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बीएचयू में अब विद्यार्थियों को मिलेंगे स्मार्ट आईडी कार्ड, एक क्लिक पर मिलेगी जानकारी

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए (BHU In Varanasi) विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इसके तहत अब विद्यार्थियों को स्मार्ट आईडी कार्ड दिया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 6, 2024, 3:33 PM IST

वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इस फैसले से न सिर्फ विद्यार्थियों को लाभ होने वाला है, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन को भी बड़ी सहूलियत होगी. बीएचयू प्रशासन की ओर से अब विद्यार्थियों को स्मार्ट आईडी कार्ड दिया जाएगा. इस स्मार्ड कार्ड में छात्र-छात्राओं की पूरी जानकारी तो होगी ही, साथ ही बार कोड भी लगाया जाएगा. अभी तक बीएचयू में पढ़ने वाले विद्यार्थी सामान्य परिचय पत्र लेकर चलते रहे हैं, जिसे अपडेट किया जाएगा.

बैठक में फैसला लिया गया फैसला : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ऐसे कई मामले आते रहे हैं, जिसमें पुराने या फिर बिना वैधता वाले परिचय पत्र लेकर छात्र कैंपस में चलते रहे हैं. इसके साथ ही बीएचयू के अस्पताल में भी वैधता समाप्त हो चुके हेल्थ कार्ड का प्रयोग किया गया है. अब ऐसे में स्मार्ट कार्ड के बनाए जाने से जालसाजी की गतिविधियों को रोका जा सकेगा. इस संबंध में विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में फैसला लिया गया है. इसमें छात्र अधिष्ठाता, परीक्षा नियंत्रक के साथ ही विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों ने चर्चा की है, जिसके बाद इसे लागू करने का फैसला लिया गया है. इसे लेकर दो बार बैठक हो चुकी है.

विद्यार्थियों की इकट्ठा की जा रही जानकारी : बीएचयू के छात्र अधिष्ठाता प्रो. एके नेमा ने बताया कि 'संकाय, विभागवार, संस्थानवार छात्रों की जानकारी तैयार करवाई जा रही है. सभी छात्रों की जानकारी इकट्ठा होने के बाद जल्द ही इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा. कैंपस में पढ़ने वाले लगभग 30 हजार विद्यार्थियों को स्मार्ट आईडी कार्ड दिया जाएगा. इससे छात्रों को बाहर आने-जाने के साथ ही अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी पहचान बताने में आसानी रहेगी. अस्पताल की हेल्थ डायरी की वैधता खत्म होने के बाद छात्रों के विश्वविद्यालय से जुड़े होने की जानकारी मिलना कठिन होता है. ऐसे में स्मार्ट कार्ड के होने से यह समस्या भी दूर हो जाएगी.'

बारकोड से मिल सकेगी पूरी जानकारी : बीएचयू के छात्र अधिष्ठाता ने बताया कि बीएचयू के विद्यार्थियों को जो स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा, उसमें छात्र-छात्राओं के नाम, पता और कक्षा की जानकारी लिखे होने के साथ ही बार कोड भी लगाया जाएगा. बारकोड के माध्यम से विद्यार्थी के बारे में अन्य सभी जानकारियां ली जा सकेंगी. सामान्य परिचय पत्र में वैधता खत्म होने के बाद जानकारी मिलने में परेशानी होती है. इसके साथ ही विद्यार्थियों को लाइब्रेरी से किताब लेने के लिए अलग से कार्ड जारी किए जाते हैं. कभी-कभी वैधता खत्म होने के बाद उन्हें रिन्यू करने में समय लग जाता है. ऐसे में छात्र मैनुअल ही कार्ड पर वैधता बढ़वाते हैं. स्मार्ट कार्ड होने से इस तरह की दिक्कतों से जूझना नहीं पड़ेगा.


कैंपस के बाहर जाने में होती थी परेशानी : विश्वविद्यालय प्रशासन का यह भी कहना है कि कई बार देखा गया है कि वैधता खत्म हो जाने के बाद भी विद्यार्थी परिचय पत्र लेकर कैंपस में घूमते रहते हैं. ऐसे में उन्हें विश्वविद्यालय से बाहर जाने में भी परेशानी होती है. इसके साथ ही कैंपस में सुरक्षा की दृष्टि से भी यह फैसला सही माना जा सकता है. जहां विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने की वैधता समाप्त होने के बाद भी कुछ छात्र परिचय पत्र लेकर कैंपस में घूमते रहते हैं. ऐसे में स्मार्ट कार्ड के होने से उनकी सही स्थिति के बारे में जानकारी ली जा सकेगी. ऐसे में विश्वविद्यालय में पहली बार पासबुक को बदलकर स्मार्ड आईडी कार्ड का फैसला किया गया है.

यह भी पढ़ें : BHU में पीएचडी की 1440 सीटें रिक्त, इस महीने की आखिरी तारीख तक होगा आवेदन

यह भी पढ़ें : BHU दीक्षांत समारोह: तीन अलग-अलग तारीखों में कैंपस में बटेंगी डिग्रियां, 15 हजार को मिलेगी उपाधि

वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इस फैसले से न सिर्फ विद्यार्थियों को लाभ होने वाला है, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन को भी बड़ी सहूलियत होगी. बीएचयू प्रशासन की ओर से अब विद्यार्थियों को स्मार्ट आईडी कार्ड दिया जाएगा. इस स्मार्ड कार्ड में छात्र-छात्राओं की पूरी जानकारी तो होगी ही, साथ ही बार कोड भी लगाया जाएगा. अभी तक बीएचयू में पढ़ने वाले विद्यार्थी सामान्य परिचय पत्र लेकर चलते रहे हैं, जिसे अपडेट किया जाएगा.

बैठक में फैसला लिया गया फैसला : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ऐसे कई मामले आते रहे हैं, जिसमें पुराने या फिर बिना वैधता वाले परिचय पत्र लेकर छात्र कैंपस में चलते रहे हैं. इसके साथ ही बीएचयू के अस्पताल में भी वैधता समाप्त हो चुके हेल्थ कार्ड का प्रयोग किया गया है. अब ऐसे में स्मार्ट कार्ड के बनाए जाने से जालसाजी की गतिविधियों को रोका जा सकेगा. इस संबंध में विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में फैसला लिया गया है. इसमें छात्र अधिष्ठाता, परीक्षा नियंत्रक के साथ ही विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों ने चर्चा की है, जिसके बाद इसे लागू करने का फैसला लिया गया है. इसे लेकर दो बार बैठक हो चुकी है.

विद्यार्थियों की इकट्ठा की जा रही जानकारी : बीएचयू के छात्र अधिष्ठाता प्रो. एके नेमा ने बताया कि 'संकाय, विभागवार, संस्थानवार छात्रों की जानकारी तैयार करवाई जा रही है. सभी छात्रों की जानकारी इकट्ठा होने के बाद जल्द ही इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा. कैंपस में पढ़ने वाले लगभग 30 हजार विद्यार्थियों को स्मार्ट आईडी कार्ड दिया जाएगा. इससे छात्रों को बाहर आने-जाने के साथ ही अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी पहचान बताने में आसानी रहेगी. अस्पताल की हेल्थ डायरी की वैधता खत्म होने के बाद छात्रों के विश्वविद्यालय से जुड़े होने की जानकारी मिलना कठिन होता है. ऐसे में स्मार्ट कार्ड के होने से यह समस्या भी दूर हो जाएगी.'

बारकोड से मिल सकेगी पूरी जानकारी : बीएचयू के छात्र अधिष्ठाता ने बताया कि बीएचयू के विद्यार्थियों को जो स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा, उसमें छात्र-छात्राओं के नाम, पता और कक्षा की जानकारी लिखे होने के साथ ही बार कोड भी लगाया जाएगा. बारकोड के माध्यम से विद्यार्थी के बारे में अन्य सभी जानकारियां ली जा सकेंगी. सामान्य परिचय पत्र में वैधता खत्म होने के बाद जानकारी मिलने में परेशानी होती है. इसके साथ ही विद्यार्थियों को लाइब्रेरी से किताब लेने के लिए अलग से कार्ड जारी किए जाते हैं. कभी-कभी वैधता खत्म होने के बाद उन्हें रिन्यू करने में समय लग जाता है. ऐसे में छात्र मैनुअल ही कार्ड पर वैधता बढ़वाते हैं. स्मार्ट कार्ड होने से इस तरह की दिक्कतों से जूझना नहीं पड़ेगा.


कैंपस के बाहर जाने में होती थी परेशानी : विश्वविद्यालय प्रशासन का यह भी कहना है कि कई बार देखा गया है कि वैधता खत्म हो जाने के बाद भी विद्यार्थी परिचय पत्र लेकर कैंपस में घूमते रहते हैं. ऐसे में उन्हें विश्वविद्यालय से बाहर जाने में भी परेशानी होती है. इसके साथ ही कैंपस में सुरक्षा की दृष्टि से भी यह फैसला सही माना जा सकता है. जहां विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने की वैधता समाप्त होने के बाद भी कुछ छात्र परिचय पत्र लेकर कैंपस में घूमते रहते हैं. ऐसे में स्मार्ट कार्ड के होने से उनकी सही स्थिति के बारे में जानकारी ली जा सकेगी. ऐसे में विश्वविद्यालय में पहली बार पासबुक को बदलकर स्मार्ड आईडी कार्ड का फैसला किया गया है.

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