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पीएम मोदी की पहल पर कनाडा में रखी मां अन्नपूर्णा की कीमती मूर्ति वापस आयी भारत

वाराणसी से गायब हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति काशी में पुनः स्थापित होने जा रही है. ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 15 नवंबर को विशेष मुहूर्त, उदया तिथि के मान के तहत प्रबोधिनी एकादशी है. इस दिन भगवान विष्णु चातुर्मास के बाद जागते हैं. इसी दिन से शुभ कार्यों का शुभारंभ भी होता है.

मां अन्नपूर्णा की कीमती मूर्ति
मां अन्नपूर्णा की कीमती मूर्ति
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Published : Nov 2, 2021, 11:03 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी की पहल पर काशी में एक ऐतिहासिक धार्मिक कार्य सम्पन्न होने जा रहा है. वाराणसी से गायब हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति काशी में पुनः स्थापित होने जा रही है. इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को काशी में करेंगे.

11 नवंबर को अन्नपूर्णा की मूर्ति दिल्ली से सुसज्जित वाहन से वाराणसी के लिए रवाना होगी. मां अन्नपूर्णा की मूर्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कनाडा सरकार ने भारत को वापस की है. मूर्ति काशी विश्वनाथ धाम में स्थापित किये जाने की सम्भावना है. दरअसल, भगवान शिव की नगरी काशी को अन्न क्षेत्र भी कहा जाता है. भगवान शिव ने काशी में मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी. इसलिए काशी में मां अन्नपूर्णा का विशेष महत्व है.

पीएम के मार्गदर्शन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा विशेष मुहूर्त में पूरे विधि विधान से करेंगे. मां अन्नपूर्णा की मूर्ति के एक हाथ में अन्न और दूसरे में खीर पात्र है. 11 नवंबर को मूर्ति दिल्ली से सुसज्जित वाहन से जुलुस के रूप में चलेगी. 12 को सोरा, 13 को कानपुर, 14 को अयोध्या और 15 नवंबर को वाराणसी पहुंचेगी.


ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 15 नवंबर को विशेष मुहूर्त उदया तिथि के मान के तहत प्रबोधिनी एकादशी है. इस दिन भगवान विष्णु चातुर्मास के बाद जागते हैं. इसी दिन से शुभ कार्य का शुभारंभ भी होता है.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी की पहल पर काशी में एक ऐतिहासिक धार्मिक कार्य सम्पन्न होने जा रहा है. वाराणसी से गायब हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति काशी में पुनः स्थापित होने जा रही है. इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को काशी में करेंगे.

11 नवंबर को अन्नपूर्णा की मूर्ति दिल्ली से सुसज्जित वाहन से वाराणसी के लिए रवाना होगी. मां अन्नपूर्णा की मूर्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर कनाडा सरकार ने भारत को वापस की है. मूर्ति काशी विश्वनाथ धाम में स्थापित किये जाने की सम्भावना है. दरअसल, भगवान शिव की नगरी काशी को अन्न क्षेत्र भी कहा जाता है. भगवान शिव ने काशी में मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी. इसलिए काशी में मां अन्नपूर्णा का विशेष महत्व है.

पीएम के मार्गदर्शन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा विशेष मुहूर्त में पूरे विधि विधान से करेंगे. मां अन्नपूर्णा की मूर्ति के एक हाथ में अन्न और दूसरे में खीर पात्र है. 11 नवंबर को मूर्ति दिल्ली से सुसज्जित वाहन से जुलुस के रूप में चलेगी. 12 को सोरा, 13 को कानपुर, 14 को अयोध्या और 15 नवंबर को वाराणसी पहुंचेगी.


ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 15 नवंबर को विशेष मुहूर्त उदया तिथि के मान के तहत प्रबोधिनी एकादशी है. इस दिन भगवान विष्णु चातुर्मास के बाद जागते हैं. इसी दिन से शुभ कार्य का शुभारंभ भी होता है.

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