वाराणसी: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जनकपुरी जाकर मां सीता से विवाह किया था. आज भी भक्त अपने आराध्य की शादी पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं. शादी की तैयारी भी भक्त कई दिनों पहले शुरू करते हैं. शादी की शुरुआत मठ मगरा से होता है फिर बारात निकल जाती है. विभिन्न मार्गों से बारात गुजरते हुए पुनः मंदिर पहुंचने के बाद विवाह शुरू होता है.
विधि-विधान से निकली बारात
रविवार को शिव की नगरी काशी में आराध्य भगवान श्रीराम की शादी का आयोजन किया गया. शादी के आयोजन में जहां 80 स्टेट्स रामजानकी मठ कभी अयोध्या तो कभी जनकपुरी बन गया. भगवान राम की पूरे विधि-विधान के साथ आरती उतारकर बारात को रवाना किया गया. वहीं देर रात जानकी मठ को जनकपुरी बना दिया गया. जहां भगवान का स्वागत किया गया और देर रात लगन अनुसार भगवान का विवाह किया गया.
भगवान राम का विवाह हुआ संपन्न
राम लोचन दास ने बताया आज ही के दिन भगवान राम और जानकी का विवाह हुआ था. इस परंपरा का निर्वहन करते हुए पूरे विधि विधान से हम लोग भगवान राम, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और भरत का विवाह करते हैं. पूरे विधि विधान से विवाह होता है. राम जानकी मंदिर से संकट मोचन होते हुए विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए पुनः मंदिर प्रांगण में आया यहां पर भगवान विवाह सपन्न हुआ.
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