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अंग्रेजी माध्यम से PHD की प्रवेश परीक्षा कराने के फैसले का विरोध, BHU के छात्रों ने निकाला मार्च

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने अंग्रेजी माध्यम से पीएचडी की प्रवेश परीक्षा (PhD Entrance Exam in English Language) कराने का विरोध जताया. छात्र-छात्राओं ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के फैसले की कड़ी आलोचना की.

PhD Entrance Exam in English Language
PhD Entrance Exam in English Language
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Published : Aug 10, 2023, 10:25 PM IST

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय सहित देश के चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम होना है. इसके लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तारीख जारी हो गई है. इस बार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की परीक्षा NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा कराई जानी है. यूजीसी द्वारा इसका फैसला लिया गया है. वहीं यह परीक्षा अंग्रेजी माध्यम में कराई जानी है. इसको लेकर बीएचयू के छात्रों ने विरोध जताया है. सिंह द्वार से रविदास गेट तक छात्रों की ओर से विरोध मार्च निकाला गया.

बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए पीएचडी एंट्रेंस प्रोग्राम जारी कर दिया है. वहीं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पहली बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से पीएचडी में एडमिशन होंगे. इससे पहले NET या RET के तहत PHD में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की जाती थी. वहीं इस बार केंद्रीय नियमों में बदलाव कर दिया गया है. इसके बाद पीएचडी में एडमिशन प्रक्रिया नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम कराई जा रही है. वहीं इस परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी होगा.

रविदास गेट तक निकाला गया मार्च : गुरुवार को विरोध करते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों ने बीएचयू सिंह द्वार से रविदास गेट तक प्रतिकार मार्च निकाला. इसके साथ ही यूजीसी के चेयरमैन और चारों केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही यूजीसी चेयरमैन का प्रतीकात्मक पुतला फूंका. छात्रों का कहना है कि यूजीसी द्वारा राष्ट्रीय एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित शोध प्रवेश परीक्षा में देश के प्रतिष्ठित केन्द्रीय विद्यालय शामिल हैं. परीक्षा के प्रश्न पत्र का माध्यम अंग्रेजी प्रस्तावित कर हिंदी भाषी विद्यार्थियों की अनदेखा की गई है.

फैसला वापस लेने की मांग : विरोध में शामिल छात्र अभिषेक सिंह ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा यूजीसी के अंतर्गत भारत के चार प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय BHU, JNU, DU और BBAU में शोध की प्रवेश परीक्षा को पूर्ण रूप से अंग्रेजी माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है. हिंदुस्तान में हिंदी भाषा के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है? हिंदी को अनदेखा करके यूजीसी अपने आप को सही कैसे साबित कर सकती है. हम सभी छात्र इसका पूरा विरोध करते हैं. विरोध कर रहे छात्रों ने यह मांग की कि इस फैसले को जल्द से जल्द वापस लिया जाए.

NTA की तरफ से दी गई जानकारी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय का पीएचडी एंट्रेंस प्रोग्राम जारी कर दिया गया है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने दिल्ली विश्वविद्यालय, JNU और BBAU का भी पीएचडी एंट्रेंस प्रोग्राम जारी किया है. जारी अधिसूचना के मुताबिक देशभर के 97 सेंटरों पर एंट्रेंस एग्जाम होगा. इसके साथ ही फॉर्म भरने की आखिरी डेट भी बताया गया है. NTA की तरफ से वेबसाइट पर सारी जानकारी दे दी गई है. इसके साथ ही https://phd-entrance.samarth.ac.in/ पर अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने का ऑप्शन मिलेगा.

यह भी पढ़ें : BHU में में पहली बार नेशलल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से पीएचडी में होंगे, एंट्रेंस प्रोग्राम जारी

BHU स्नातक एडमिशन: नहीं जारी हुई दूसरी सूची, विश्वविद्यालय ने रोकी काउंसिलिंग

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय सहित देश के चार केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम होना है. इसके लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तारीख जारी हो गई है. इस बार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की परीक्षा NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा कराई जानी है. यूजीसी द्वारा इसका फैसला लिया गया है. वहीं यह परीक्षा अंग्रेजी माध्यम में कराई जानी है. इसको लेकर बीएचयू के छात्रों ने विरोध जताया है. सिंह द्वार से रविदास गेट तक छात्रों की ओर से विरोध मार्च निकाला गया.

बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए पीएचडी एंट्रेंस प्रोग्राम जारी कर दिया है. वहीं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पहली बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से पीएचडी में एडमिशन होंगे. इससे पहले NET या RET के तहत PHD में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की जाती थी. वहीं इस बार केंद्रीय नियमों में बदलाव कर दिया गया है. इसके बाद पीएचडी में एडमिशन प्रक्रिया नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम कराई जा रही है. वहीं इस परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी होगा.

रविदास गेट तक निकाला गया मार्च : गुरुवार को विरोध करते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों ने बीएचयू सिंह द्वार से रविदास गेट तक प्रतिकार मार्च निकाला. इसके साथ ही यूजीसी के चेयरमैन और चारों केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही यूजीसी चेयरमैन का प्रतीकात्मक पुतला फूंका. छात्रों का कहना है कि यूजीसी द्वारा राष्ट्रीय एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित शोध प्रवेश परीक्षा में देश के प्रतिष्ठित केन्द्रीय विद्यालय शामिल हैं. परीक्षा के प्रश्न पत्र का माध्यम अंग्रेजी प्रस्तावित कर हिंदी भाषी विद्यार्थियों की अनदेखा की गई है.

फैसला वापस लेने की मांग : विरोध में शामिल छात्र अभिषेक सिंह ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा यूजीसी के अंतर्गत भारत के चार प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय BHU, JNU, DU और BBAU में शोध की प्रवेश परीक्षा को पूर्ण रूप से अंग्रेजी माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है. हिंदुस्तान में हिंदी भाषा के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है? हिंदी को अनदेखा करके यूजीसी अपने आप को सही कैसे साबित कर सकती है. हम सभी छात्र इसका पूरा विरोध करते हैं. विरोध कर रहे छात्रों ने यह मांग की कि इस फैसले को जल्द से जल्द वापस लिया जाए.

NTA की तरफ से दी गई जानकारी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय का पीएचडी एंट्रेंस प्रोग्राम जारी कर दिया गया है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने दिल्ली विश्वविद्यालय, JNU और BBAU का भी पीएचडी एंट्रेंस प्रोग्राम जारी किया है. जारी अधिसूचना के मुताबिक देशभर के 97 सेंटरों पर एंट्रेंस एग्जाम होगा. इसके साथ ही फॉर्म भरने की आखिरी डेट भी बताया गया है. NTA की तरफ से वेबसाइट पर सारी जानकारी दे दी गई है. इसके साथ ही https://phd-entrance.samarth.ac.in/ पर अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने का ऑप्शन मिलेगा.

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