वाराणसी : प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखरेख और पढ़ाई की व्यवस्था करने का जिम्मा लिया है. यूपी सरकार बच्चों ही नहीं बल्कि 18 से 23 वर्ष तक के इस श्रेणी में आने वाले किशोरों को भी आर्थिक सहयोग करेगी. ऐसे बच्चों व किशोरों को चिन्हिंत करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. बता दें, कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना(Mukhyamantree Baal Seva Yojana) के तहत इन बच्चों और किशोरो को आर्थिक सहायत मिलेगी.
इसी क्रम में वाराणसी जनपद में इस सुविधा का लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया, कि इस योजना के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना संक्रमण के कारण 1 मार्च 2020 के बाद माता-पिता अथवा अभिवावक को खोया है. उन्हें सरकार की तरफ से प्रतिमाह 2,500 रुपये की मदद पहुंचाई जाएगी. जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया बताया, कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए माता-पिता या संरक्षक को स्वयं आवेदन करना होगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, विकास खंड अथवा सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है. शहरी क्षेत्र में लेखपाल, तहसील अथवा जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र जमा किया जा सकता है. उन्होंने बताया, कि आवेदन पत्रों का सत्यापन ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में उप जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा. इसके बाद चिन्हिंत हुए बच्चों या उनके अभिभावकों से बाल संरक्षण इकाई तथा बाल कल्याण समिति सीधे संपर्क कर आवेदन प्रक्रिया को 15 दिन में पूर्ण कराने का काम करेगी. इस सुविधा का लाभ लेने के लिए संस्थागत व गैर संस्थागत पात्रता श्रेणी लागू की गई है, श्रेणी के अनुरूप ही लाभ दिया जाएगा.
गैर संस्थागत पात्रता की श्रेणी
- शून्य से 18 साल तक के वह बच्चे जिनके माता-पिता दोनों या किसी एक की अथवा वैध अभिभावकों की मृत्यु एक 1 मार्च 2020 के बाद हुई है.
- 18 से 23 साल तक के वह किशोर जिनके माता-पिता दोनों या किसी एक अथवा वैध अभिभावकों की मृत्यु हुई हो, वह कक्षा 12 के बाद डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना चाहते हों.
- उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाले, नीट, जेईई व क्लैट जैसी राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने तक या स्नातक शिक्षा या मान्यता प्राप्त तकनिकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने तक मिलेगा योजना का लाभ.
- शून्य से 18 साल के वह बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराया गया हो या भिक्षावृत्ति, वेश्यावृत्ति में शामिल परिवारों के बच्चे.
- केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य समरूपी योजना जैसे-बाल श्रमिक विद्या योजना का लाभ प्राप्त करने वालों नहीं मिलेगा योजना का लाभ.
संस्थागत पात्रता की श्रेणी
- शून्य से 18 साल तक के ऐसे बच्चे जिन्हें बाल गृहों या संप्रेक्षण गृहों से परिवार में पहुंचाकर पुनर्वासित किया गया है या जो बाल देखरेख संस्थाओं में रह रहे हैं और वित्तीय सहायता देने से उन्हें पारिवारिक देखरेख में पुनः समायोजित किया जा सकता है.
- पात्रता के लिए शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को छोड़कर अन्य सभी लाभार्थियों का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में पंजीकरण होना आवश्यक होगा.
ये हैं वित्तीय मानक
- पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवार के अधिकतम 2 बच्चों को प्रतिमाह प्रति बालक या बालिका 2,500 की राशि प्रदान की जाएगी.
- योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी है, कि ऐसे बच्चों की वार्षिक आय 3 लाख रूपये से कम हो, किन्तु जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु पूर्व में हो गयी हो और मार्च 2020 के बाद अभिभावक की भी मृत्यु हो गयी हो या मार्च के बाद माता-पिता दोनों की मृत्यु हुई हो, ऐसे मामले में वार्षिक आय सीमा की शर्त लागू नहीं होगी.
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