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काशी में जन्माष्टमी की धूम, बीएचयू में सजी श्री कृष्ण की झांकी - काशी हिंदू विश्वविद्यालय

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर भगवान कृष्ण से जुड़ी कई झांकियां सजाई गई हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. बीएचयू में भी कृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही.

बीएचयू में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम.
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Published : Aug 24, 2019, 7:01 AM IST

वाराणसी: समूचे देश में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. धर्म की नगरी वाराणसी में जन्माष्टमी के मौके पर मंदिरों सहित थानों में कान्हा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इसके अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए छात्राओं ने कृष्ण लीलाओं का आयोजन किया. इसमें खास बात यह थी कि कृष्ण लीला की सभी पात्र यूनिवर्सिटी की लड़कियां हैं.

बीएचयू में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम.

बीएचयू में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम

  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया.
  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्राएं कृष्ण की झांकियों के लिए अलग-अलग अवतार में मौजूद थीं.
  • यहां कान्हा भी छात्रा ही थीं और राधा, रुकमणी और मीरा भी छात्राएं ही थीं.
  • पौराणिक कथाओं की माने तो कंस के मथुरा स्थित कारागार में माता देवकी के आठवें पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था.
  • भगवान श्री कृष्ण को जब नंद बाबा के यहां पहुंचाया गया तो पूरे गांव ने नंद यशोदा को बधाई दी.
  • पुरानी परंपरा का निर्वाह आज भी पूरी दुनिया में जन्माष्टमी के रूप में किया जाता है.

पढ़ें- कृष्ण जन्माष्टमी में बच्चों में रम गए योगी, बच्चों ने सीएम के साथ सेल्फी का पूरा किया शौक


कृष्ण की मुरली की तान पर नाचती राधा रानी तो कहीं गोपियों के संग रास रचाते कन्हैया और मीरा की भक्ति तक इस कृष्ण जन्माष्टमी में झांकियों के तौर पर देखने को मिलती हैं.

आज कृष्ण का रूप धारण कर काफी अच्छा लग रहा है. कान्हा का नटखट अलबेला और उनके प्रेम को देखते हुए वह सबसे प्रिय देव माने जाते हैं.
-नीशू , छात्रा

वाराणसी: समूचे देश में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. धर्म की नगरी वाराणसी में जन्माष्टमी के मौके पर मंदिरों सहित थानों में कान्हा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इसके अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए छात्राओं ने कृष्ण लीलाओं का आयोजन किया. इसमें खास बात यह थी कि कृष्ण लीला की सभी पात्र यूनिवर्सिटी की लड़कियां हैं.

बीएचयू में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम.

बीएचयू में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम

  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया.
  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्राएं कृष्ण की झांकियों के लिए अलग-अलग अवतार में मौजूद थीं.
  • यहां कान्हा भी छात्रा ही थीं और राधा, रुकमणी और मीरा भी छात्राएं ही थीं.
  • पौराणिक कथाओं की माने तो कंस के मथुरा स्थित कारागार में माता देवकी के आठवें पुत्र के रूप में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था.
  • भगवान श्री कृष्ण को जब नंद बाबा के यहां पहुंचाया गया तो पूरे गांव ने नंद यशोदा को बधाई दी.
  • पुरानी परंपरा का निर्वाह आज भी पूरी दुनिया में जन्माष्टमी के रूप में किया जाता है.

पढ़ें- कृष्ण जन्माष्टमी में बच्चों में रम गए योगी, बच्चों ने सीएम के साथ सेल्फी का पूरा किया शौक


कृष्ण की मुरली की तान पर नाचती राधा रानी तो कहीं गोपियों के संग रास रचाते कन्हैया और मीरा की भक्ति तक इस कृष्ण जन्माष्टमी में झांकियों के तौर पर देखने को मिलती हैं.

आज कृष्ण का रूप धारण कर काफी अच्छा लग रहा है. कान्हा का नटखट अलबेला और उनके प्रेम को देखते हुए वह सबसे प्रिय देव माने जाते हैं.
-नीशू , छात्रा

Intro:वाराणसी। मथुरा के साथ-साथ देश के सभी शहरों में जन्माष्टमी का त्योहार बेहद ही धूमधाम से मनाया जा रहा है इसके साथ ही धर्म की नगरी वाराणसी में जन्माष्टमी के मौके पर मंदिरों सहित विभिन्न थानों के साथ ही विश्वविद्यालयों में भगवान श्री कृष्ण की झांकियां सजा दी गई है काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए छात्राओं ने कृष्ण लीलाओं का आयोजन किया है जिसमें यह खास बात थी कि कृष्ण लीला की सभी पात्र यूनिवर्सिटी की लड़कियां है।


Body:VO1: पौराणिक कथाओं की माने तो कंस के मथुरा स्थित कारागार में माता देवकी के आठवें पुत्र के रूप में जन्मे भगवान श्री कृष्ण को जब नंद बाबा के यहां पहुंचाया गया तो उसके अगले ही दिन नंद भवन जाकर पूरे गांव ने नंद यशोदा को बधाई दी और उसी परंपरा का निर्वाह आज भी पूरी दुनिया में जन्माष्टमी के रूप में किया जाता है। कृष्ण की मुरली की तान पर नाचती राधा रानी तो कहीं गोपियों के संग रास रचाते कन्हैया और मीरा की भक्ति तक इस कृष्ण जन्माष्टमी में झांकियों के तौर पर देखने को मिलती है और जब बात आती है सात वार नौ त्योहार के शहर बनारस की तो यहां जन्माष्टमी भी कुछ खास विशेषताओं के साथ मनाई जाती है इस साल जन्माष्टमी की विशेषता दर्शा रहा था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय जहां सभी छात्राएं कृष्ण की झांकियों के लिए अलग अलग अवतार में मौजूद थी। यहां कान्हा भी छात्रा ही थी और राधा, रुकमणी और मीरा भी छात्राएं ही थी। इन छात्राओं को भी आज कृष्ण और राधा का रूप पाकर काफी अच्छा लग रहा था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्राओं का कहना है कि कान्हा का नटखट अलबेला और उनके प्रेम को देखते हुए वह सबसे प्रिय देव माने जाते हैं और राधा का रूप धर ना तो उन्हें काफी खुश कर रहा है।

वॉक थ्रू: अर्निमा द्विवेदी, संवाददाता


Conclusion:VO2: छात्राएं कृष्ण कन्हैया के जन्मोत्सव की खुशियां नाच गाकर मनाई जा रही थी। बीएचयू के महिला महाविद्यालय और छात्रावास में हर साल कृष्ण झांकी का जन्माष्टमी के दिन आयोजन किया जाता है, जहां कृष्ण के बाल रूप से लेकर उनकी हर एक लीला को दर्शाया जाता है। नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गूंज रात भर हर तरफ बनारस की गलियों में गूंजती हुई मिलती है तो वहीं बीएचयू की बच्चियों का कृष्ण के जीवन को सजीव रूप में पेश करना इस बात को दर्शाता है की आधुनिकता के इस दौर में भी यह बच्चियां किस तरह से अपने संस्कारों और परंपराओं से जुड़ी हुई हैं।
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