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चैत्र नवरात्र के साथ शुरू हुआ हिंदू नववर्ष, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने किया पंचांग का विमोचन

भारतीय वैदिक परंपरा के अनुसार आज से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो रही है. नवरात्र और हिंदू नववर्ष के शुभारंभ के मौके पर काशी ने नव संवत्सर का एक अनोखे अंदाज में स्वागत किया. गंगा घाटों में नव संवत्सर के स्वागत के दौरान शनिवार को एक अद्भुत नजारा देखने को मिला.

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Published : Apr 6, 2019, 12:28 PM IST

भारतीय नव संवत्सर

वाराणसी: बनारस की सुबह यूं तो पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन आज का दिन कुछ खास है. भारतीय संस्कृति और शास्त्रों द्वारा प्रतिपादित भारतीय नव संवत्सर के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक स्वरूप से लोगों का परिचय कराने के लिए खुद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और बाकी के बटुक काशी वासियों के साथ गंगा घाटों पर एकत्रित होते हैं.

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक आज के ही दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी और सूर्य उदय की सबसे पहली किरण काशी पर पड़ी थी. प्रसिद्ध शंकराचार्य घाट पर श्री विद्या मठ के बटुकों ने योग के आसनों का प्रदर्शन कर नए साल की शुरुआत की. इस कार्यक्रम के दौरान वैदिक मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार और दीपदान कर नव संवत्सर का अभिनंदन किया गया.

गंगा घाट पर दिखे मनमोहक दृश्य.

इस मौके पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नूतन सनातनी पंचांग विमोचन किया और आए हुए लोगों को अंग-अंग वस्त्रम भेंटकर हिंदू नववर्ष की शुभकामना भी दी. गौरतलब है कि हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. इस रोज हर साल वाराणसी में परंपरागत तरीके से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

वाराणसी: बनारस की सुबह यूं तो पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन आज का दिन कुछ खास है. भारतीय संस्कृति और शास्त्रों द्वारा प्रतिपादित भारतीय नव संवत्सर के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक स्वरूप से लोगों का परिचय कराने के लिए खुद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और बाकी के बटुक काशी वासियों के साथ गंगा घाटों पर एकत्रित होते हैं.

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक आज के ही दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी और सूर्य उदय की सबसे पहली किरण काशी पर पड़ी थी. प्रसिद्ध शंकराचार्य घाट पर श्री विद्या मठ के बटुकों ने योग के आसनों का प्रदर्शन कर नए साल की शुरुआत की. इस कार्यक्रम के दौरान वैदिक मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार और दीपदान कर नव संवत्सर का अभिनंदन किया गया.

गंगा घाट पर दिखे मनमोहक दृश्य.

इस मौके पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नूतन सनातनी पंचांग विमोचन किया और आए हुए लोगों को अंग-अंग वस्त्रम भेंटकर हिंदू नववर्ष की शुभकामना भी दी. गौरतलब है कि हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. इस रोज हर साल वाराणसी में परंपरागत तरीके से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

Intro:वाराणसी। भारतीय वैदिक परंपरा के अनुसार आज से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो रही है। वासंतिक नवरात्र और हिंदू नव वर्ष के शुभारंभ के मौके पर काशी ने नव संवत्सर का एक अनोखे अंदाज में स्वागत किया। वाराणसी के गंगा घाटों में नव संवत्सर के स्वागत के दौरान शनिवार को एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। प्राचीन वेद पाठ करने वाले बटुकों ने विश्व शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की। योग के साथ नए साल की शुरुआत कर स्वस्थ रहने का संदेश दिया गया। देसी और विदेशी सैलानियों के बीच काफी उत्साह देखने को मिला।


Body:VO1: वाराणसी के पावन घाटों का नजारा आज के दिन देखते ही बनता है। अपने मनोरम नजारे के लिए बनारस की सुबह यूं तो पूरी दुनिया में मशहूर है लेकिन आज का दिन कुछ खास है। भारतीय संस्कृति और शास्त्रों द्वारा प्रतिपादित भारतीय नव संवत्सर के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक स्वरूप से लोगों का परिचय कराने के लिए खुद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और बाकी के बटुक काशी वासियों के साथ गंगा घाटों पर एकत्रित होते हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक आज के ही दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी और सूर्य उदय की सबसे पहली किरण काशी पर पड़ी थी। प्रसिद्ध शंकराचार्य घाट पर श्री विद्या मठ के बटुकों ने योग के आसनों का प्रदर्शन कर नए साल की शुरुआत की इस कार्यक्रम के दौरान वैदिक मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार अर्थ और दीपदान कर नव संवत्सर का अभिनंदन किया गया। इस मौके पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नूतन सनातनी पंचांग विमोचन किया और आए हुए लोगों को अंग अंग वस्त्रम भेंट कर हिंदू नव वर्ष की शुभकामना भी दी। गौरतलब है कि हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है। इस रोज हर साल वाराणसी में परंपरागत तरीके से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।

बाइट: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, प्रतिनिधि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236


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