वाराणसी : जल शक्ति विभाग मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने रविवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इसी क्रम में वे वाराणसी पहुंचे. यहां उन्होंने शहर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया.
निरीक्षण के बाद अधिकारियों संग बैठक करने सर्किट हाउस पहुंचे. यहां डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान से भारी मात्रा में जल छोड़ा गया है. 22 लाख क्यूसेक जल कोटा बैराज से आया है जिसके कारण चंबल का जलस्तर 9 मीटर तक बढ़ गया है.
इसके कारण इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर और प्रयागराज, वाराणसी होते हुए बलिया तक को प्रभावित कर रहा है. जलस्तर बढ़ने से जिन गांवों में पानी भर गया है, उसके लिए जिला प्रशासन ने बहुत अच्छे ढंग से कार्य किया.
बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार उन्होंने इटावा, जालौन, हमीरपुर, औरैया का दौरा किया. उसके बाद वह रविवार को बलिया गए. यहां बैरिया और सदर तहसीलों के 15 गांव प्रभावित हैं.
गंगा खतरे के निशान के करीब
जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण गंगा खतरे के निशान के बिल्कुल करीब पहुंच गई है. एनडीआरएफ के अनुसार मध्य प्रदेश से आने वाली चंबल नदी में राजस्थान के धोलापुर बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इससे वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है. इनसे सटे निचले इलाकों में पानी भरने लगा है.
ऐसे में स्थिति का जायजा लेने के लिए 11 एनडीआरफ वाराणसी के कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा ने अपनी टीम के साथ गंगा और वरुणा में मोटर बोट से बाढ़ प्रभावित इलाकों व प्रशासन द्वारा चिन्हित वार्ड चौकियों का दौरा किया.
वहीं, एनडीआरएफ द्वारा दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, वरुणा के निचले इलाकों में एक टीम और सामने घाट और मारुति नगर में एक टीम को तैनात किया गया है. इसके अतिरिक्त दो टीमें तैयारी हालत में चौकाघाट वाहिनी मुख्यालय में मौजूद हैं.
इधर, वाराणसी के दौरे पर आए जलशक्ति मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने राजघाट व सरईया पर एनडीआरएफ के अधिकारियों और उनकी टीम से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया. साथ ही एनडीआरएफ द्वारा किए जा रहे राहत बचाव कार्यों की सराहना की.
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एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात
कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात की गईं हैं. वाराणसी, इटावा, जालौन, लखनऊ, गोरखपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलिया, प्रयागराज में टीमें बाढ़ बचाव के लिए तैनात हैं. वर्तमान में इटावा और जालौन में राहत बचाव कार्य जारी है.
वाराणसी के मारुती नगर में जलभराव वाले इलाकों से एनडीआरएफ टीम ने लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. इसी बीच एनडीआरएफ कंट्रोल रूम में मारुती नगर से एक कॉल आई जिसके अनुसार एक व्यक्ति का पैर टूट गया था. उस इलाके में पानी भरने के कारण घर से निकलना मुश्किल था.
इस पर एनडीआरएफ टीम ने तुरंत वहां पहुंचकर स्प्लिंट के माध्यम से टूटे पैर को स्थिर किया. प्राथमिक उपचार देकर बोट के माध्यम से स्थानीय अस्पताल पहुंचाया. वहीं, एनडीआरएफ कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा दौरे के दौरान लोगों से अपील की कि वह भयभीत न हों. धैर्य बनाकर रखें. एनडीआरएफ उनके साथ है.
राहत शिविरों में लोगों को किया जा रहा शिफ्ट
जल शक्ति विभाग मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि वाराणसी में उन्होंने राजघाट, पुरानापुल, सरैयां, चौकाघाट समेत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. जिन घरों में पानी गया है, उन घरों के लोगों को शिफ्ट किया गया है. 34 राहत शिविर बनाएं गए हैं. लोगों को लाकर वहां रखा गया है. इस दौरान खाने-पीने, दवाई, राहत पैकेट आदि हर तरीके की व्यवस्था की जा रही है.
सरकार जनता के साथ है खड़ी
जल शक्ति विभाग मंत्री ने कहा कि पूरा प्रशासन बचाव कार्य में लगा हुआ है. वह खुद अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं. कहा कि वाराणसी में जिलाधिकारी ने बताया है कि अभी वाराणसी में पानी खतरे के निशान से नीचे है. अगर जल स्तर बढ़ता है तो वह उसकी निगरानी करेंगे. हालांकि ऐसी कोई संभावना दिख नहीं रही है.