वाराणसी: हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. वहीं धर्म की नगरी काशी में जगत के पालन कर्ता भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम और अलग ढंग से मनाया जाता है. शिव की नगरी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं. इस बार भगवान श्रीकृष्ण के लिए के लिए बना लकड़ी का पालना लोगों के मन भा रहा है.
लड्डू गोपल के लिए बना लकड़ी का खास पालना
जन्माष्टमी के महापर्व पर घरों से लेकर मंदिर, पुलिस स्टेशनों में विशेष प्रकार की झांकी सजाई जाती है. ज्यादातर घरों में लकड़ी के छोटे-छोटे खिलौने सजाकर भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इन दिनों काशी में लकड़ी का पालना बाजारों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बनारस के बाजारों में जहां चाइनीज प्लास्टिक, शीशे के पालना मौजूद हैं. वहीं बनारस में बना हुआ लकड़ी का पालना भी लोगों को खास पसंद आ रहा है.
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हम पिछले 50 वर्ष से लकड़ी के खिलौनों सहित सिंधोरा और पालना बनाते हैं. पिछले कुछ दिनों में लकड़ी के पालने का क्रेज बढ़ा है मांग बढ़ी है. बनारस सहित दूर-दूर के शहरों में भी लकड़ी के पालना भेजा जाता है. 200 रुपये से लेकर लगभग 2,000 रुपये तक की कीमत का पालना हम ऑर्डर पर भी बनाते हैं. लकड़ी का पालना सबसे शुद्ध होता है.
-राजेंद्र प्रसाद वर्मा , कारीगर