वाराणसी: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियां तैयारी में जुटी हुई हैं. जहां I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल पार्टियां अब धीरे-धीरे माहौल बनाने की कोशिश में लगी हैं. वहीं, देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा ने तीन राज्यों में जीत की हैट्रिक लगाकर लोकसभा चुनाव का आगाज कर दिया है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी दौरे पर आ रहे हैं. तीन राज्यों में जीत के बाद उत्तर प्रदेश में यह उनकी पहली बड़ी जनसभा होगी. यह जनसभा वाराणसी के बरकी में आयोजित की जानी है. यहां से वह लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्वांचल को साधने की कोशिश करेंगे. अब चर्चा हो रही है कि बरकी में ऐसा क्या है जो पीएम ने इस जगह को चुना है.
लगभग हर चुनाव प्रचार के दौरान देखा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जनसभा के लिए उस जगह को चुनते हैं, जहां से वह आस-पास के कई क्षेत्रों को प्रभावित करता है. ऐसा ही फार्मूला उत्तर प्रदेश में लगाया जाता रहा है. वह जाहे पूर्वांचल हो या फिर पश्चिमी यूपी. हर जगह पर जनसभा का एरिया देखा ही जाता है. ऐसे ही इस बार वाराणसी आ रहे प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा के लिए सेवापुरी के बरकी गांव को चुना गया है. इसकी कई वजहें बताई जा रही हैं. राजनीतिक विश्लेषक सबसे पहले यही कह रहे हैं कि यहां से पूर्वांचल से लगने वाले कई जिलों को साधने में आसानी रहेगी. इसके साथ ही यहां से पीएम मोदी जातिगत राजनीति को भी जवाब देने का काम कर सकते हैं.
पूर्वांचल की 6 सीटें कवर करता है बरकी
इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक प्रो. आरपी पांडेय बताते हैं कि अभी जिन तीन राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव हुआ और जिस तरीके से मुख्यमंत्री बनाया. उसी तरीके का खयाल रखते हुए नरेंद्र मोदी की पहली चुनावी जनसभा पूर्वांचल को साधने के लिए एक ऐसी जगह से हो रही है. अति पिछड़ा वर्ग, ओबीसी वोट बैंक के साथ-साथ ब्राह्मणों की संख्या बहुत ज्यादा है. जो वहां की भौगोलिक स्थिति है वह 6 लोकसभा सीटों से लगती हुई है. इसमें मिर्जापुर, चंदौली, भदोही, बनारस, जौनपुर जिले भी शामिल हैं. पूर्वांचल से वह अपनी पहली जनसभा करने जा रहे हैं.
तीन राज्यों में ऐसे मुख्यमंत्री बनाने का बता सकते हैं कारण
आरपी पांडेय कहते हैं कि यह पहली जनसभा होगी, जिसमें वह बताएंगे कि तीन राज्यों में जो मुख्यमंत्री बनाए उसके पीछे क्या कारण थे. इतनी बड़ी जीत के बाद हो रही जनसभा में वे क्या बोलते हैं, इस पर सभी की नजरें रहेंगी. वहीं, दूसरी ओर नीतीश कुमार भी अपनी पार्टी जेडीयू के विस्तार को लेकर सक्रिय हो गए हैं. इसके साथ ही वो विपक्ष को मजबूत करने को लेकर भी चल रहे हैं. उनकी भी पहली जनसभा 24 दिसंबर को होनी थी, जोकि रद्द कर दी गई है. विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ही संसदीय क्षेत्र से घेरने की कोशिश की जा रही है. अभी तक विपक्ष की तरफ से उनको कोई मजबूत चुनौती दी ही नहीं गई है.
आंकड़ों में सेवापुरी में मजबूत है भाजपा
वाराणसी लोकसभा सीट में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इसमें डेढ़ लाख कुर्मी पटेल, डेढ़ लाख यादव, 80 हजार दलित हैं. लगभग 19 लाख में मजबूत पकड़ ओबीसी और दलित की मानी जाती है, जो इस सेवापुरी आस-पास के बेल्ट में ज्यादा है. 60 साल के चुनावी सफर में राजनारायण ने यहां समाजवाद की नींव रखी थी. इसी नींव पर आघात करने का काम भाजपा करती रही है. पिछले चुनाव में भाजपा के सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) के प्रत्याशी नीलरतन पटेल ने सपा के सुरेंद्र सिंह पटेल को 49,182 वोटों से हराया था. वहीं, बीएसपी के महेंद्र कुमार पांडेय को 35,657 वोट मिले थे. ऐसे में सेवापुरी भाजपा के लिए खास बन जाता है.
पीएम मोदी ने इसी विधानसभा क्षेत्र से गोद लिए गांव
अब बात करते हैं सेवापुरी के बरकी गांव के पूर्वांचल के जिलों से कनेक्टिविटी की. सेवापुरी ब्लॉक में 192 गांव हैं. भदोही और मिर्जापुर की सीमा से सटे ग्रामीण क्षेत्र सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में कनेक्टिविटी मजूबत हुई है. इस क्षेत्र से रिंग रोड की सड़कें गुजरी हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पेरिशेबल कार्गो, सरदार वल्लभ भाई पटेल महाविद्यालय, शाहंशाहपुर में बायो गैस प्लांट जैसी योजनाएं भी इस पूरे क्षेत्र को प्रभावित करती हैं. इतना ही नहीं इसी विधानसभा सीट के तीन गांवों जयापुर, नागपुर और बरियारपुर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श गांव के तहत गोद लिया था. वहीं, नीति आयोग की ओर से पायलट प्रोजेक्ट में चयनित हुआ सेवापुरी ब्लॉक मॉडल ब्लॉक बना है.
धारा 370 और प्रचंड जीत पर कर सकते हैं चर्चा
इस बार प्रधानमंत्री मोदी के पास अपने संसदीय क्षेत्र में बोलने के लिए बहुत कुछ है. गौमूत्र वाले शहर के बयान से लेकर तीन राज्यों में जीत की हैट्रिक तक इसमें शामिल रह सकते हैं. इसके साथ ही वह धारा 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले को लेकर भी वह अपनी सरकार के काम के बारे में बात कर सकते हैं. बता दें कि वाराणसी की सेवापुरी विधानसभा सीट में जिले का ग्रामीण इलाका आता है. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3,45,294 है. 2012 में परिसीमन के बाद सेवापुरी विधानसभा की सीट अस्तित्व में आई थी. ऐसे में यहां के मतदाताओं के साथ ही पूर्वांचल के आस-पास के जिलों को भी पीएम मोदी साधने का काम करेंगे.
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