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काशी कोतवाल के दर्शन करने के बाद नामांकन करने निकले पीएम मोदी - काशी विश्वनाथ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में दो दिन के दौरे पर हैं. आज पीएम मोदी वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. इससे पहले वह काशी कोतवाल काल भैरव के दर्शन करेंगे. कल प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भव्य रोड शो किया था. इस दौरान उनके समर्थकों में भारी उत्साह दिखा.

काशी कोतवाल के दर्शन करने के बाद नामांकन करने जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी
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Published : Apr 26, 2019, 8:17 AM IST

Updated : Apr 26, 2019, 3:19 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं. प्रधानमंत्री लगभग 9:00 बजे कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद सीधे श्री बाबा काल भैरव मंदिर जाएंगे. जहां पर दर्शन पूजन के बाद वह अपना नामांकन दाखिल करने के लिए भव्य रोड शो के साथ निकलेंगे.

पीएम मोदी काल भैरव मंदिर में दर्शन के बाद अपना नामांकन दाखिल करने क्यों जा रहे हैं?
बाबा काल भैरव से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं की अगर बात करें तो काशी में काल भैरव को कोतवाल के रूप में जाना जाता है. ऐसी कथा है कि एक बार विष्णु और ब्रह्मा भगवान शिव की बुराई कर रहे थे और ब्रह्मा के पांचवें शेर के मुख से शिव की बुराई निकली, जिसे सुनकर शिव रूद्र रूप में आ गए और उनकी इस रौद्र रूप की परछाई से भैरव की उत्पत्ति हुई. भैरव ने गुस्से में अपने दाएं पैर के अंगूठे के नाखून से ब्रह्मा का पांचवा सिर काट दिया, जिसके बाद उन्हें ब्रहम हत्या का पाप लगा.

काशी कोतवाल के दर्शन करने के बाद नामांकन करने जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी.

उसकी मुक्ति के लिए भगवान भोलेनाथ ने भैरव को काशी में जाकर अपना पश्चाताप करने को कहा, जिस पर भैरव काशी आए और यहां पर उन्हें ब्रहम हत्या के पाप से मुक्ति मिली. उन्होंने काशी की रक्षा करने का वचन देकर यही प्रवास किया और भगवान भोलेनाथ ने अपनी प्रिय नगरी काशी की रक्षा की जिम्मेदारी काल भैरव को सौंप दी.

हर व्यक्ति काशी में आने के बाद काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन जरूर करता है
काल भैरव मंदिर के पुजारी राजेश मिश्रा का कहना है कि यही वजह है कि काशी में आने वाला हर व्यक्ति काल भैरव मंदिर में दर्शन करना नहीं भूलता. कहा जाता है कि काशी के कोतवाल के दर पर जो नहीं आता उसे भैरव दंडित करते हैं. परेशान होता है, जिसके बाद वह अपनी परेशानी को खत्म करने के लिए काल भैरव दरबार में हाजिरी जरुर लगाता है. ऐसी मान्यता है कि काशी में आने वाला कोई नेता हो या कोई नया अधिकारी हर व्यक्ति काशी में आने के बाद काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन जरूर करता है.

इस वजह से उसके सभी काम सफल होते हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी भी अपना नामांकन दाखिल करने से पहले अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई अन्य बड़े नेताओं के साथ काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन के बाद अपना नामांकन दाखिल करने के लिए निकलेंगे.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं. प्रधानमंत्री लगभग 9:00 बजे कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद सीधे श्री बाबा काल भैरव मंदिर जाएंगे. जहां पर दर्शन पूजन के बाद वह अपना नामांकन दाखिल करने के लिए भव्य रोड शो के साथ निकलेंगे.

पीएम मोदी काल भैरव मंदिर में दर्शन के बाद अपना नामांकन दाखिल करने क्यों जा रहे हैं?
बाबा काल भैरव से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं की अगर बात करें तो काशी में काल भैरव को कोतवाल के रूप में जाना जाता है. ऐसी कथा है कि एक बार विष्णु और ब्रह्मा भगवान शिव की बुराई कर रहे थे और ब्रह्मा के पांचवें शेर के मुख से शिव की बुराई निकली, जिसे सुनकर शिव रूद्र रूप में आ गए और उनकी इस रौद्र रूप की परछाई से भैरव की उत्पत्ति हुई. भैरव ने गुस्से में अपने दाएं पैर के अंगूठे के नाखून से ब्रह्मा का पांचवा सिर काट दिया, जिसके बाद उन्हें ब्रहम हत्या का पाप लगा.

काशी कोतवाल के दर्शन करने के बाद नामांकन करने जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी.

उसकी मुक्ति के लिए भगवान भोलेनाथ ने भैरव को काशी में जाकर अपना पश्चाताप करने को कहा, जिस पर भैरव काशी आए और यहां पर उन्हें ब्रहम हत्या के पाप से मुक्ति मिली. उन्होंने काशी की रक्षा करने का वचन देकर यही प्रवास किया और भगवान भोलेनाथ ने अपनी प्रिय नगरी काशी की रक्षा की जिम्मेदारी काल भैरव को सौंप दी.

हर व्यक्ति काशी में आने के बाद काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन जरूर करता है
काल भैरव मंदिर के पुजारी राजेश मिश्रा का कहना है कि यही वजह है कि काशी में आने वाला हर व्यक्ति काल भैरव मंदिर में दर्शन करना नहीं भूलता. कहा जाता है कि काशी के कोतवाल के दर पर जो नहीं आता उसे भैरव दंडित करते हैं. परेशान होता है, जिसके बाद वह अपनी परेशानी को खत्म करने के लिए काल भैरव दरबार में हाजिरी जरुर लगाता है. ऐसी मान्यता है कि काशी में आने वाला कोई नेता हो या कोई नया अधिकारी हर व्यक्ति काशी में आने के बाद काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन जरूर करता है.

इस वजह से उसके सभी काम सफल होते हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी भी अपना नामांकन दाखिल करने से पहले अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई अन्य बड़े नेताओं के साथ काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन के बाद अपना नामांकन दाखिल करने के लिए निकलेंगे.

Intro:फाइल एफटीपी पर up_vns_26 apr_kalbhairav_story फोल्डर में है

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं प्रधानमंत्री लगभग 9:00 बजे कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद सीधे श्री बाबा काल भैरव मंदिर जाएंगे जहां पर दर्शन पूजन के बाद वह अपना नामांकन दाखिल करने के लिए भव्य रोड शो की शक्ल में निकलेंगे सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर बाबा विश्वनाथ की नगरी में पीएम मोदी काल भैरव मंदिर में दर्शन के बाद अपना नामांकन दाखिल करने क्यों जा रहे हैं आखिर क्या है पुराणों में बाबा काल भैरव की मान्यता और क्यों काशी में आने के बाद इनका दर्शन करना है जरूरी जानिए इस खबर में.


Body:वीओ-01 दरअसल बाबा काल भैरव से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं की अगर बात करें तो काशी में काल भैरव को कोतवाल के रूप में जाना जाता है ऐसी कथा है कि एक बार विष्णु और ब्रह्मा भगवान शिव की बुराई कर रहे थे और ब्रह्मा के पांचवें शेर के मुख से शिव की बुराई निकली जिसे सुनकर शिव रूद्र रूप में आ गए और उनकी इस रौद्र रूप की परछाई से भैरव की उत्पत्ति हुई भैरव ने गुस्से में अपने दाएं पैर के अंगूठे के नाखून से ब्रह्मा का पांचवा सिर काट दिया जिसके बाद उन्हें ब्रहम हत्या का पाप लगा और उसकी मुक्ति के लिए भगवान भोलेनाथ ने भैरव को काशी में जाकर अपना पश्चाताप करने को कहा जिस पर भैरव काशी आए और यहां पर उन्हें ब्रहम हत्या के पाप से मुक्ति मिली जिसके बाद उन्होंने काशी की रक्षा करने का वचन देकर यही प्रवास किया और भगवान भोलेनाथ ने अपनी प्रिय नगरी काशी की रक्षा की जिम्मेदारी काल भैरव को सौंप दी


Conclusion:वीओ-02 काल भैरव मंदिर के पुजारी राजेश मिश्रा का कहना है कि यही वजह है कि काशी में आने वाला हर व्यक्ति काल भैरव मंदिर में दर्शन करना नहीं भूलता कहा जाता है कि काशी के कोतवाल के दर पर जो नहीं आता उसे भैरव दंडित करते हैं परेशान होता है जिसके बाद वह अपनी परेशानी को खत्म करने के लिए काल भैरव दरबार में हाजिरी जरुर लगाता है ऐसी मान्यता है कि काशी में आने वाला कोई नेता हो या कोई नया अधिकारी हर व्यक्ति काशी में आने के बाद काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन जरूर करता है जिसकी वजह से उसके सभी काम सफल होते हैं यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी भी अपना नामांकन दाखिल करने से पहले अमित शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई अन्य बड़े नेताओं के साथ काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन के बाद अपना नामांकन दाखिल करने के लिए निकलेंगे.

बाईट- राजेश मिश्र, पुजारी मंदिर कालभैरव
Last Updated : Apr 26, 2019, 3:19 PM IST
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