वाराणसी : सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के बेटे के रिसेप्शन में पक्ष-विपक्ष के नेताओं के जुटान ने यूपी की राजनीति में नए कयासों को जन्म दे दिया है. गुरुवार की रात वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ओमप्रकाश राजभर के मुलाकात की चर्चाएं चलने लगीं. हालांकि ओमप्रकाश राजभर ने सीएम योगी से मुलाकात वाली बात से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि सीएम से मुलाकात नहीं हुई है, सीएम योगी अपने काम से वाराणसी आए थे और मैं अपने काम से.
बता दें कि बेटे के रिसेप्शन में बीजेपी नेताओं के साथ की तस्वीरों ने ओमप्रकाश राजभर के बीजेपी में शामिल होने के कयास को और भी ज्यादा हवा दे दी है. बीती शाम जब राजभर वाराणसी पहुंचे तो तेजी से यह बातें वायरल होने लगीं कि सीएम योगी के साथ उनकी मुलाकात होगी और गठबंधन की अटकलों को मजबूती मिल जाएगी. हालांकि शुक्रवार की सुबह सीएम योगी के जाने के बाद मीडिया से बातचीत में ओमप्रकाश राजभर ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि, जब वह वाराणसी पहुंचे तो उन्हें पता चला कि सीएम योगी भी वाराणसी में हैं, लेकिन दोनों की मुलाकात नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मुलाकात की कोई ठोस वजह भी नहीं है.
अखिलेश और मायावती दोनों हैं दलित विरोधी : इस दौरान अखिलेश और मायावती पर हमलावर होते हुए राजभर ने जुबानी हमला किया. कहा कि यह दोनों नेता एसी कमरे में बैठकर ट्विटर वाली राजनीति करते हैं, जब केंद्र और राज्य में दोनों की समर्थित सरकार थी तब इन्होंने पिछड़ा व दलित के बारे में नहीं सोचा और आज जब स्थितियां विपरीत हैं तो पिछड़ा वर्ग के हित का ढोल बजा रहे हैं. यदि विपक्ष सब एक साथ एक मंच पर हो जाए और पिछड़ा वर्ग के कल्याण की बात करें तो निश्चित रूप से हम गठबंधन करके इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन वास्तविकता में अखिलेश और मायावती यह दो ऐसे लोग हैं जो नहीं चाहते कि पिछड़े दलित का हित हो.
बीजेपी के साथ नहीं होगा गठबंधन : शादी में आए बीजेपी नेताओं के साथ वायरल हो रही तस्वीर पर ओपी राजभर ने कहा कि शादी में जयंत चौधरी, कांग्रेस के तमाम नेता, समाजवादी पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे, लेकिन किसी को वह नजर नहीं आए. बीजेपी के नेता इसलिए नजर आए क्योंकि वर्तमान में वो सत्ता में हैं, और इस समय वह दूल्हे की तरह है. हालांकि गठबंधन जैसी कोई स्थिति नहीं है. वैवाहिक समारोह था, आशीर्वाद, शुभकामना देने के लिए सभी लोग आए थे.
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