कानपुर: कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को सरसौल के सलेमपुर में स्थित अमृत सरोवर और महाराजपुर स्थित झील का निरीक्षण किया. 22.7 लाख रुपये की लागत से बने अमृत सरोवर की हालत बेहद ही खराब नजर आई.
यह देख डीएम भड़क गए. उन्होंने अफसरों को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने पूछा, जब आप सारे काम कर ही लेंगे तो यह काम अभी तक क्यों नहीं हुए? इसपर जिम्मेदार अफसरों को पसीना छूट गया.
डीएम बोले- आप लोग केवल किरकिरी कराते हैं: डीएम ने कहा कि आप तो खुद ही झूले पर बैठने से पहले कह रहे थे, चोट लगने का खतरा है. कौन बैठेगा इसपर. जब इस तरह से काम होगा तो आमजन को आखिर क्या फायदा मिलेगा? आप लोग केवल किरकिरी कराते हैं.
डीएम ने कहा, अगले 20 दिनों के बाद वह फिर इस झील का निरीक्षण करने आएंगे. अगर सुधार नहीं मिला तो सभी जिम्मेदार अफसर सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
पांच में से चार झूले टूटे मिले: निरीक्षण के दौरान डीएम ने पाया कि अमृत सरोवर के आसपास पांच में से चार झूले टूटे पड़े थे. पानी का इनलेट नाले की तरह मिला. तालाब में पानी भरने की कोई व्यवस्था तक नहीं थी. जो जाली और खंबे थे वह पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो थे और उनमें जंग लगी हुई थी.
पूरी झील में सिर्फ जलकुंभी ही थी, जबकि झील में पानी का स्तर काफी कम था. गांव का गंदा पानी झील में जाता डीएम ने जिम्मेदार अफसरों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
परियोजना निदेशक समेत अन्य अफसर करेंगे जांच:
डीएम ने कहा कि परियोजना निदेशक, ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी अमृत सरोवर की जांच करेंगे. सरोवर का निर्माण कब शुरू हुआ और कब खत्म हुआ, किस तरीके की सामग्री उपयोग में लाई गई इसकी भी जांच होगी.
डीएम ने डॉक्टर को फटकारा था: पिछले दिनों डीएम ने अर्बन पीएचसी का भी निरीक्षण किया था. डॉक्टर ने रजिस्टर पर फर्जी मरीजों के नाम दर्ज कर रखे थे. मामले में डीएम ने डॉक्टर को जमकर फटकार लगाई थी. वहीं सीएमओ कार्यालय के निरीक्षण के दौरान सीएमओ समेत 34 लोगों का स्टाफ नदारद मिला था. इसपर भी उन्होंने नाराजगी जताई थी.