वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रविवार को सामाजिक विज्ञान संकाय में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. संकाय के सामाजिक बहिष्करण एवं समावेशी केंद्र में हुए इस आयोजन में व्याख्यान का विषय 'राजनीति, धर्म और पंडित दीनदयाल उपाध्याय' थे. मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रो. मनोज दीक्षित, पूर्व कुलपति डाॅ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के उपस्थित रहे.
राजनीति, धर्म और दर्शन के ऊपर प्रकाश डाला गया
इस दौरान सामाजिक बहिष्करण एवं समावेशी नीति अध्ययन केन्द्र के व्याख्यान में प्रो. मनोज दीक्षित ने दीनदयाल उपाध्याय के राजनीति धर्म और दर्शन के ऊपर विस्तार रूप से प्रकाश डाला. उन्होंने दीनदयाल के राजनीति और धर्म जीवन के बारे में विस्तार पूर्वक बताया. साथ ही उन्होंने चिति एवं विराट की अवधारणा को दीनदयाल उपाध्याय जी के संदर्भो को उद्घृत करते हुए इसे भारत की अवधारणा बताया. यह भी कहा कि भारतीय सभ्यता ही ग्रीस के रास्ते सम्पूर्ण विश्व में फैली.
इस दौरान अध्यक्षीय उद्बोधन में सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. कौशल किशोर मिश्र ने धर्म के सहीं अर्थ को मालवीय तथा पंडित दीनदयाल के दृष्टिकोण से समझाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि मालवीय जैसा व्यक्ति ही है जिन्होंने वृत्ति के माध्यम से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय जैसी संस्था की स्थापना की.
कार्यक्रम में अन्य विभाग के छात्र रहे मौजूद
इस कार्यक्रम की रूपरेखा एवं अतिथियों का स्वागत केन्द्र के समन्वयक प्रो. श्वेता प्रसाद ने किया. रविवार को इस कार्यक्रम का संचालन श्रीमति डोली हिरानी ने किया तथा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन केन्द्र के शिक्षक डाॅ. शरद धर शर्मा ने किया. कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षकगण में डॉ. अनिल कुमार सिंह एवं डाॅ. अरूण कुमार चौबे समेत अन्य लोग उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम में केन्द्र के विद्यार्थीयों के अलावा दशरथ कुमार शर्मा, अरविन्द कुमार विश्वकर्मा, चंद्रजीत मौर्या, पतंजलि पाण्डेय, अक्क्षय तिवारी उपस्थित थे. इसमें केन्द्र के समस्त एमफिल, एमए एवं पीएचडी छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही.