल किया जाए. मैत्री जलपान गृह के सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए.

यह भी पढ़ें: BHU के डॉक्टर्स का कमाल, 8 महीने वेंटिलेटर पर रही बच्ची के असहाय शरीर में 'फूंक दी जान'

यह भी पढ़ें: BHU में हो रहा सीवर के पानी और गोमूत्र से गंभीर बीमारियों का इलाज, अब बनेगी देश की पहली बैक्टेरिया लैब

ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव, सौंपा मांग पत्र

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की अखिल भारतीय विद्यापीठ परिषद (ABVP) इकाई ने डीएसडब्ल्यू कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर घेराव किया. इस दौरान छात्रावास, टैबलेट वितरण एवं अन्य समस्याओं से संबंधित पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया. ABVP ने विश्वविद्यालय प्रशासन के उस फैसले का विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि विद्यार्थियों को छात्रावास अब पिछले वर्ष की मेरिट के आधार पर होंगे, न कि प्रवेश की मेरिट के आधार पर. संगठन के सदस्यों का कहना है कि इस फैसले के बाद बीच सत्र में बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित हो रहे हैं.

समस्याओं से संबंधित पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा
समस्याओं से संबंधित पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा
विरोध प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों का कहना है कि छात्रावास न मिलने की स्थिति में बीच सत्र में ही उनके लिए बड़ी समस्या खड़ी हो रही है. छात्रावासों में पर्याप्त धन के बावजूद मूलभूत सुविधाओं की कमी, स्वच्छता की कमी के साथ ही हाल ही में छात्रावास आवंटन प्रक्रिया के नियम में किए गए बदलाव के कारण विद्यार्थियों के एक बड़े समूह को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को अभी तक छात्रावास नहीं मिल सका है. उत्तर प्रदेश सरकार की टैबलेट वितरण योजना में विश्वविद्यालय उदासीन बना हुआ है.
ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव
ABVP ने DSW कार्यालय का किया घेराव
छात्रावास आवंटन के फैसले पर दोबारा हो विचार: इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्र विरोधी निर्णय ले रहा है. विश्वविद्यालय के छात्रावासों में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है. स्वच्छता की कमी के कारण अनेकों छात्रावास में डेंगू फैल रहा है. इसी के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन ने अचानक बीच सत्र में पिछले सत्र के मेरिट के आधार पर छात्रावास आवंटन का नियम ला दिया है, जो पहले प्रवेश की ही मेरिट पर प्रति वर्ष होता था. इस फैसले से बीच सत्र में बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं.विद्यार्थी आंदोलन करने को होंगे बाध्य: भय प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की स्मार्टफोन एवं टैबलेट वितरण योजना में हो रही देरी को लेकर भी विरोध किया है. संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जल्द से जल्द इसे पूरा कराए जाने की मांग की है. छात्रावास संबंधित मांगों के जल्द पूर्ण न होने की स्थिति में विद्यार्थी व्यापक आंदोलन को बाध्य होंगे जो विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्रावास में होगा. अभय प्रताप का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन तुगलक की तरह फैसले ले रहा है. वहीं, इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रावास एवं विद्यार्थियों की समस्याओं पर आंख और कान बंद कर के बैठा है. 'क्या छात्रावास कराए जाएंगे खाली?': AVBP के कार्यकर्ता पुनीत मिश्र ने कहा कि मैत्री जलपान गृह की दुर्दशा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन आज तक सजग नहीं हुआ है, जबकि लंबे समय से एबीवीपी इसके लिए आवाज उठा रही है. छात्रावास आवंटन का नियम अचानक बदल दिया जा रहा है, जबकि बहुत से विषयों के नए सत्र की कक्षाएं शुरू हो गई हैं. क्या उन विद्यार्थियों से छात्रावास अब खाली कराया जाएगा? विश्वविद्यालय प्रशासन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहा. जिससे विद्यार्थी समुदाय में असंतोष व्याप्त है. इन सभी मांगों के संदर्भ में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डीएसडब्लू को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें 5 मांगें की गई हैं.इन पांच मांगों को लेकर एबीवीपी ने सौंपा ज्ञापन: विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में स्वच्छता, वाईफाई एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए छात्रावास संरक्षको को निर्देशित किया जाए. छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया में किए गए बदलाव को वापस लिया जाए. नए विद्यार्थियों को जल्द से जल्द छात्रावास आवंटित किए जाएं. टैबलेट एवं स्मार्टफोन वितरण योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाए. सभी विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाना चाहिए. कुछ छात्रावासों में निर्माण कार्य के बाद वाईफाई बंद है. इनमें तत्काल वाईफाई को बहाल किया जाए. मैत्री जलपान गृह के सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए.

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