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सुविधाओं और कोच के आभाव में टूट रहे खिलाड़ियों के सपने - There is no facility for players in Varanasi

यूपी के वाराणसी में कोचों के अभाव खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. कोच नहीं होने से खिलाड़ियों की अच्छे से प्रैक्टिस नहीं हो पाती.

वाराणसी में खिलाड़ियों के लिए कोच नहीं.
वाराणसी में खिलाड़ियों के लिए कोच नहीं.
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Published : Sep 13, 2021, 4:56 AM IST

वाराणसीः ओलंपिक में खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के बाद सरकार लगातार खेलों को बढ़ावा देने की बात कर रही है. इसके साथ ही समय-समय पर सरकार के नुमाइंदों के द्वारा खेलों को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की बात भी की जा रही है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में प्रतिभा तराशने वाले उस गुरु द्रोणाचार्य की कमी है, जो खिलाड़ियों के भविष्य को और बेहतर बनाता है. इसके साथ ही संसाधनों की भी कमी है, जिससे खिलाड़ियों का अभ्यास प्रभावित होता है.

वाराणसी में खिलाड़ियों के लिए कोच नहीं.
वाराणसी का संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम खेल व खिलाड़ियों का एक केंद्र माना जाता है. लगभग 22 खेलों के खिलाड़ी यहां अभ्यास करते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों का भविष्य संकट में दिखाई दे रहा है. यहां खिलाड़ी बिना किसी कोच के सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं. हॉकी से लेकर हैंडबॉल तक के ग्राउंड बनाए गए हैं, लेकिन ट्रेनिंग के लिए कोई भी मौजूद नहीं है.हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी दिलशाद खान ने बताया कि यहां खेलने के लिए ग्राउंड तो है, लेकिन कोच का अभाव है. इसके साथ ही खिलाड़ियों को यहां खेल का सामान भी प्रशासन के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जाता. उन्होंने बताया कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ी काफी दिक्कतों का सामना करना को कर रहे हैं. जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर है, वह तो अपना टूलकिट खरीद भी ले रहे हैं. लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनका भविष्य प्रभावित हो रहा है. हैंडबॉल प्लेयर शुभम सरोज बताते हैं कि हर खिलाड़ी के भविष्य को संवारने में एक कोच का योगदान होता है. सुभम ने बताया कि हम लोग बिना कोच के स्वयं से ही अपने खेल को आगे बढ़ा रहे हैं. यदि हमें कोच मिलता तो, हमें एक बेहतर मार्गदर्शन मिलता और हम देश के लिए बेहतर कर पाते. कई बार तो यहां खेल मैदान में घास भी बड़ी हो जाती हैं. बड़ी मुद्दतों के बाद इनकी कटाई होती है.

इसे भी पढ़ें-IAS आलोक तिवारी बने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निजी सचिव, कानपुर में जल्द होगी नए डीएम की तैनाती

वहीं, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि खिलाड़ियों की सुविधा का भरपूर ध्यान रखा जा रहा है, कोच की कमी है. वर्तमान में 2 कोच है, एक सिगरा स्टेडियम में खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. दूसरा बड़ा लालपुर स्टेडियम में है. कोरोना काल से पहले शासन ने स्थाई कोच की नियुक्ति की थी, लेकिन अभी तक उन्होंने ज्वाइन नहीं किया. खिलाड़ियों को ज्यादा समस्या न हो इसलिए हम सीनियर प्लेयर की मदद से उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं. जल्द ही शासन स्तर से खिलाड़ियों को कोच भी मुहैया करा दिया.

वाराणसीः ओलंपिक में खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के बाद सरकार लगातार खेलों को बढ़ावा देने की बात कर रही है. इसके साथ ही समय-समय पर सरकार के नुमाइंदों के द्वारा खेलों को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की बात भी की जा रही है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में प्रतिभा तराशने वाले उस गुरु द्रोणाचार्य की कमी है, जो खिलाड़ियों के भविष्य को और बेहतर बनाता है. इसके साथ ही संसाधनों की भी कमी है, जिससे खिलाड़ियों का अभ्यास प्रभावित होता है.

वाराणसी में खिलाड़ियों के लिए कोच नहीं.
वाराणसी का संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम खेल व खिलाड़ियों का एक केंद्र माना जाता है. लगभग 22 खेलों के खिलाड़ी यहां अभ्यास करते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों का भविष्य संकट में दिखाई दे रहा है. यहां खिलाड़ी बिना किसी कोच के सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं. हॉकी से लेकर हैंडबॉल तक के ग्राउंड बनाए गए हैं, लेकिन ट्रेनिंग के लिए कोई भी मौजूद नहीं है.हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी दिलशाद खान ने बताया कि यहां खेलने के लिए ग्राउंड तो है, लेकिन कोच का अभाव है. इसके साथ ही खिलाड़ियों को यहां खेल का सामान भी प्रशासन के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जाता. उन्होंने बताया कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ी काफी दिक्कतों का सामना करना को कर रहे हैं. जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर है, वह तो अपना टूलकिट खरीद भी ले रहे हैं. लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनका भविष्य प्रभावित हो रहा है. हैंडबॉल प्लेयर शुभम सरोज बताते हैं कि हर खिलाड़ी के भविष्य को संवारने में एक कोच का योगदान होता है. सुभम ने बताया कि हम लोग बिना कोच के स्वयं से ही अपने खेल को आगे बढ़ा रहे हैं. यदि हमें कोच मिलता तो, हमें एक बेहतर मार्गदर्शन मिलता और हम देश के लिए बेहतर कर पाते. कई बार तो यहां खेल मैदान में घास भी बड़ी हो जाती हैं. बड़ी मुद्दतों के बाद इनकी कटाई होती है.

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वहीं, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि खिलाड़ियों की सुविधा का भरपूर ध्यान रखा जा रहा है, कोच की कमी है. वर्तमान में 2 कोच है, एक सिगरा स्टेडियम में खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. दूसरा बड़ा लालपुर स्टेडियम में है. कोरोना काल से पहले शासन ने स्थाई कोच की नियुक्ति की थी, लेकिन अभी तक उन्होंने ज्वाइन नहीं किया. खिलाड़ियों को ज्यादा समस्या न हो इसलिए हम सीनियर प्लेयर की मदद से उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं. जल्द ही शासन स्तर से खिलाड़ियों को कोच भी मुहैया करा दिया.

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