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ज्ञानवापी विवाद: सिविल रिवीजन पर सुनवाई टली, अगली तिथि 8 मार्च - plea of the anjuman administration

ज्ञानवापी मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ द्वारा जिला जज की अदालत में दाखिल सिविल रिवीजन पर शनिवार को सुनवाई टल गई. जिला जज ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 8 मार्च नियत की है.

ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद
ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर विवाद
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Published : Feb 20, 2021, 9:59 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर शनिवार को अधिवक्ताओं द्वारा एक दिन के लिए न्यायिक कार्य से विरत रहा गया, जिससे ज्ञानवापी मामले में जिला जज ओमप्रकाश त्रिपाठी की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ द्वारा दाखिल सिविल रिवीजन पर सुनवाई टल गई. वहीं जिला जज ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 8 मार्च नियत की है.

अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि जो ज्ञानवापी परिसर में स्वयंभू विशेश्वर का मंदिर है, इसके लिए वाद संख्या 610 सन 1991 दाखिल किया गया है. न्यायालय से यह निवेदन किया गया है कि यह घोषित कर दिया जाए कि यह जो विवादित स्थल है, वह स्वयंभू विशेश्वर के मंदिर का एक अंश है. हिंदुओं को इसमें पूजा-पाठ करने इत्यादि और मरम्मत करने व मंदिर का नवनिर्माण इत्यादि करने का अधिकार है.

अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी कहा कि न्यायालय में यह वाद चल रहा है, लेकिन विपक्षीगण के द्वारा यह प्रश्न उठाया गया कि सिविल न्यायालय को इस बात की सुनवाई के लिए क्षेत्राधिकार नहीं है. इसलिए सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक कोर्ट वाराणसी में उनके द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिस पर दोनों पक्षों की सुनवाई हुई और सुनवाई के पश्चात उनका प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया था.

इस आदेश से क्षुब्ध होकर उन्होंने जनपद न्यायाधीश वाराणसी के समक्ष दो सिविल रिवीजन फाइल किए हैं, जिसमें सुनवाई की तिथि 20 फरवरी 2021 को नियत की गई थी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण जिला जज द्वारा सुनवाई के लिए अगली तिथि 8 मार्च की नियत की गई है.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर शनिवार को अधिवक्ताओं द्वारा एक दिन के लिए न्यायिक कार्य से विरत रहा गया, जिससे ज्ञानवापी मामले में जिला जज ओमप्रकाश त्रिपाठी की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ द्वारा दाखिल सिविल रिवीजन पर सुनवाई टल गई. वहीं जिला जज ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 8 मार्च नियत की है.

अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि जो ज्ञानवापी परिसर में स्वयंभू विशेश्वर का मंदिर है, इसके लिए वाद संख्या 610 सन 1991 दाखिल किया गया है. न्यायालय से यह निवेदन किया गया है कि यह घोषित कर दिया जाए कि यह जो विवादित स्थल है, वह स्वयंभू विशेश्वर के मंदिर का एक अंश है. हिंदुओं को इसमें पूजा-पाठ करने इत्यादि और मरम्मत करने व मंदिर का नवनिर्माण इत्यादि करने का अधिकार है.

अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी कहा कि न्यायालय में यह वाद चल रहा है, लेकिन विपक्षीगण के द्वारा यह प्रश्न उठाया गया कि सिविल न्यायालय को इस बात की सुनवाई के लिए क्षेत्राधिकार नहीं है. इसलिए सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक कोर्ट वाराणसी में उनके द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिस पर दोनों पक्षों की सुनवाई हुई और सुनवाई के पश्चात उनका प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया था.

इस आदेश से क्षुब्ध होकर उन्होंने जनपद न्यायाधीश वाराणसी के समक्ष दो सिविल रिवीजन फाइल किए हैं, जिसमें सुनवाई की तिथि 20 फरवरी 2021 को नियत की गई थी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण जिला जज द्वारा सुनवाई के लिए अगली तिथि 8 मार्च की नियत की गई है.

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