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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी प्रकरण में इस महत्वपूर्ण याचिका पर आज नहीं हो सकी सुनवाई

ज्ञानवापी प्रकरण में एक मामले की सुनवाई 13 मार्च को होनी थी. लेकिन किन्हीं कारणों के चलते कोर्ट ने फैसला सुनाने से मना कर दिया है. अब अगली सुनवाई इस दिन की जाएगी.

Gyanvapi Case
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Published : Mar 13, 2023, 5:37 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई जारी है. लेकिन इन सबके बीच इस बहुचर्चित मामले से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक स्थान पर कराने संबंधी याचिका को लेकर सोमवार को महत्वपूर्ण निर्णय न्यायालय सुनाने वाला था. लेकिन किन्हीं कारणों से आज कोर्ट ने इस प्रकरण पर सुनवाई नहीं की और माना जा रहा है कि अब 20 मार्च को इस प्रकरण पर न्यायालय अपना महत्वपूर्ण फैसला सुना सकता है.

दरअसल, श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और अन्य देवी विग्रहों के संरक्षण की मांग को लेकर 4 वादी महिलाओं की तरफ से एक याचिका न्यायालय में दाखिल की गई थी. जिसमें महिलाओं ने यह मांग रखी थी कि ज्ञानवापी के सभी मामलों की सुनवाई एक साथ एक न्यायालय में होनी चाहिए. इस याचिका को दायर करने वाली महिलाओं में लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक शामिल थी.

इनके अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी और सुधीर त्रिपाठी ने मामलों की समस्त सुनवाई एक जगह किए जाने पर अपनी राय भी रखी थी और कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली को सुरक्षित कर लिया था. फैसला सुनाने के लिए 13 मार्च की तिथि मुकर्रर की गई थी. लेकिन आज आदेश आ नहीं सका और कोर्ट ने अगली तिथि 20 मार्च की मुकर्रर की है. हालांकि इस मामले में राखी सिंह ने विरोध भी दर्ज कराया है. उनके वकील अलग-अलग मामलों की सुनवाई अलग-अलग न्यायालय में ही होने देने के पक्षधर हैं. उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग भी की है.

यह भी पढ़ें- Avimukteshwarananda Saraswati: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भक्तों संग खेली फूलों की होली

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अलग-अलग न्यायालय में सुनवाई जारी है. लेकिन इन सबके बीच इस बहुचर्चित मामले से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक स्थान पर कराने संबंधी याचिका को लेकर सोमवार को महत्वपूर्ण निर्णय न्यायालय सुनाने वाला था. लेकिन किन्हीं कारणों से आज कोर्ट ने इस प्रकरण पर सुनवाई नहीं की और माना जा रहा है कि अब 20 मार्च को इस प्रकरण पर न्यायालय अपना महत्वपूर्ण फैसला सुना सकता है.

दरअसल, श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और अन्य देवी विग्रहों के संरक्षण की मांग को लेकर 4 वादी महिलाओं की तरफ से एक याचिका न्यायालय में दाखिल की गई थी. जिसमें महिलाओं ने यह मांग रखी थी कि ज्ञानवापी के सभी मामलों की सुनवाई एक साथ एक न्यायालय में होनी चाहिए. इस याचिका को दायर करने वाली महिलाओं में लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक शामिल थी.

इनके अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी और सुधीर त्रिपाठी ने मामलों की समस्त सुनवाई एक जगह किए जाने पर अपनी राय भी रखी थी और कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली को सुरक्षित कर लिया था. फैसला सुनाने के लिए 13 मार्च की तिथि मुकर्रर की गई थी. लेकिन आज आदेश आ नहीं सका और कोर्ट ने अगली तिथि 20 मार्च की मुकर्रर की है. हालांकि इस मामले में राखी सिंह ने विरोध भी दर्ज कराया है. उनके वकील अलग-अलग मामलों की सुनवाई अलग-अलग न्यायालय में ही होने देने के पक्षधर हैं. उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग भी की है.

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