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वाराणसी: मनोचिकित्सक बोले, कोरोना काल में अवसाद भी ले सकता है महामारी का रूप

कोरोना वायरस से पूरे देश में लाखों लोग ग्रस्त हैं. इस बीच कोरोना वायरस से लोग अवसाद का भी शिकार होते जा रहे हैं. मनोचिकित्सकों का कहना है कि ऐसे ही रहा तो देश में अवसादग्रस्त लोगों की महामारी आ सकती है.

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Published : Jul 22, 2020, 4:25 PM IST

कोरोना काल में अवसाद भी ले सकता है महामारी का रूप
कोरोना काल में अवसाद भी ले सकता है महामारी का रूप

वाराणसी: कोरोना वायरस ने पूरे देश को अपनी जद में ले लिया है. कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वैसे तो कोरोना ने शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से लोगों को तोड़कर रख दिया है, लेकिन अब मनोचिकित्सकों का मानना है कि आने वाले समय में अवसादग्रस्त लोग ज्यादा मिलने की संभावना है. अवसाद भी महामारी की तरह फैल सकता है. फिलहाल अवसाद से बचने के लिए अपने आप को फिट रखना मानसिक रूप से बेहद जरूरी है.

कोरोना काल में अवसाद भी ले सकता है महामारी का रूप.
मनोचिकित्सकों का मानना है कि जिस तरीके से कोरोना पूरे समाज में फैल चुका है. उसे देखते हुए कहीं न कहीं लोगों के दिमाग पर जोर पड़ता जा रहा है. लोग डरे और सहमे भी हैं, जिसका सीधा असर घर परिवार में देखा जा सकता है. आएदिन होने वाले झगड़ों की संख्या घरों में बढ़ गई है. एक-दूसरे से लोग संतुष्ट नहीं हैं. उस पर से आर्थिक तंगी होने की वजह से लोग अवसादग्रस्त होते जा रहे हैं. अभी तो महज शुरुआत भर है. अगर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो अवसादग्रस्त लोगों की महामारी भी देश में आ सकती है. अपने आपको दिमागी रूप से मजबूत करने के लिए लोगों को खान-पान से लेकर फिटनेस का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा. कहीं न कहीं बी पॉजिटिव सोचकर अपने आप को जिंदगी जीना होगा, तभी आप इस अवसाद नामक बीमारी से मुक्त हो सकेंगे. आने वाला समय बेहद मुश्किल और कठिन होने वाला है, क्योंकि कई शोध संस्थाओं का कहना है कि अब कोरोनावायरस के बीच ही मनुष्य को अपना जीवन जीना पड़ेगा, जो बेहद मुश्किल होने वाला है.

वाराणसी: कोरोना वायरस ने पूरे देश को अपनी जद में ले लिया है. कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वैसे तो कोरोना ने शारीरिक, आर्थिक और मानसिक रूप से लोगों को तोड़कर रख दिया है, लेकिन अब मनोचिकित्सकों का मानना है कि आने वाले समय में अवसादग्रस्त लोग ज्यादा मिलने की संभावना है. अवसाद भी महामारी की तरह फैल सकता है. फिलहाल अवसाद से बचने के लिए अपने आप को फिट रखना मानसिक रूप से बेहद जरूरी है.

कोरोना काल में अवसाद भी ले सकता है महामारी का रूप.
मनोचिकित्सकों का मानना है कि जिस तरीके से कोरोना पूरे समाज में फैल चुका है. उसे देखते हुए कहीं न कहीं लोगों के दिमाग पर जोर पड़ता जा रहा है. लोग डरे और सहमे भी हैं, जिसका सीधा असर घर परिवार में देखा जा सकता है. आएदिन होने वाले झगड़ों की संख्या घरों में बढ़ गई है. एक-दूसरे से लोग संतुष्ट नहीं हैं. उस पर से आर्थिक तंगी होने की वजह से लोग अवसादग्रस्त होते जा रहे हैं. अभी तो महज शुरुआत भर है. अगर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो अवसादग्रस्त लोगों की महामारी भी देश में आ सकती है. अपने आपको दिमागी रूप से मजबूत करने के लिए लोगों को खान-पान से लेकर फिटनेस का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा. कहीं न कहीं बी पॉजिटिव सोचकर अपने आप को जिंदगी जीना होगा, तभी आप इस अवसाद नामक बीमारी से मुक्त हो सकेंगे. आने वाला समय बेहद मुश्किल और कठिन होने वाला है, क्योंकि कई शोध संस्थाओं का कहना है कि अब कोरोनावायरस के बीच ही मनुष्य को अपना जीवन जीना पड़ेगा, जो बेहद मुश्किल होने वाला है.
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