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वाराणसी: गंगा आरती की भव्यता हुई कम, एक ब्राह्मण करेगा सांकेतिक रूप से आरती

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना वायरस के डर से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती की भव्यता कम कर दी गई है. अब सात ब्राह्मणों के स्थान पर सांकेतिक रूप से सिर्फ एक ब्राह्मण के द्वारा गंगा पूजन और गंगा आरती की जाएगी.

दशाश्वमेध घाट
गंगा आरती की भव्यता हुई कम
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Published : Mar 18, 2020, 11:05 PM IST

वाराणसी: कोरोना वायरस के डर से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती की भव्यता कम कर दी गई है. जिला प्रशासन की तरफ से जारी किए गए निर्देशों के बाद गंगा सेवा निधि ने सतर्कता बरतते हुए 7 ब्राह्मणों के स्थान पर सांकेतिक रूप से सिर्फ एक ब्राह्मण के द्वारा गंगा पूजन और गंगा आरती की घोषणा की है. अगले आदेश तक गंगा सेवा निधि की तरफ से यह सांकेतिक आरती जारी रहेगी.

जानकारी देते गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा.

कोरोना वायरस के डर से गंगा सेवा निधि पहले से ही सतर्कता बरत रहा है. लगातार गंगा आरती में आने वाले लोगों का हाथ सैनिटाइज करने के साथ ही मास्क बांटने का काम किया जा रहा है. इन सब के बीच बुधवार को गंगा सेवा निधि ने गंगा आरती की भव्यता को कम करते हुए आम लोगों के बैठने के लिए व्यवस्था हटाने के साथ ही साथ की जगह एक ब्राह्मण से ही गंगा आरती कराने का निर्णय लिया है. वह भी सांकेतिक रूप से ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके.

इसकी बड़ी वजह यह है कि गंगा आरती में रोज बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानियों की मौजूदगी रहती है, जिसकी वजह से इस वायरस के फैलने का खतरा बना हुआ है. इसे देखते हुए गंगा सेवा निधि ने भी यह फैसला लिया कि आरती का रूप भव्य न होकर परंपरागत और सांकेतिक रहेगा.

ये भी पढ़ें- कोरोना का असर: अस्सी घाट पर होने वाला 'सुबह ए बनारस कार्यक्रम' स्थगित

वाराणसी: कोरोना वायरस के डर से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती की भव्यता कम कर दी गई है. जिला प्रशासन की तरफ से जारी किए गए निर्देशों के बाद गंगा सेवा निधि ने सतर्कता बरतते हुए 7 ब्राह्मणों के स्थान पर सांकेतिक रूप से सिर्फ एक ब्राह्मण के द्वारा गंगा पूजन और गंगा आरती की घोषणा की है. अगले आदेश तक गंगा सेवा निधि की तरफ से यह सांकेतिक आरती जारी रहेगी.

जानकारी देते गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा.

कोरोना वायरस के डर से गंगा सेवा निधि पहले से ही सतर्कता बरत रहा है. लगातार गंगा आरती में आने वाले लोगों का हाथ सैनिटाइज करने के साथ ही मास्क बांटने का काम किया जा रहा है. इन सब के बीच बुधवार को गंगा सेवा निधि ने गंगा आरती की भव्यता को कम करते हुए आम लोगों के बैठने के लिए व्यवस्था हटाने के साथ ही साथ की जगह एक ब्राह्मण से ही गंगा आरती कराने का निर्णय लिया है. वह भी सांकेतिक रूप से ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके.

इसकी बड़ी वजह यह है कि गंगा आरती में रोज बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानियों की मौजूदगी रहती है, जिसकी वजह से इस वायरस के फैलने का खतरा बना हुआ है. इसे देखते हुए गंगा सेवा निधि ने भी यह फैसला लिया कि आरती का रूप भव्य न होकर परंपरागत और सांकेतिक रहेगा.

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