फर्रुखाबाद : काशी की तर्ज पर पांचाल घाट पर मेला श्री रामनगरिया का सोमवार की देर शाम शुभारंभ हो गया है. 21 हजार दीयों से गंगा तट को अपरा काशी मिनी कुंभ 2025 लिखकर रोशन किया गया. 5100 दीपों से मां भागीरथी में दीपदान हुआ. काशी के आचार्य ने पतित पावनी मां गंगा की आरती भी कराई.
मेले के मुख्य द्वार का फीता काटकर व गुब्बारे उड़ाकर उद्घाटन किया. इसके बाद प्रशासनिक पंडाल में जाकर यज्ञ में शामिल हुए. आचार्य शिव कुमार शास्त्री ने मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ कराया. शाम को गंगा तट पर बनारस से आए पांच आचार्यों ने आचार्य डॉ. प्रदीप नारायण शुक्ल के नेतृत्व में बनारस की तर्ज पर आरती की.
दुर्वासा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वर दास ब्रह्मचारी, डीएम, सीडीओ, सांसद, विधायक व अधिकारियों ने हवन में आहुति डाली. गंगा आरती के बाद मां गंगा में दीपदान किया गया. गंगा की लहरों पर बहते दीपक अनोखी छटा बिखेरते रहे. दीयों की रोशनी से गंगा मैया का आंचल जगमगा उठा. शंख ध्वनि के साथ जयकारे गूंजते रहे.
पौष पूर्णिमा पर पुण्य की डुबकी के साथ साधु-संतों व भक्तों ने जब दान-पुण्य का सिलसिला शुरू किया तो आस्था, भक्ति और विश्वास की त्रिवेणी बह निकली. हर कोई पुण्य की डुबकी लगाने के लिए आतुर था. 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य कमाया. कई जिले हरदोई, शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, इटावा, एटा ,मैनपुरी, बरेली, भिंड आदि कई जिलों के श्रद्धालु भोर में ही स्नान के लिए गंगा तट पर पहुंच गए.
एक ओर गंगा स्नान तो दूसरी ओर दानपुण्य की धारा बहती रही. कोई अन्न तो कोई वस्त्र दान कर रहा था. बरगदिया घाट के महंत विष्णु दास जी महाराज ने ठाकुर जी महाराज को गंगा तट पर मंदिर बनाकर बड़ी धूमधाम से विराजमान किया. इसके बाद प्रसाद वितरण किया.
जिलाधिकारी डॉक्टर वीके सिंह ने बताया कि मेला श्री रामनगरिया का आज उद्घाटन हुआ है. इसमें सांसद मुकेश राजपूत, कल्पवासी, साधु संत आदि ने सहयोग किया. उन्होंने बताया कि 13 फरवरी तक चलने वाले इस मेले में सारी नागरिक सुविधाओं का प्रबंध हम लोग करवाएंगे.
समय-समय पर हमारे संज्ञान में जो भी कमी आएगी, उसको दूर करने का प्रयास करेंगे. मेला सचिव ,मेला समिति के अपर जिलाधिकारी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि जितनी भी समितियां बनी हैं, उनकी देखरेख में मेला निर्बाध रूप से संपन्न कराया जाए.
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