वाराणसी: कोरोना महामारी के शुरुआत से ही कहा जा रहा है कि कोरोना का खतरा सबसे अधिक बुजुर्गों और बच्चों को है, क्योंकि उनकी रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. वर्तमान में अनलॉक भी शुरू हो गया है. परन्तु अभी भी बच्चों को घर पर रखना जरूरी है. लेकिन बच्चों को घर में रुके रहने के लिए उनसे इस तरह की अपेक्षा करना थोड़ा मुश्किल है. आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कि कैसे बच्चों को महामारी से सुरक्षित रखा जाए और घर मे उनके साथ कैसे समय व्यतीत किया जाए.
कोरोना काल में बच्चों की करे विशेष देखभाल
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने कहा कि जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार कम हो रही है. इसके चलते जिले में एक बार फिर से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में हमें स्वयं के साथ-साथ बच्चों का भी खास ख्याल रखना होगा. बहुत जरूरी हो तभी बच्चे को बाहर निकलने दें. बाहर निकलने से पहले स्वयं के साथ-साथ बच्चे को मास्क लगाएं. हर किसी से दो गज की दूरी रखें. साथ में सैनिटाइजर रखें ताकि समय-समर पर सैनिटाइज कर सकें. उन्होंने कहा कि पिछले करीब एक साल से स्कूल, कोचिंग बंद होने और परीक्षाएं न होने से बच्चों में थोड़ी निराशा है, लेकिन घर पर रहकर पढ़ाई करने से उन्हें माता-पिता का भी भरपूर सहयोग मिला है. उन्होंने कहा कि टीवी और फोन बंद करके बच्चों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने का एक अच्छा मौका है. बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना मुफ्त और मजेदार होता है. यह बच्चों को प्यार और सुरक्षा का एहसास दिलाता है, और यह दिखाता है कि वह आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं.
बच्चे के साथ बिताने के लिए अलग-अलग समय करें तय
डॉ वीबी सिंह ने कहा कि यह सिर्फ 20 मिनट या उससे अधिक समय भी हो सकता है, यह अभिभावकों पर निर्भर करता है. हर रोज एक ही समय हो सकता जिससे बच्चे इस का इंतजार करें. उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चे से पूछें कि वह क्या करना चाहते हैं. क्योंकि चुनाव करना उनके आत्मविश्वास का निर्माण करता है. यदि वह कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो शारीरिक दूरी के साथ नहीं किया जा सकता है, तो यह उनके साथ इस बारें में बात करने का एक अच्छा अवसर है.
बच्चे (पाँच वर्ष से नीचे) के साथ समय बिताने के तरीके :
• गाना गाएं, चम्मच व बर्तनों से संगीत बनाएं.
• उनके चेहरे के भाव और आवाजों को दोहराएं.
• कप या ब्लॉक को एक के ऊपर एक रखें.
• किताब पढ़कर या चित्र दिखा कर, एक कहानी बताएं.
बच्चों (पाँच से 12 वर्ष तक) के साथ समय बिताने के तरीके :
• एक किताब पढ़ें और उसके सारांश को चित्रों की सहायता से बताएं.
• उनको लेकर बाहर या घर के आसपास टहलने के लिए जाए.
• प्राकृतिक चीजों के बारे में जानकारी दें और उसे दोहराएँ.
• नृत्य और फ़्रीजी खेलें.
• एक साथ घर का काम करें, सफाई और खाना बनाने को एक खेल बनाएं.
• स्कूल के काम में मदद करें.
किशोर-किशोरी के साथ समय बिताने के तरीके :
• उनकी पसंदीदा चीजें जैसे खेल, टीवी शो, उनके दोस्तों के बारें में बात करें.
• उनके साथ बाहर या घर के आसपास टहलने के लिए जाएं.
• साथ में कसरत, व्यायाम और योगा करें.
• हर समय साथ में खाना खाएं.
जाने, कोरोना काल में अपने बच्चों के साथ कैसे बिताएं समय
कोरोना महामारी के शुरुआत से ही कहा जा रहा है कि कोरोना का खतरा सबसे अधिक बुजुर्गों और बच्चों को है, क्योंकि उनकी रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. विशेषज्ञों का भी मानना है कि तीसरी लहर में बच्चों के पॉज़िटिव होने की संभावना है. ऐसे में उनका खास ख्याल रखा जाना बहुत जरूरी है.
वाराणसी: कोरोना महामारी के शुरुआत से ही कहा जा रहा है कि कोरोना का खतरा सबसे अधिक बुजुर्गों और बच्चों को है, क्योंकि उनकी रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. वर्तमान में अनलॉक भी शुरू हो गया है. परन्तु अभी भी बच्चों को घर पर रखना जरूरी है. लेकिन बच्चों को घर में रुके रहने के लिए उनसे इस तरह की अपेक्षा करना थोड़ा मुश्किल है. आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कि कैसे बच्चों को महामारी से सुरक्षित रखा जाए और घर मे उनके साथ कैसे समय व्यतीत किया जाए.
कोरोना काल में बच्चों की करे विशेष देखभाल
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने कहा कि जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार कम हो रही है. इसके चलते जिले में एक बार फिर से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में हमें स्वयं के साथ-साथ बच्चों का भी खास ख्याल रखना होगा. बहुत जरूरी हो तभी बच्चे को बाहर निकलने दें. बाहर निकलने से पहले स्वयं के साथ-साथ बच्चे को मास्क लगाएं. हर किसी से दो गज की दूरी रखें. साथ में सैनिटाइजर रखें ताकि समय-समर पर सैनिटाइज कर सकें. उन्होंने कहा कि पिछले करीब एक साल से स्कूल, कोचिंग बंद होने और परीक्षाएं न होने से बच्चों में थोड़ी निराशा है, लेकिन घर पर रहकर पढ़ाई करने से उन्हें माता-पिता का भी भरपूर सहयोग मिला है. उन्होंने कहा कि टीवी और फोन बंद करके बच्चों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने का एक अच्छा मौका है. बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना मुफ्त और मजेदार होता है. यह बच्चों को प्यार और सुरक्षा का एहसास दिलाता है, और यह दिखाता है कि वह आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं.
बच्चे के साथ बिताने के लिए अलग-अलग समय करें तय
डॉ वीबी सिंह ने कहा कि यह सिर्फ 20 मिनट या उससे अधिक समय भी हो सकता है, यह अभिभावकों पर निर्भर करता है. हर रोज एक ही समय हो सकता जिससे बच्चे इस का इंतजार करें. उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चे से पूछें कि वह क्या करना चाहते हैं. क्योंकि चुनाव करना उनके आत्मविश्वास का निर्माण करता है. यदि वह कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो शारीरिक दूरी के साथ नहीं किया जा सकता है, तो यह उनके साथ इस बारें में बात करने का एक अच्छा अवसर है.
बच्चे (पाँच वर्ष से नीचे) के साथ समय बिताने के तरीके :
• गाना गाएं, चम्मच व बर्तनों से संगीत बनाएं.
• उनके चेहरे के भाव और आवाजों को दोहराएं.
• कप या ब्लॉक को एक के ऊपर एक रखें.
• किताब पढ़कर या चित्र दिखा कर, एक कहानी बताएं.
बच्चों (पाँच से 12 वर्ष तक) के साथ समय बिताने के तरीके :
• एक किताब पढ़ें और उसके सारांश को चित्रों की सहायता से बताएं.
• उनको लेकर बाहर या घर के आसपास टहलने के लिए जाए.
• प्राकृतिक चीजों के बारे में जानकारी दें और उसे दोहराएँ.
• नृत्य और फ़्रीजी खेलें.
• एक साथ घर का काम करें, सफाई और खाना बनाने को एक खेल बनाएं.
• स्कूल के काम में मदद करें.
किशोर-किशोरी के साथ समय बिताने के तरीके :
• उनकी पसंदीदा चीजें जैसे खेल, टीवी शो, उनके दोस्तों के बारें में बात करें.
• उनके साथ बाहर या घर के आसपास टहलने के लिए जाएं.
• साथ में कसरत, व्यायाम और योगा करें.
• हर समय साथ में खाना खाएं.