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वाराणसी: MGKVP में नई शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय वेबिनार का हुआ आयोजन

वाराणसी जिले में स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शनिवार को नई शिक्षा नीति पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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Published : Sep 26, 2020, 4:06 PM IST

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में 'नई शिक्षा नीति 2020' पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान 'राष्ट्र चिंतक पं दीन दयाल उपाध्याय' पुस्तक का विमोचन भी किया गया.

वेबिनार के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने अपने संदेश में कहा कि नई शिक्षा नीति भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस राष्ट्रीय वेबिनार में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री महेन्द्र सिंह भी विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे.

उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जब विश्व शिक्षा से अनभिज्ञ था, तब हमारे पास नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यलय थे. विगत 300 वर्षों से भारत को रूस, इंग्लैंड और अमेरिका बनाने के प्रयास होते रहे परन्तु नई शिक्षा नीति भारत को भारत बनाने की दिशा में ये पहला कदम है.

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने कहा कि पण्डित दीन दयाल उपाध्याय का लक्ष्य एक जातिविहीन, वर्ग विहीन और द्वंद विहीन समाज युक्त भारत बनाना था. उन्होंने कहा कि अंत्योदय एवं एकात्म मानववाद ही समाज के मुख्य धारा से छूटे वर्गों को जोड़ने में सक्षम है. सबको समान शिक्षा का अवसर प्राप्त हो इसके लिए नई शिक्षा नीति में पर्याप्त प्रावधान हैं. इस संगोष्ठी का संचालन आयोजन सचिव डॉ. पारिजात सौरभ और संयोजक डॉ. केके सिंह ने संयुक्त रूप से किया.

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में 'नई शिक्षा नीति 2020' पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान 'राष्ट्र चिंतक पं दीन दयाल उपाध्याय' पुस्तक का विमोचन भी किया गया.

वेबिनार के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने अपने संदेश में कहा कि नई शिक्षा नीति भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस राष्ट्रीय वेबिनार में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री महेन्द्र सिंह भी विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे.

उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जब विश्व शिक्षा से अनभिज्ञ था, तब हमारे पास नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यलय थे. विगत 300 वर्षों से भारत को रूस, इंग्लैंड और अमेरिका बनाने के प्रयास होते रहे परन्तु नई शिक्षा नीति भारत को भारत बनाने की दिशा में ये पहला कदम है.

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने कहा कि पण्डित दीन दयाल उपाध्याय का लक्ष्य एक जातिविहीन, वर्ग विहीन और द्वंद विहीन समाज युक्त भारत बनाना था. उन्होंने कहा कि अंत्योदय एवं एकात्म मानववाद ही समाज के मुख्य धारा से छूटे वर्गों को जोड़ने में सक्षम है. सबको समान शिक्षा का अवसर प्राप्त हो इसके लिए नई शिक्षा नीति में पर्याप्त प्रावधान हैं. इस संगोष्ठी का संचालन आयोजन सचिव डॉ. पारिजात सौरभ और संयोजक डॉ. केके सिंह ने संयुक्त रूप से किया.

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