वाराणसी: जिले में कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या में भले ही कमी आई हो, लेकिन डेथ रेट अभी भी बढ़ा हुआ है. जिले में रोजाना 5 से 10 मौतें हो रही हैं, जिसके कारण दाह संस्कार में भी परिजनों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या को देखते हुए वाराणसी नगर निगम ने आधुनिक शवदाह गृह खोलने की पहल शुरू की है.
जमीन की तलाश शुरू
वाराणसी के गंगा नदी तट पर शवदाह करने के लिए जमीन तलाशी जा रही है. जहां पर आधुनिक लकड़ी आधारित शवदाह गृह बनाए जाएंगे. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि गोरखपुर व बंगाल की संस्थाएं आगे आई हैं. वो शवदाह गृह बनाने के लिए आर्थिक मदद करेंगी. उन्होंने बताया कि इस शवदाह गृह को लेकर के नगर निगम को एक पत्र जारी कर दिया गया है, जिसके बाद जमीन भी तलाश की जा रही है.
लकड़ी आधारित होगा नया शवदाह गृह
जिलाधिकारी ने बताया कि नया शवदाह गृह लकड़ी आधारित होगा. जहां शव को एक ट्राली में रखा जाएगा, उसमें लगी भट्टी से शव जलेगा. बाद में उसमें बने प्लेटफार्म को हटाया जाएगा, जिससे राख नीचे गिर जाएगी और परिजन उसे प्रवाहित कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि इस मशीन में कुल 54 लाख रुपये का खर्च आता है.
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दो हैं मुख्य श्मशान घाट
वाराणसी में पहले से दो मुख्य श्मशान हैं, जिनमें एक महाश्मशान मणिकर्णिका और दूसरा हरिश्चंद्र घाट है. जहां पर शवदाह किया जाता है. लेकिन कोरोना महामारी के दौर में लगातार बढ़ रही शवों की संख्या को देखते हुए सामने घाट में एक और श्मशान घाट बनाया गया है. जहां पर कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. अब लगातार बढ़ रही शवों की संख्या के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके दृष्टिगत नगर निगम ने नए शवदाह गृह बनाने का निर्णय लिया है. इसे वाराणसी के राजघाट, सामने घाट और रविदास घाट पर स्थापित करने की बात चल रही है. हालांकि अभी पूर्णतः स्पष्ट नहीं है कि किस स्थान पर नया शवदाह गृह बनाया जाएगा.