वाराणसी: बनारस के लाभार्थियों और टीकाकरण करने वाले कर्मियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद संवाद किया. खुद को 'काशी का सेवक' बताते हुए पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अभियान पर फीडबैक लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत हर हर महादेव से की. उन्होंने कहा कि देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण चल रहा है. देश में एक नहीं बल्कि 2 मेड इन इंडिया टीके उपलब्ध है. जो आज देश के कोने कोने में पहुंच रहे हैं. भारत इस मामले में पूरी तरीके से आत्मनिर्भर है.
प्रधानमंत्री ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की सेवा और संघर्ष को देखकर उन्हें आधुनिक ऋषि का नाम देकर उन्हें आशीर्वाद दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी जांच-पड़ताल के बाद वैज्ञानिकों की मंजूरी के बाद वैक्सीनेशन लगाने का काम शुरू किया गया है और सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाया जा रहा है. पहले चरण में वाराणसी में करीब करीब 20 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को व्यक्ति लगाई जाएगी. उन्होंने कहा, "मैं पूरे अभियान के लिए सभी डॉक्टर मेडिकल स्टाफ का अभिनंदन करता हूं."
5 लोगों से किया वर्चुअल संवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में बने तीन केंद्रों पर कुल 5 स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत की और उनका अनुभव जाना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "ऐसे समय में आपके साथ होना चाहिए. मगर हालात की वजह से वर्चुअली मिल रहा हूं. कोरोना वायरस की तैयारियों और इसे धरातल पर उतारने के लिए मैं आप सभी को दिल से धन्यवाद देता हूं."
पीएम ने दिया आशीर्वाद
स्वास्थ्य कर्मी पुष्पा देवी और रानी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने हमसे संवाद कर हमारा हाल जाना. उन्होंने हमसे पूछा कि टीके लगवाने के बाद हमें कैसा लग रहा है. उन्होंने हमसे हमारा अनुभव पूछा. दोनों स्वास्थ्य कर्मियों ने जवाब दिया कि "हमें कोई दिक्कत नहीं हो रही है. हम पूर्ण रूप से काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री जी को दिल से धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने देश के लिए इतना कुछ किया. आज उनके बदौलत ही हम कोरोना से जंग जीत रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य कर्मी होने के नाते सभी लोगों से अपील करते हैं कि सभी लोग वैक्सीन लगाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हमसे यही अपील की है."