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covid-19 pandemic : बच्चों में लक्षण पाए जाने पर प्राथमिक उपचार ऐसे करें - वाराणसी न्यूज

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी लहर (Third Wave of Coronavirus) की संभावना को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी मजबूत किया जा रहा है. वाराणसी के डॉ. वीबी सिंह बता रहे हैं कि बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखने पर उनका प्रथमिक उपचार कैसे करें...

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कोरोना महामारी
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Published : Jun 20, 2021, 9:01 AM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी लहर (Third Wave of Coronavirus) से निपटने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सभी प्रकार की तैयारी शुरू कर दी गई है. राजधानी लखनऊ, वाराणसी सहित सभी जनपदों में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. वायरस की तीसरी लहर के मद्देनजर अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाए जा रहे हैं. वहीं वाराणसी में 0-18 वर्ष तक के बच्चों की कोरोना जांच नियमित की जा रही है.


प्राथमिक उपचार ऐसे करें

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव बच्चों के इलाज के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हाल ही में जारी किए गए पोस्टर, स्लोगन के माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि कैसे कोविड लक्षणयुक्त और कोरोना पॉजिटिव बच्चों का इलाज किया जा सकता है.

इतनी मात्रा में दें दवाइयां

डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि 0-2 माह तक के बच्चों को पैरासिटामोल ड्रॉप (Paracetamol Drops) की 0.5 ml दिन में 3 बार (ड्रॉपर का प्रयोग करें), 3-6 माह के बच्चों को एक एमएल दिन में 3 बार, 7-12 माह के बच्चों को एक एमएल दिन में 4 बार दें. यह दवा बुखार आने की स्थिति में ही देनी है, खाली पेट दवा न दें. डॉक्टर के मुताबिक, 0-2 माह तक के शिशु को मल्टीविटामिन ड्रॉप (Multivitamin Drops) नहीं देनी है. 3-6 माह के बच्चों को भी नहीं देनी है. जबकि 7-12 माह के शिशु को 0.5 ml 7 दिन तक दिया जाना है.

ओआरएस (ORS) का घोल, दस्त होने की स्थिति में एक लीटर पानी को उबाल कर ठंडा कर लें. इसके बाद इस एक लीटर पानी में एक पूरा पैकेट घोलकर एक बर्तन में ढककर रखें. हर बार दस्त होने के बाद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बच्चों को दें.



खांसी, बुखार, दस्त आने पर डॉक्टर से ले राय

डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि दिन में 3-4 बार बच्चे का श्वसन स्तर तथा ऑक्सीजन सेचुरेशन (oxygen saturation) अवश्य नापें. यह 94 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए. अगर बच्चे को अधिक खांसी आए, पसली चलती प्रतीत हो रही हों, बच्चा दूध एवं खाना लेना बंद कर दे, बच्चे को तेज बुखार हो अथवा दस्त न रुके तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाए. जहां बच्चे की जांच के बाद आवश्यक दवा या इलाज की जाएगी.


खतरे के लक्षण

• लगातार कई दिन 101 डिग्री से अधिक बुखार
• अत्यधिक खांसी, पसली चलना
• दूध एवं खुराक लेना बंद कर देना
• अत्यधिक रोना अथवा निढाल पड़ जाना
• ऑक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से कम हो जाना


हेल्पलाइन नंबर

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा राज्य स्तरीय हेल्प लाइन नंबर 1800-180-5145 व 104 और जिला स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 1077, 0542-2720005 जारी किए गए हैं. जिस पर संपर्क किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- 6-8 सप्ताह में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर : एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया

वाराणसी: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी लहर (Third Wave of Coronavirus) से निपटने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सभी प्रकार की तैयारी शुरू कर दी गई है. राजधानी लखनऊ, वाराणसी सहित सभी जनपदों में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. वायरस की तीसरी लहर के मद्देनजर अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाए जा रहे हैं. वहीं वाराणसी में 0-18 वर्ष तक के बच्चों की कोरोना जांच नियमित की जा रही है.


प्राथमिक उपचार ऐसे करें

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव बच्चों के इलाज के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. हाल ही में जारी किए गए पोस्टर, स्लोगन के माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि कैसे कोविड लक्षणयुक्त और कोरोना पॉजिटिव बच्चों का इलाज किया जा सकता है.

इतनी मात्रा में दें दवाइयां

डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि 0-2 माह तक के बच्चों को पैरासिटामोल ड्रॉप (Paracetamol Drops) की 0.5 ml दिन में 3 बार (ड्रॉपर का प्रयोग करें), 3-6 माह के बच्चों को एक एमएल दिन में 3 बार, 7-12 माह के बच्चों को एक एमएल दिन में 4 बार दें. यह दवा बुखार आने की स्थिति में ही देनी है, खाली पेट दवा न दें. डॉक्टर के मुताबिक, 0-2 माह तक के शिशु को मल्टीविटामिन ड्रॉप (Multivitamin Drops) नहीं देनी है. 3-6 माह के बच्चों को भी नहीं देनी है. जबकि 7-12 माह के शिशु को 0.5 ml 7 दिन तक दिया जाना है.

ओआरएस (ORS) का घोल, दस्त होने की स्थिति में एक लीटर पानी को उबाल कर ठंडा कर लें. इसके बाद इस एक लीटर पानी में एक पूरा पैकेट घोलकर एक बर्तन में ढककर रखें. हर बार दस्त होने के बाद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बच्चों को दें.



खांसी, बुखार, दस्त आने पर डॉक्टर से ले राय

डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि दिन में 3-4 बार बच्चे का श्वसन स्तर तथा ऑक्सीजन सेचुरेशन (oxygen saturation) अवश्य नापें. यह 94 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए. अगर बच्चे को अधिक खांसी आए, पसली चलती प्रतीत हो रही हों, बच्चा दूध एवं खाना लेना बंद कर दे, बच्चे को तेज बुखार हो अथवा दस्त न रुके तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाए. जहां बच्चे की जांच के बाद आवश्यक दवा या इलाज की जाएगी.


खतरे के लक्षण

• लगातार कई दिन 101 डिग्री से अधिक बुखार
• अत्यधिक खांसी, पसली चलना
• दूध एवं खुराक लेना बंद कर देना
• अत्यधिक रोना अथवा निढाल पड़ जाना
• ऑक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से कम हो जाना


हेल्पलाइन नंबर

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा राज्य स्तरीय हेल्प लाइन नंबर 1800-180-5145 व 104 और जिला स्तरीय हेल्पलाइन नंबर 1077, 0542-2720005 जारी किए गए हैं. जिस पर संपर्क किया जा सकता है.

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