वाराणसीः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में आज वकीलों की हड़ताल की वजह से कोर्ट की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी. लेकिन कोर्ट ने इस मामले में कल यानी बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए मुकर्रर की है. जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडे की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर शिवलिंग मिलने के दावे वाली जगह पर वजू के स्थान के लिए लगी पाइपलाइन को बाहर करने, नमाजियों के लिए अंदर शौचालय के बंद होने की वजह से दिक्कतों के कारण उसकी व्यवस्था करने और तालाब के अंदर मौजूद मछलियों को सुरक्षित रखने के लिए नए वकील कमिश्नर को भेजकर जांच पूरी करके आख्या मांगने की एप्लीकेशन मंगलवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दी गई थी.
इसके अलावा वादी पक्ष की महिलाओं की तरफ से ज्ञानवापी परिसर का फिर से कमीशन की कार्रवाई के तहत वीडियो सर्वेक्षण कराने की मांग की गई थी. जिसमें दक्षिणी और पूर्वी हिस्से में मौजूद दीवार को तोड़कर मलबा हटाकर और जिस तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है उसके नीचे मौजूद एक दीवार का दरवाजा खोलकर अंदर आगे की वास्तविक स्थिति जानने का भी एक प्रार्थना पत्र दिया गया था. इन दोनों मामले में न्यायालय ने कल यानी 19 मई को सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है.
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Gyanvapi Mosque survey matter | The Muslim side seeks two days' time from the court to file their objection plea, say that the lawyers are on strike today and the Court Commissioner has also been granted two days' time to file his report.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 18, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 18, 2022
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वहीं, बुधवार को वादी पक्ष की तरफ से एक और एप्लीकेशन कोर्ट में दी गई है. जिसमें हटाए गए वकील कमिश्नर अजय मिश्रा से 6 और 7 मई को की गई कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट तैयार करवाने में मदद करने के लिए कोर्ट को आदेश देने के लिए कहा गया है. इसके अलावा कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की तरफ से वादी पक्ष और शासकीय अधिवक्ता की एप्लीकेशन आपत्ति जताने के लिए 2 दिन का वक्त मांगा है. इस एप्लीकेशन को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. फिलहाल इस पूरे मामले में शुक्रवार को वकील कमिश्नर विशाल सिंह की तरफ से 4 दिन की कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट फाइल की जाएगी.
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'Gyanvapi row' | If idol of Baba Vishweshwar was found then how can it be a 'wazukhana', this can't happen now. We demand that, until the ruling comes, Shivling be handed-over to Kashi Vishwanath Nyas...: Nagendra Pandey, President, Shri Kashi Vishwanath Temple Trust Council pic.twitter.com/2r9H7N47aN
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 18, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 18, 2022'Gyanvapi row' | If idol of Baba Vishweshwar was found then how can it be a 'wazukhana', this can't happen now. We demand that, until the ruling comes, Shivling be handed-over to Kashi Vishwanath Nyas...: Nagendra Pandey, President, Shri Kashi Vishwanath Temple Trust Council pic.twitter.com/2r9H7N47aN
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 18, 2022
उल्लेखनीय है कि कमीशन की कार्यवाही पूर्ण होने के बाद मंगलवार को कोर्ट ने विशेष वकील कमिश्नर विशाल सिंह की याचिका पर रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 2 दिन का वक्त दिया था. विशाल सिंह की शिकायत पर पहले वकील कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किए गए अजय मिश्रा को इस पूरी कार्यवाही से हटाकर विशाल सिंह को ही रिपोर्ट सबमिट करने का अधिकार कोर्ट ने दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 12 मई के बाद की गई सभी कार्यवाही की रिपोर्ट विशाल सिंह अपने सिग्नेचर से दाखिल करेंगे और उनके साथ सहयोगी के रूप में अजय प्रताप सिंह रहेंगे. सारे कार्य विशाल सिंह की देख-रेख में ही संपन्न होंगे. वहीं, कोर्ट ने दो अन्य मामलों में सुनवाई के लिए 18 मई की तिथि मुकर्रर की थी.
वहीं, हिंदू पक्ष की तरफ से श्रृंगार गौरी प्रकरण में वादी महिला सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और राखी सिंह की तरफ से एक अन्य प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है. इसमें यह कहा गया है कि वकील कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान कुछ जगहों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है. वादी पक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रतिवादी पक्ष की तरफ से तमाम रास्तों को बंद कर दिया गया था. दीवारें उठाकर मलवा फेंककर रास्ते में बाधा पैदा करने की कोशिश की गई थी. इसलिए इन दीवारों को हटाकर मलवा उठाकर यहां पर भी कमीशन की कार्यवाही पूरी की जानी चाहिए, जिस पर अदालत ने मंगलवार को बहस पूरी करते हुए बुधवार 18 मई को इस मामले में कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए बोला था.
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