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वाराणसी में अब नहीं होगी ऑक्सीजन और बेड की किल्लत

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Published : Apr 24, 2021, 7:52 AM IST

वाराणसी प्रशासन जिले में कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटा है. डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि जनपद में अब ऑक्सीजन और बेड की समस्या नहीं होगी. ऑक्सीजन की समस्या को देखते हुए बाहर से हर दिन ऑक्सीजन टैंकर मंगवाए जा रहे हैं.

नहीं होगी ऑक्सीजन और बेड की किल्लत
नहीं होगी ऑक्सीजन और बेड की किल्लत

वाराणसी : जनपद में मरीजों को हो रही चिकित्सा संबंधित समस्याओं को देखते हुए DM कौशल राज शर्मा ने शुक्रवार को मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा की. DM ने बताया कि जनपद में इन दिनों ऑक्सीजन और बेड की समस्या है, लेकिन वह अब दूर हो जाएगी. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की समस्या को देखते हुए हम बाहर से हर दिन ऑक्सीजन टैंकर मंगवा रहे हैं. साथ ही अस्थाई अस्पताल भी बनाया जा रहा है.


1000 बेड का बन रहा अस्थाई अस्पताल

DM कौशल राज शर्मा ने बताया कि पीएम केयर्स फंड से डीआरडीओ बीएचयू के MP3 मैदान में जर्मन हैंगर तकनीक से 1000 बेड का ऑक्सीजन युक्त अस्पताल बनाया जा रहा है. यहां पर 250-250 बेड के 4 चेंबर होंगे, जिसमें 1 चेंबर आईसीयू होगा. अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति रोजाना बोकारो से मंगा कर की जाएगी. मरीजों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं का संचालन नगर निगम और बीएचयू द्वारा किया जाएगा. DM ने बताया कि पूरे शहर में 43 अस्पतालों में 1600 मरीज ऑक्सीजन के साथ एडमिट हैं. वर्तमान में वाराणसी में एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं है, लेकिन वाराणसी से ऑक्सीजन की आपूर्ति पूर्वांचल के अन्य जनपदों में की जा रही है. वर्तमान में 99 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता है.

इसे भी पढ़ें- महज 30 आईसीयू के भरोसे फिरोजाबाद के लोग लड़ रहे कोरोना से जंग


'ऑक्सीजन पर्याप्त मगर सिलेंडर की संख्या कम'

DM ने कहा कि वाराणसी में बंद पड़े ऑक्सीजन कारखानों को फिर से संचालित किए जाने की कवायद चल रही है. इसमें उद्योग जगत के लोग भी मदद कर रहे हैं. इसके साथ ही गुजरात से 400 खाली सिलेंडर भी मंगाये गये. हमारी पूरी कोशिश है कि हम मरीजों को सारी सुविधाएं दे सकें. उन्होंने बताया कि हमें ऑक्सीजन के टैंकर पर्याप्त संख्या में मिल रहे हैं, लेकिन सिलेंडर की संख्या 3800 ही है, ये सीमित है. यही हमारे लिए बड़ी चुनौती है. हमें इसी से मरीजों की मदद करनी है.


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'मनमानी करने वाले अस्पतालों की खैर नहीं'

DM ने चेतावनी देते हुए कहा कि लगातार निजी अस्पतालों की मनमानी का मामला सामने आ रहा है. अब यदि कोई भी अस्पताल निश्चित मूल्य से ज्यादा इंजेक्शन की कीमत लेता है या फिर अन्य सुविधाओं की कीमत लेता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ी तो अस्पताल को बंद कराकर उनके लाइसेंस को भी निरस्त कराया जाएगा. DM ने कहा कि मरीज और उसके परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित न करें. यदि इस तरह का मामला सामने आया, तो जिम्मेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वाराणसी : जनपद में मरीजों को हो रही चिकित्सा संबंधित समस्याओं को देखते हुए DM कौशल राज शर्मा ने शुक्रवार को मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा की. DM ने बताया कि जनपद में इन दिनों ऑक्सीजन और बेड की समस्या है, लेकिन वह अब दूर हो जाएगी. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की समस्या को देखते हुए हम बाहर से हर दिन ऑक्सीजन टैंकर मंगवा रहे हैं. साथ ही अस्थाई अस्पताल भी बनाया जा रहा है.


1000 बेड का बन रहा अस्थाई अस्पताल

DM कौशल राज शर्मा ने बताया कि पीएम केयर्स फंड से डीआरडीओ बीएचयू के MP3 मैदान में जर्मन हैंगर तकनीक से 1000 बेड का ऑक्सीजन युक्त अस्पताल बनाया जा रहा है. यहां पर 250-250 बेड के 4 चेंबर होंगे, जिसमें 1 चेंबर आईसीयू होगा. अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति रोजाना बोकारो से मंगा कर की जाएगी. मरीजों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं का संचालन नगर निगम और बीएचयू द्वारा किया जाएगा. DM ने बताया कि पूरे शहर में 43 अस्पतालों में 1600 मरीज ऑक्सीजन के साथ एडमिट हैं. वर्तमान में वाराणसी में एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं है, लेकिन वाराणसी से ऑक्सीजन की आपूर्ति पूर्वांचल के अन्य जनपदों में की जा रही है. वर्तमान में 99 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता है.

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'ऑक्सीजन पर्याप्त मगर सिलेंडर की संख्या कम'

DM ने कहा कि वाराणसी में बंद पड़े ऑक्सीजन कारखानों को फिर से संचालित किए जाने की कवायद चल रही है. इसमें उद्योग जगत के लोग भी मदद कर रहे हैं. इसके साथ ही गुजरात से 400 खाली सिलेंडर भी मंगाये गये. हमारी पूरी कोशिश है कि हम मरीजों को सारी सुविधाएं दे सकें. उन्होंने बताया कि हमें ऑक्सीजन के टैंकर पर्याप्त संख्या में मिल रहे हैं, लेकिन सिलेंडर की संख्या 3800 ही है, ये सीमित है. यही हमारे लिए बड़ी चुनौती है. हमें इसी से मरीजों की मदद करनी है.


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'मनमानी करने वाले अस्पतालों की खैर नहीं'

DM ने चेतावनी देते हुए कहा कि लगातार निजी अस्पतालों की मनमानी का मामला सामने आ रहा है. अब यदि कोई भी अस्पताल निश्चित मूल्य से ज्यादा इंजेक्शन की कीमत लेता है या फिर अन्य सुविधाओं की कीमत लेता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ी तो अस्पताल को बंद कराकर उनके लाइसेंस को भी निरस्त कराया जाएगा. DM ने कहा कि मरीज और उसके परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित न करें. यदि इस तरह का मामला सामने आया, तो जिम्मेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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