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बीएचयू दीक्षांत में भरे मंच से मेधावी छात्र का ऐलान, चपरासी से डिग्री ले लूंगा...डीन से नहीं, बवाल - सामाजिक विज्ञान संकाय

काशी हिंदू विश्वविद्यालयन (Kashi Hindu University) के 103वां दीक्षांत समारोह में शामिल मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और डिग्रियां बांटी गई. इस दौरान मंच पर पहुंचे एक छात्र ने कहा कि 'मैं किसी कर्मचारी या चपरासी से डिग्री लेना पसंद करूंगा, लेकिन डीन के हाथों डिग्री नहीं लूंगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 17, 2023, 8:33 AM IST

मंच पर छात्र ने कहा.

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शनिवार को 103वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान पीएचडी की 986, एमफिल की 29 और डीलिट की 3 उपाधियां दी गईं. सबसे ज्यादा 4334 डिग्री आर्ट फैकल्टी, सोशल साइंस को 3598 और साइंस फैकल्टी 2158 डिग्रियां बांटी गई हैं. इसी दौरान मंच पर एक ऐसा वाकया हुआ कि हर कोई देखकर चौंक गया. विश्वविद्यालय में डिग्री वितरण का कार्यक्रम में एक छात्र डायस के पास आया और माइक लेकर कहा कि वह अपने संकाय प्रमुख के हाथों से डिग्री नहीं लेगा. वह किसी कर्मचारी या चपरासी से डिग्री लेना पसंद करेगा.

गोल्ड मेडल में बेटियों का रहा दबदबा
काशी हिंदू विश्वविद्यालय का 103वां दीक्षांत समारोह स्वतंत्रता भवन सभागार के अलावा अलग-अलग दो फैकल्टियों में आयोजित किया गया था. यहां छात्रों के लिए डिग्री वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां 31 गोल्ड मेडल में से 21 मेडल बेटियों को दिए गए. वहीं, जिन 27 मेधावियों को मेडल मिला, उसमें से 18 छात्राएं हैं. बीएचयू का सबसे प्रतिष्ठित गोल्ड मेडल चांसलर, राजा विभूति नारायण सिंह और यूनिवर्सिटी मेडल 2 छात्राओं भद्रा प्रिया और सुश्री को दिए गए हैं. इस कार्यक्रम में एक और नाम चर्चा का विषय बना गया था. वह नाम छात्र आशीर्वाद दुबे का है. उनकी हरकत का एक वीडियो भी सामने आया है, वीडियो आने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के लोग कमेंट कर रहे हैं.

डीन के हाथों डिग्री लेने से किया मना
इस कार्यक्रम में सामाजिक विज्ञान संकाय में दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं को डिग्री वितरण का कार्यक्रम चल रहा था. सभी छात्र-छात्राएं सभागार में बैठे हुए थे. सभी छात्र-छात्राओं को बारी-बारी से स्टेज पर बुलाकर उन्हें डिग्रियां दी जा रही थीं. इसी दौरान डायस से संचालन करने वाले ने आशीर्वाद दुबे नाम के एक छात्र को डिग्री देने के लिए मंच पर बुलाया. इस दौरान सभागार में मौजूद छात्र हूटिंग करने लगे. इन सभी के बीच से निकलकर आशीर्वाद दुबे मंच पर पहुंचे और डायस पर लगे माइक को अपनी तरफ करते हुए कहा कि, वह सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. बिंदा परांजपे के हाथों डिग्री नहीं लेंगे.

कर्मचारी या चपरासी से डिग्री लेना पसंद करूंगा
छात्र आशीर्वाद दुबे द्वारा इतना बोलेने के बाद पूरे सभागार में शांति छा जाती है. देखते ही देखते वहां मौजूद विद्यार्थी हूटिंग करने लगते हैं. इस दौरान छात्र आशीर्वाद दुबे से वहां मौजूद अतिथि और शिक्षक डिग्री लेने के लिए कहते हैं, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहते हैं. छात्र आशीर्वाद दुबे ने मंच पर ही आरोप लगाते हुए कहा 'मैं किसी कर्मचारी या चपरासी से डिग्री लेना पसंद करूंगा, लेकिन डीन से नहीं. डीन की नीयत हमेशा से ही छात्र विरोधी रही है. जो मुझे परीक्षा देने से वंचित कर सकता है, मेरे रिजल्ट पर रोक लगा सकता है. उसी हाथ से डिग्री लेना मैं उचित नहीं समझता हूं'.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी का दो दिवसीय वाराणसी दौरा आज से; कई रास्ते रहेंगे बंद, घर से निकलने से पहले देखें रूट प्लान

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मंच पर छात्र ने कहा.

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शनिवार को 103वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान पीएचडी की 986, एमफिल की 29 और डीलिट की 3 उपाधियां दी गईं. सबसे ज्यादा 4334 डिग्री आर्ट फैकल्टी, सोशल साइंस को 3598 और साइंस फैकल्टी 2158 डिग्रियां बांटी गई हैं. इसी दौरान मंच पर एक ऐसा वाकया हुआ कि हर कोई देखकर चौंक गया. विश्वविद्यालय में डिग्री वितरण का कार्यक्रम में एक छात्र डायस के पास आया और माइक लेकर कहा कि वह अपने संकाय प्रमुख के हाथों से डिग्री नहीं लेगा. वह किसी कर्मचारी या चपरासी से डिग्री लेना पसंद करेगा.

गोल्ड मेडल में बेटियों का रहा दबदबा
काशी हिंदू विश्वविद्यालय का 103वां दीक्षांत समारोह स्वतंत्रता भवन सभागार के अलावा अलग-अलग दो फैकल्टियों में आयोजित किया गया था. यहां छात्रों के लिए डिग्री वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां 31 गोल्ड मेडल में से 21 मेडल बेटियों को दिए गए. वहीं, जिन 27 मेधावियों को मेडल मिला, उसमें से 18 छात्राएं हैं. बीएचयू का सबसे प्रतिष्ठित गोल्ड मेडल चांसलर, राजा विभूति नारायण सिंह और यूनिवर्सिटी मेडल 2 छात्राओं भद्रा प्रिया और सुश्री को दिए गए हैं. इस कार्यक्रम में एक और नाम चर्चा का विषय बना गया था. वह नाम छात्र आशीर्वाद दुबे का है. उनकी हरकत का एक वीडियो भी सामने आया है, वीडियो आने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के लोग कमेंट कर रहे हैं.

डीन के हाथों डिग्री लेने से किया मना
इस कार्यक्रम में सामाजिक विज्ञान संकाय में दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं को डिग्री वितरण का कार्यक्रम चल रहा था. सभी छात्र-छात्राएं सभागार में बैठे हुए थे. सभी छात्र-छात्राओं को बारी-बारी से स्टेज पर बुलाकर उन्हें डिग्रियां दी जा रही थीं. इसी दौरान डायस से संचालन करने वाले ने आशीर्वाद दुबे नाम के एक छात्र को डिग्री देने के लिए मंच पर बुलाया. इस दौरान सभागार में मौजूद छात्र हूटिंग करने लगे. इन सभी के बीच से निकलकर आशीर्वाद दुबे मंच पर पहुंचे और डायस पर लगे माइक को अपनी तरफ करते हुए कहा कि, वह सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. बिंदा परांजपे के हाथों डिग्री नहीं लेंगे.

कर्मचारी या चपरासी से डिग्री लेना पसंद करूंगा
छात्र आशीर्वाद दुबे द्वारा इतना बोलेने के बाद पूरे सभागार में शांति छा जाती है. देखते ही देखते वहां मौजूद विद्यार्थी हूटिंग करने लगते हैं. इस दौरान छात्र आशीर्वाद दुबे से वहां मौजूद अतिथि और शिक्षक डिग्री लेने के लिए कहते हैं, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहते हैं. छात्र आशीर्वाद दुबे ने मंच पर ही आरोप लगाते हुए कहा 'मैं किसी कर्मचारी या चपरासी से डिग्री लेना पसंद करूंगा, लेकिन डीन से नहीं. डीन की नीयत हमेशा से ही छात्र विरोधी रही है. जो मुझे परीक्षा देने से वंचित कर सकता है, मेरे रिजल्ट पर रोक लगा सकता है. उसी हाथ से डिग्री लेना मैं उचित नहीं समझता हूं'.

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