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पैकेट वाले खाद्य पदार्थों को खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

क्या आप बंद डिब्बे वाले खाद्य पदार्थ खरीदने से पहले उनकी जांच करते हैं कि कहीं उनमें कोई गड़बड़ तो नहीं है? अगर नहीं तो आज से ऐसा करना शुरू कर दीजिए. वाराणसी में लॉकडाउन के बाद व्यापारियों ने नुकसान की भरपाई के लिए कई जगहों पर एक्सपायरी डेट के प्रोडक्ट ही बेचने शुरू कर दिया, जो न सिर्फ आपकी और हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है बल्कि नियम और कानून के विपरीत भी हैं.

अगर आप बंद डिब्बे वाले खाद्य पदार्थ खरीद रहे हैं तो उसकी पैकेजिंग जरूर देंखे
अगर आप बंद डिब्बे वाले खाद्य पदार्थ खरीद रहे हैं तो उसकी पैकेजिंग जरूर देंखे
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Published : Mar 7, 2021, 8:22 AM IST

वाराणसी: लॉकडाउन के दौरान दुकानों के बंद होने की वजह से जिले के व्यापारियों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा. सबसे बड़ी समस्या खाद्य पदार्थों की बिक्री को लेकर हुई, क्योंकि पैकेट बंद फूड आइटम्स की एक्सपायरी डेट खत्म हो जाने की वजह से इनके खराब होने और कंपनी की तरफ से इनको वापस न लिए जाने के बाद व्यापारियों ने नुकसान की भरपाई के लिए कई जगहों पर एक्सपायरी डेट के प्रोडक्ट ही बेचने शुरू कर दिया, जो न सिर्फ आपकी और हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है बल्कि नियम और कानून के विपरीत भी हैं.

अगर आप बंद डिब्बे वाले खाद्य पदार्थ खरीद रहे हैं तो उसकी पैकेजिंग जरूर देंखे

इन सबको रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर खाद्य एवं औषधिय विभाग की बड़ी जिम्मेदारी बनती है, ताकि ऐसे पैकेट बंद फूड आइटम्स बाजार में न बिके जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो. इस क्रम में ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी में ऐसे प्रोडक्ट के बेचने और इनकी बिक्री को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में संबंधित विभाग से जानकारी हासिल की. आंकड़ों में विभाग ने अपने आप को मजबूत बताया और यह भी कहा कि फिलहाल एक्सपायरी डेट को लेकर कोई लिखित या मौखिक शिकायत तो विभाग को नहीं मिली है, लेकिन जांच लगातार जारी है.


खाद्य विभाग ने बनाई प्लानिंग

लॉकडाउन के दौरान पैकेट बंद खाद्य पदार्थ, जिनमें ब्रेड, बटर, चिप्स, नमकीन, बिस्किट, समेत खाद्य मसाले और तमाम ऐसे फूड आइटम्स थे जो दुकानें बंद होने के बाद अंदर ही पड़े रह गए. कुछ की बिक्री हुई, लेकिन कुछ दुकानों की बंदी की वजह से व्यापारियों ने नुकसान की भरपाई करने के लिए डेट बीत जाने के बाद भी इनकी बिक्री जारी रखीं. जिसे लेकर लॉकडाउन खत्म होने के बाद खाद्य एवं औषधि विभाग की तरफ से ऐसी चीजों की बिक्री रोकने का प्लान तैयार किया गया.


4000 से ज्यादा छापेमारी, 800 सेंपलिंग

विभाग के अधिकारियों की माने तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद से लगातार 4000 से ज्यादा दुकानों की जांच पड़ताल की जा चुकी है, जो अभी जारी है. 3 दिन पहले भी मल्टी ब्रांड फूड आइटम्स की शॉप पर 7 से ज्यादा सैंपल्स कलेक्ट किए गए हैं. इनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है और अक्टूबर महीने से लेकर अब तक 800 से ज्यादा सैंपल इकट्ठा कर इनकी जांच भी की गई है. कुछ जगह मिलावट की सूचना पर नोटिस जारी हुई है, तो कुछ जगह चीजें ठीक पाई गई हैं, लेकिन कहीं भी एक्सपायरी डेट के प्रोडक्ट को बेचे जाने जैसी सूचना कहीं से नहीं मिली है.

बिस्किट
बिस्किट
छापेमारी में रखा जाता है इन बातों का ध्यानअधिकारियों का कहना है इस बात का ध्यान जरूर रखा जाता है कि छापेमारी के दौरान खाद्य पदार्थों पर डेट ऑफ मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट क्या लिखी है. यदि ऐसे प्रोडक्ट बिक्री के दौरान रखे मिलते हैं तो संबंधित दुकान को सीज कर जुर्माने की कार्रवाई भी की जाती है. विभाग के अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थ जिनमें ब्रेड, बिस्किट, दूध, नमकीन केस समेत कई अन्य तरह के आइटम्स हैं. हमारी आपकी पहली जिम्मेदारीखाद्य विभाग के अधिकारियों की माने तो पैकेट बंद खाद्य पदार्थों की खरीदारी से पहले सजग होने की सबसे पहली जिम्मेदारी हमारी और आपकी बनती है. पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग डेट 1 महीने से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए और खाद्य पदार्थों में अलग-अलग तरह की मैन्युफैक्चरिंग डेट के साथ एक्सपायरी डेट मेंशन होती है. ब्रेड पर 3 दिन से ज्यादा की एक्सपायरी डेट नहीं होनी चाहिए यानी मैन्युफैक्चरिंग के बाद 3 दिनों तक ब्रेड इस्तेमाल करने लायक मानी जाती है. मक्खन पर 3 से 6 महीने मसालों पर 6 महीने चिप्स पर 3 महीने और अलग-अलग खाद्य पदार्थों पर 3 महीने से लेकर 9 माह या 1 साल तक की एक्सपायरी डेट लिखी जाती है. इस नंबर पर करें शिकायत

इन सामानों को खरीदने से पहले खुद से इसकी जांच कर लें क्योंकि एक्सपायरी डेट के बाद यह सामान खराब होते हैं, जिसका बुरा असर आपके और आपके परिवार की सेहत पर पड़ता है विभाग अपना काम करता है, लेकिन जिम्मेदारी पहले खुद कस्टमर की है कि वह सजग हो और ऐसी किसी भी गड़बड़ी की दशा में विभाग के मोबाइल नंबर 9044261361 पर शिकायत की जा सकती है.

वाराणसी: लॉकडाउन के दौरान दुकानों के बंद होने की वजह से जिले के व्यापारियों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा. सबसे बड़ी समस्या खाद्य पदार्थों की बिक्री को लेकर हुई, क्योंकि पैकेट बंद फूड आइटम्स की एक्सपायरी डेट खत्म हो जाने की वजह से इनके खराब होने और कंपनी की तरफ से इनको वापस न लिए जाने के बाद व्यापारियों ने नुकसान की भरपाई के लिए कई जगहों पर एक्सपायरी डेट के प्रोडक्ट ही बेचने शुरू कर दिया, जो न सिर्फ आपकी और हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है बल्कि नियम और कानून के विपरीत भी हैं.

अगर आप बंद डिब्बे वाले खाद्य पदार्थ खरीद रहे हैं तो उसकी पैकेजिंग जरूर देंखे

इन सबको रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर खाद्य एवं औषधिय विभाग की बड़ी जिम्मेदारी बनती है, ताकि ऐसे पैकेट बंद फूड आइटम्स बाजार में न बिके जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो. इस क्रम में ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी में ऐसे प्रोडक्ट के बेचने और इनकी बिक्री को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में संबंधित विभाग से जानकारी हासिल की. आंकड़ों में विभाग ने अपने आप को मजबूत बताया और यह भी कहा कि फिलहाल एक्सपायरी डेट को लेकर कोई लिखित या मौखिक शिकायत तो विभाग को नहीं मिली है, लेकिन जांच लगातार जारी है.


खाद्य विभाग ने बनाई प्लानिंग

लॉकडाउन के दौरान पैकेट बंद खाद्य पदार्थ, जिनमें ब्रेड, बटर, चिप्स, नमकीन, बिस्किट, समेत खाद्य मसाले और तमाम ऐसे फूड आइटम्स थे जो दुकानें बंद होने के बाद अंदर ही पड़े रह गए. कुछ की बिक्री हुई, लेकिन कुछ दुकानों की बंदी की वजह से व्यापारियों ने नुकसान की भरपाई करने के लिए डेट बीत जाने के बाद भी इनकी बिक्री जारी रखीं. जिसे लेकर लॉकडाउन खत्म होने के बाद खाद्य एवं औषधि विभाग की तरफ से ऐसी चीजों की बिक्री रोकने का प्लान तैयार किया गया.


4000 से ज्यादा छापेमारी, 800 सेंपलिंग

विभाग के अधिकारियों की माने तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद से लगातार 4000 से ज्यादा दुकानों की जांच पड़ताल की जा चुकी है, जो अभी जारी है. 3 दिन पहले भी मल्टी ब्रांड फूड आइटम्स की शॉप पर 7 से ज्यादा सैंपल्स कलेक्ट किए गए हैं. इनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है और अक्टूबर महीने से लेकर अब तक 800 से ज्यादा सैंपल इकट्ठा कर इनकी जांच भी की गई है. कुछ जगह मिलावट की सूचना पर नोटिस जारी हुई है, तो कुछ जगह चीजें ठीक पाई गई हैं, लेकिन कहीं भी एक्सपायरी डेट के प्रोडक्ट को बेचे जाने जैसी सूचना कहीं से नहीं मिली है.

बिस्किट
बिस्किट
छापेमारी में रखा जाता है इन बातों का ध्यानअधिकारियों का कहना है इस बात का ध्यान जरूर रखा जाता है कि छापेमारी के दौरान खाद्य पदार्थों पर डेट ऑफ मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट क्या लिखी है. यदि ऐसे प्रोडक्ट बिक्री के दौरान रखे मिलते हैं तो संबंधित दुकान को सीज कर जुर्माने की कार्रवाई भी की जाती है. विभाग के अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थ जिनमें ब्रेड, बिस्किट, दूध, नमकीन केस समेत कई अन्य तरह के आइटम्स हैं. हमारी आपकी पहली जिम्मेदारीखाद्य विभाग के अधिकारियों की माने तो पैकेट बंद खाद्य पदार्थों की खरीदारी से पहले सजग होने की सबसे पहली जिम्मेदारी हमारी और आपकी बनती है. पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग डेट 1 महीने से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए और खाद्य पदार्थों में अलग-अलग तरह की मैन्युफैक्चरिंग डेट के साथ एक्सपायरी डेट मेंशन होती है. ब्रेड पर 3 दिन से ज्यादा की एक्सपायरी डेट नहीं होनी चाहिए यानी मैन्युफैक्चरिंग के बाद 3 दिनों तक ब्रेड इस्तेमाल करने लायक मानी जाती है. मक्खन पर 3 से 6 महीने मसालों पर 6 महीने चिप्स पर 3 महीने और अलग-अलग खाद्य पदार्थों पर 3 महीने से लेकर 9 माह या 1 साल तक की एक्सपायरी डेट लिखी जाती है. इस नंबर पर करें शिकायत

इन सामानों को खरीदने से पहले खुद से इसकी जांच कर लें क्योंकि एक्सपायरी डेट के बाद यह सामान खराब होते हैं, जिसका बुरा असर आपके और आपके परिवार की सेहत पर पड़ता है विभाग अपना काम करता है, लेकिन जिम्मेदारी पहले खुद कस्टमर की है कि वह सजग हो और ऐसी किसी भी गड़बड़ी की दशा में विभाग के मोबाइल नंबर 9044261361 पर शिकायत की जा सकती है.

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