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एक जनपद-एक उत्पाद: डाक विभाग ने 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर जारी किया विशेष आवरण

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Published : Sep 29, 2021, 7:10 PM IST

एक जनपद-एक उत्पाद स्कीम के तहत डाक विभाग ने बनारसी सिल्क साड़ी पर विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी किया है. विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी होने के बाद बनारसी साड़ियों को वैश्विक पहचान मिलेगी.

डाक विभाग ने 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर जारी किया विशेष आवरण
डाक विभाग ने 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर जारी किया विशेष आवरण

वाराणसी : 'एक जनपद, एक उत्पाद' (ODOP) को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय डाक विभाग ने यूपी के सभी जनपदों के ओडीओपी उत्पाद पर आधारित विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी किया गया. लखनऊ में 'मिशन शक्ति' अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी परिमण्डल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा के साथ इसे जारी किया. वहीं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कमिश्नरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने वाराणसी के ओडीओपी उत्पाद 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी किया.

इस विशेष आवरण से बनारसी सिल्क साड़ी के साथ भारतीय फैशन सीरीज में जारी वाराणसी वीव्स का डाक टिकट छापकर इसे खूबसूरत बनाया गया है. कार्यक्रम के दौरान संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश कुमार सिंह, उपायुक्त उद्योग श्री वीरेंद्र कुमार, डाक अधीक्षक वाराणसी मंडल राजन राव, सहायक डाक अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव उपस्थित रहे. इस मौके पर पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बनारसी सिल्क साड़ी पर जारी किया गया विशेष आवरण इसे वैश्विक पहचान देगा. इसके माध्यम से बनारस की संस्कृति, कला, धरोहर दुनिया भर में फैलेगी. वाराणसी का रेशम पूरी दुनिया में वैभव और राजशाही का पर्याय है.

डाक विभाग ने 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर जारी किया विशेष आवरण
डाक विभाग ने 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर जारी किया विशेष आवरण

वाराणसी में विभिन्न आकार-प्रकार, आकर्षक रूप, डिजाइन व पैटर्न में इन उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की जाती है. बनारसी सिल्क साड़ियां राज घरानों के पहनावे का पर्याय हैं. पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पांच सदियों से चली आ रही इस कला से लगभग 29,802 बुनकर जुड़े हुए हैं. इन उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त है. वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन बनारसी सिल्क साड़ी, भदोही में दरी, चन्दौली में जरी जरजोदी, गाजीपुर में जूट वाल हैंगिंग, जौनपुर में वूलेन कारपेट तथा बलिया में बिंदी (टिकुली) ओडीओपी उत्पादों पर विशेष आवरण व विरूपण डाक विभाग के माध्यम से जारी किए गए हैं.

इसमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं, जो अपनी पहचान खो रहे थे. ऐसे उत्पादों को जिन्हें आधुनिकता तथा प्रसार रूपी संजीवनी द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है. इसमें डाक विभाग की अहम भूमिका है. इस संबंध में संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश कुमार सिंह ने कहा कि यूपी सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना 'एक जनपद, एक उत्पाद' कार्यक्रम का उद्देश्य इन विशिष्ट शिल्प कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित करना है.

इसे पढ़ें- धार्मिक पर्यटन के जरिए प्रदेश को चमकाने में जुटी योगी सरकार, मठों-मंदिरों का होगा नए सिरे से विकास

वाराणसी : 'एक जनपद, एक उत्पाद' (ODOP) को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय डाक विभाग ने यूपी के सभी जनपदों के ओडीओपी उत्पाद पर आधारित विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी किया गया. लखनऊ में 'मिशन शक्ति' अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी परिमण्डल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा के साथ इसे जारी किया. वहीं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कमिश्नरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने वाराणसी के ओडीओपी उत्पाद 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर विशेष आवरण एवं विशेष विरूपण जारी किया.

इस विशेष आवरण से बनारसी सिल्क साड़ी के साथ भारतीय फैशन सीरीज में जारी वाराणसी वीव्स का डाक टिकट छापकर इसे खूबसूरत बनाया गया है. कार्यक्रम के दौरान संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश कुमार सिंह, उपायुक्त उद्योग श्री वीरेंद्र कुमार, डाक अधीक्षक वाराणसी मंडल राजन राव, सहायक डाक अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव उपस्थित रहे. इस मौके पर पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बनारसी सिल्क साड़ी पर जारी किया गया विशेष आवरण इसे वैश्विक पहचान देगा. इसके माध्यम से बनारस की संस्कृति, कला, धरोहर दुनिया भर में फैलेगी. वाराणसी का रेशम पूरी दुनिया में वैभव और राजशाही का पर्याय है.

डाक विभाग ने 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर जारी किया विशेष आवरण
डाक विभाग ने 'बनारसी सिल्क साड़ी' पर जारी किया विशेष आवरण

वाराणसी में विभिन्न आकार-प्रकार, आकर्षक रूप, डिजाइन व पैटर्न में इन उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की जाती है. बनारसी सिल्क साड़ियां राज घरानों के पहनावे का पर्याय हैं. पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पांच सदियों से चली आ रही इस कला से लगभग 29,802 बुनकर जुड़े हुए हैं. इन उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त है. वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन बनारसी सिल्क साड़ी, भदोही में दरी, चन्दौली में जरी जरजोदी, गाजीपुर में जूट वाल हैंगिंग, जौनपुर में वूलेन कारपेट तथा बलिया में बिंदी (टिकुली) ओडीओपी उत्पादों पर विशेष आवरण व विरूपण डाक विभाग के माध्यम से जारी किए गए हैं.

इसमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं, जो अपनी पहचान खो रहे थे. ऐसे उत्पादों को जिन्हें आधुनिकता तथा प्रसार रूपी संजीवनी द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है. इसमें डाक विभाग की अहम भूमिका है. इस संबंध में संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश कुमार सिंह ने कहा कि यूपी सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना 'एक जनपद, एक उत्पाद' कार्यक्रम का उद्देश्य इन विशिष्ट शिल्प कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित करना है.

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